किशनदेव गुप्ता / पालघर
वसई।शासन -प्रशासन में पारदर्शी कार्यप्रणाली व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने "सूचना का अधिकार" कानून बनाया।भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे भ्रष्ट अधिकारी आरटीआई कार्यकर्ताओ को जानकारी न देने हेतु नए-नए हथकंडे अपना कर गुमराह कर रहे है।जिससे जन माहिती अधिकारियो पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
वसई-विरार के आरटीआई कार्यकर्ताओ ने बताया कि वीवीएमसी मुख्यालय द्वारा समय पर सूचनाएं नही दी जाती।इसके चलते अधिकतर लोगों को अपील में जाना पड़ता है।जिससे लोगो के श्रम,धन व समय की हानि होती है।बावजूद इसके संवेदनहीन भ्रष्ट सूचना अधिकारी भ्रष्टाचार को छुपाने हेतु लोगो को गुमराह कर दिग्भ्रमित कर रहे है।ऐसा ही एक मामला बीते दिनों प्रकाश में आया है।एक आम नागरिक जब आरटीआई की अर्जी देने वीवीएमसी मुख्यालय गया तब अधिकारियों ने उसे 2 दिनों तक विभागों के चक्कर लगवाये।कोई अधिकारी -कर्मचारी उसे नई बिल्डिंग भेजता,तो कोई वहां से उसे फिर से मनपा मुख्यालय भेजता।कोई कहता वहां जाओ,कोई कहता यहां जाओ।इससे थक हार कर वह मनपा अधिकारियों पर भड़क गया।तब कही जाकर लिखित रूप में अधिकारी ने बताया कि आप सीयूसी विभाग में जाइये।इस घटना से स्पष्ट हो गया कि कैसे भ्रष्ट मनपाअधिकारी-कर्मचारी नागरिको के साथ अभद्र व्यवहार व घटिया खेल खेलते है।ऐसे ही प्रतिदिन सरकारी कार्यालयों में आम नागरिकों का मजाक बनाया जाता है।जिससे प्रशासन के प्रति नागरिको में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।मनपा आयुक्त सतीश लोखंडे की निष्क्रियता व लापरवाही के चलते भ्रष्ट मनपाकर्मियो का दुःसाहस व मनमानीपूर्ण गतिविधियां अपनी चरम पर है।अब देखना यह है कि आयुक्त सतीश लोखंडे ऐसे भ्रष्ट निरंकुश अधिकारियों पर अंकुश लगा पाएंगे ?
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