0


आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति अपना और अपने परिवार के लिए समय नहीं दे पाता। अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए वह अपने काम में ही व्यस्त रहता है। आज की नई पीढ़ी का परिवार के लिए समय ना दे पाना उनके माता पिता और बुजुर्गों के अकेलेपन का कारण बन जाता है और दोनों पीढियों की सोच में भिन्नता के कारण आपसी मनमुटाव पैदा होता है। पहले जमाने की सोच और रीति रिवाज को अभी की परिस्थिति और समय के लोग अपना नहीं पाते, समय की पाबंदी का बहाना बनाकर वह इन्हें टाल जाते हैं। वाकई में क्या समय के साथ लोगों की व्यस्तता इतनी बढ़ गई है कि वे अपने बड़ों के लिए समय नहीं दे पाते। समय को अमूल्य कहा गया है परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि समय को बस में रखने का व्यक्ति के पास सामर्थ्य ही ना हो।
मनोज शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म 'लाइफ में टाइम नहीं है किसी को' की कहानी माहेश्वरी परिवार की है जिसमें परिवार का मुखिया दादा जी (अंजन श्रीवास्तव) उसके दो बेटे राधे (गोविंद नामदेव) और घनश्याम (शक्ति कपूर) है। राधे अपना पूरा जीवन अपने पिता की सेवा, परिवार का व्यवसाय और छोटे भाई के परिवार को संभालने में झोंक देता है। घनश्याम के दो पुत्र जीतेन (रजनीश दुग्गल) जो पेशे से डॉक्टर है और जग्या (कृष्णा अभिषेक) जो निकम्मा और मस्तमौला है। पूरे परिवार को जीतू से आशा है कि वह परिवार का नाम बढ़ायेगा और बड़ों की बात मानेगा यह सोचकर जीतू के ताऊ राधे, जीतू के रिश्ते की बात अपने दोस्त की बेटी से तय कर देते हैं पर दूसरी तरफ अन्य शहर में जीतू अपनी प्रेमिका निशा पटेल (युविका चौधरी) से कोर्ट में शादी कर लेता है। फिर वह जग्या को फोन लगाकर दादा से बात करता है मगर स्पीकर ऑन होने से सभी को शादी की खबर लग जाती है। परिवार की मान मर्यादा, संस्कार सबको ताक में रखकर जीतू के लव मैरिज से ताऊ आगबबूला हो उठता है और घटनाक्रम ऐसा चलता है कि दादा की मृत्यु हो जाती है। आगे परिवार के न चाहते हुए भी जीतू अपनी पत्नी को घर ले आता है फिर यहीं से परिवार में विचारों का टकराव उत्पन्न होता है।
पूजा मूवीज एंड फन की प्रस्तुति निर्माता मंडली मनीष रांदेर, राजेश रांदेर, विष्णु शारदा, श्यामसुंदर मालानी, संजय गर्ग और निर्देशक मनोज शर्मा की फ़िल्म 'लाइफ में टाइम नहीं है किसी को' में इमोशनल ड्रामा तो है ही लेकिन बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन होने के नाते ज्यादा हास्य की फुहारें दिखती है। सभी कलाकारों ने उम्दा काम किया है पर राजपाल यादव और कृष्णा अभिषेक की कॉमेडी दर्शकों को आनंदित करती है। गाने साधारण हैं जो फ़िल्म की धारा जुड़ी है।

गायत्री साहू

Post a Comment

 
Top