➡ दस्तावेजो के साथ छेड़छाड़ व फर्जीवाड़ा कर एस.आर.ए. नियमो की उड़ाई धज्जिया
➡ सैकड़ों बेघर लोगों का पिछले डेढ सालों से धरना प्रदर्शन
➡ ओमकार बिल्डर को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग
➡ सैकड़ों बेघर लोगों का पिछले डेढ सालों से धरना प्रदर्शन
➡ ओमकार बिल्डर को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग
◼ मुकेश गुप्ता / मुंबई
एक आम आदमी के लिए सर पर घर की छत होना एक बडी उपलब्धि माना जाता है। ऐसे में अपनी जीवन भर की पूंजी लगाकर अपना एक छोटा सा घर झुग्गी- झोपड़पट्टियों में खरीद कर अपना आशियाना बनानेवाले लोगों के साथ फर्जीवाडा कर उन्हें बेघर किए जाने का मामला सामने आया है। मुंबई के मालाड पूर्व स्थित कुरार विलेज के जानु भोये नगर में ओमकार बिल्डर द्वारा झोपडपट्टी में रहनेवाले तकरीबन ७०० लोगों के आशियाने यह कह कर उजाड दिए कि उन्हें इसके बदले एसआरए के तहत पक्के मकान मिलेंगे। मगर अब इस बात से नकार कर ओंकार बिल्डर ने उन्हें पूरे परिवार के साथ सडकों पर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। जिसके खिलाफ सैकड़ो की संख्या में भुक्तभोगी पीड़ित बीते कई महीनों से धरना प्रदर्शन आंदोलन कर रहे है। अचंभे की बात तो यह है कि इस लोकतंत्र के देश में इतने महिनों से चल रहे धरना आंदोलन पर सरकार, किसी नेता या मिडिया की नजर नहीं पडी। आखिरकार स्थानीय लोगों ने जब लिखित रूप से जब मिशन पत्रकारिता को शिकायत की तब हमें हरकत में आना पडा। जबकि स्थानीय नेता ओमकार बिल्डर की चापलूसी भरी भाषा बोल रहे है। इस वजस से आंदोलनकारियों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
मिशन पत्रकारिता संस्था को दिए गए पत्र में स्थानीय लोगों ने बताया कि वे २३ मई २०१६ से इस एसआरए प्रोजेक्ट के विरोध में धरणा प्रदर्शन कर रहे हैं। जब हमारे संवाददाता मुकेश गुप्ता ने इस बात की तहकीकात की तो पता चला कि ओमकार बिल्डर व कमिटी सदस्यों की मिलीभगत से जानू भोये नगर सहकारी गृह निर्माण संस्था के मुख्य प्रवर्तक व स्थानीय बीजेपी नेता मगन भाई टाक और उनकी पत्नी नीमू मगन भाई टाक ,इन दोनों के नाम पर रूम अलॉट किया गया है। इसके अलावा पहले माले पर रहने वाले २० से २५ रिश्तेदारों व करीबियों को पात्र कर रूम अलॉट किया गया है। इसके साथ ही सचिव गुलाब गवाने के स्वयं के नाम और पत्नी सहित उसकी लड़की के नाम रूम पात्र कर अलॉट किये गए। इन तीनो के नाम क्रमशः गुलाब गवाने, मंगल गुलाब गवाने, कुसुम गुलाब गवाने है। मगर बाकि लोग अब तक अपात्र क्यों है ये बात जानने के लिए आगे छानबिन की तो और चौंकानेवाला सच सामने आया। इस प्रोजेक्ट के प्रवर्तक पतिराज यादव के परिवार के ४ लोगो के नाम पर रूम अलॉट किये गए है। जिनके नाम क्रमशः पतिराज यादव,उसकी पत्नी हीरावती पतिराज यादव,बेटा संतोष पतिराज यादव,बेटा ब्रिजेश पतिराज यादव है।
बता दें कि राजीव सहकारी गृहनिर्माण संस्था (नियोजित) के अध्यक्ष योगेंद्र बहादुर सिंह के नाम २ रूम पात्र हुए थे लेकिन इस बाबत हुई शिकायतों के बाद १ ही रूम पात्र किया गया। बावजूद इसके योगेंद्र सिंह के साथ उसके २ भाइयो के नाम भी २ रूम पात्र कर अलॉट किये गए है। शकील अफ़सर अली मालिक के परिवार के कुल ७ सदस्यों को रूम अलॉट किया गया है। जिनके नाम क्रमशः शकील अफ़सर अली मालिक,शेरुनिशा अफ़सर अली मालिक,मोहम्मद शकील, मोहम्मद अफजल,अब्दुल रहमान,मोहम्मद सुल्तान,अब्दुल रहीम है। पहले माले पर रहने वाले करीबन २९४ लोगो को अवैध रूप से पात्र करवा कर रूम अलाट किया गया है।
गौरतलब है कि एसआरए नियमो के अनुसार पहले माले पर रहने वाले लोगो को पात्र नही किया जा सकता। एक ही परिवार के १ से अधिक सदस्यों के नाम पर रूम पात्र कर अलॉट नही किया जा सकता। फर्जी लाइट बिल बनाकर व दस्तावेज से छेड़छाड़ कर पात्र-अपात्र का गोरखधंधा जोरो से जारी है। सरेआम कानून का उल्लंघन कर किये गए उक्त गैरकानूनी कृत्य के लिए दोषी बिल्डर व सोसायटी कमिटी के पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।
बता दे कि ओमकार बिल्डर व सोसायटी सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में दी.२१/०६/२०१६ को कुरार पुलिस थाने में एफआईआर नंबर.१९८/१६ , आईपीसी की धारा १७७,१८२,१९९,२००,४०६,४२०,४६५,४६७,४६८,४७१,१२० बी,३४ के तहत मामला दर्ज किया गया है। आदर्श घोटाले से बड़ा स्कैम करने का आरोप लगाकर ओमकार बिल्डर को ब्लैैक लिस्टेड करने की मांग लोग कर रहे है। वहीं मिशन पत्रकारिता द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता व राज्यमंत्री रवींद्र वायकर को लिखित रूप से बेघर परिवारों को पुनर्वसन की मां अध्यक्ष शैलेष जायसवाल ने की है।
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