कमर आलम अंसारी/मुंबई
मुंबई निवासी एक बुजुर्ग दंपति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर ‘एक्टिव यूथनेशिया’ (इच्छा मृत्यु) की अनुमति देने की मांग की है। यह मामला मुंबई के चारणी रोड के समीप स्थित ठाकुरद्वार में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति की है। मिली जानकारी के मुताबिक, इरावती लवाटे (७९) और उनके पति नारायण लवाटे (८७) को किसी तरह की शारीरिक परेशानी नहीं है। इरावती स्कूल प्रिंसिपल रह चुकी हैं, जबकि नारायण पूर्व सरकारी कर्मचारी हैं।
समाज में योगदान देने में सक्षम नहीं होने के डर से उन्होंने यह राष्ट्रपति को पत्र लिखकर यह मांग की है. इरावती ने कहा, ‘शादी के पहले साल में ही हम लोगों ने बच्चा नहीं करने का फैसला कर लिया था। बुजुर्ग अवस्था में हम लोग नहीं चाहते कि कोई दूसरा हमारी जवाबदेही ले। दंपति ने पत्र में लिखा कि टर्मिनली इल (बीमारी के कारण शरीर का काम न कर पाना) होने की स्थिति में वह समाज के लिए अपना कोई योगदान नहीं कर सकेंगे. दंपति ने बताया कि इस डर के कारण उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर एक्टिव यूथनेशिया की अनुमति देने की मांग की है. एक्टिव यूथनेशिया में आम तौर पर पेन किलर का ओवरडोज दिया जाता है, ताकि व्यक्ति की मौत हो जाए।
गौरतलब है कि भारतीय कानून इच्छा मृत्यु का प्रावधान नहीं है। बुजुर्ग दंपति ने जो पत्र राष्ट्रपति को लिखा है उसमें साफ है कि दोनों बुजुर्ग का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है. यह पत्र २१ दिसंबर २०१७ को लिखा गया है।
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