दो दिन के इस संगीतमय माहौल में पहले दिन महान ग़ज़ल गायिका पदमश्री डॉ सोमा घोष, संगीतकार व गायक विवेक प्रकाश व रौली प्रकाश और मिथिलेश लख़नवी जी ने संगीत रस की फुहारों से पूरे सदन को आनन्दित कर दिया ।दूसरे दिन श्रोतागणों की मांग पर फिर से पदमश्री डॉ सोमा घोष मंच पर हाज़िर रही। भारत रत्न शहनाई वादक उस्ताद श्री बिसमिल्लाह ख़ान से आशीर्वाद प्राप्त गायिका ने अपनी गायकी को संगीतकार नौशाद जी को अर्पित करते हुए अपनी सलीक़ेदार व ख़ूबसूरत शैली से श्रोताओं को अभिभूत किया । उस्ताद अहमद हुसैन व उस्ताद मोहम्मद हुसैन की नायाब जुगलबन्दी और सत्यम आनन्द जी ने अलग -अलग रंग व रस से सराबोर , मनमोहक और भावविभोर कर देने वाली ग़ज़ल प्रस्तुत करके श्रोताओं को मन्त्र-मुग्ध कर दिया।श्रोतागणों में संगीत जगत की कई हस्तियों की मौज़ूदगी , खासतौर पर सिने गीतकार माया गोविन्द जी ने संगीत की इस महफिल की रौनक बढ़ाई ।
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