सुनील तिवारी / मुंबई
चार सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं का मुंबई महानगर पालिका के अंधेरी पश्चिम स्थिति "के पश्चिम" के कार्यालय में प्रवेश पर लगी पाबन्दी के विरोध मे श्री अंकुशकुराडे, नितिन चव्हाण, मुकुंद मोरे व हाजी अकमद शेख की अगुवाई में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार दोपहर 3बजे जोरदार प्रदर्शन किया। 21 सितम्बर2018 को मनपा "के पश्चिम" कार्यालय के मुख्य द्वार पर लगाये गए बैनर जिस पर चार सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं के नाम फोटो के साथ लगा कर उनके इस कार्यालय में प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई थीं। इस संदर्भ में उन कार्यकर्ताओं में से एक श्री हेमंत दलाल ने जब सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो मनपा अधिकारी सन्तोषप्रद जवाब नहीं दे पाए।
मनपा अधिकारी मुख्य द्वार पर फ़ोटो के साथ बैनर लगाने के उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गए किसी भी आदेश को भी प्रस्तुत नहीं कर पाए।इसी से मनपा अधिकारियों का तानाशाही रवैया उजागर हो गया। मनपा अधिकारी किस तरह से "के पश्चिम" के कार्यालय में अपने पद का नाजायज़ फायदा उठाकर जनता के खून पसीने की कमाई से जमा किये गए मनपा के राजस्व को लूटने वाले भृष्ट लोगों को बचाने में जी जान से लगे हुए हैं।जाहिर है इस काम के एवज में उनका "मेहनताना" भी काफी दमदार ही होता होगा। मनपा " के पश्चिम" के कार्यालय में फैले इसी भ्र्ष्टाचार को उजागर करने के लिये ही ये सभी सूचना अधिकार कार्यकर्ता जमा हुए थे। तथा मनपा उपायुक्त झोन -4 श्री किरण आचरेकर जी से मिल कर उनके विभाग के अधिकारियों द्वारा किए गये इस असवैधानिक व मनमाने फैसले का जोरदार विरोध प्रदर्शित किया व संविधानात्मक तरीके से ज्ञापन दे कर कार्यवाही की मांग की। उपायुक्त ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि वे इस मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही जल्द से जल्द करेंगे।
एक तरफ सरकार करोड़ों रूपये विज्ञापन पर ख़र्च करके जनता से अपील करती हैं कि भ्र्ष्टाचार को रोकने में सरकार की मदद करे किसी भी भ्र्ष्टाचार को उजागर करने के लिए सूचना अधिकार का उपयोग करें व सरकार को समय पर सूचित करें।परन्तु कुछ भृष्ट सरकारी अधिकारी सरकार की इन योजनाओं को अपने निजी स्वार्थ के लिये किस तरह से कूड़ेदान में डालते हैं ये मनपा अधिकारियों के रवैये से साफ साफ दिखाई देता हैं।
Corrupt BMC officer don't want any RTI activities In BMC because we raising there corruption. Fight for your right jai hind
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