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मुंबई : विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर 10 दिसम्बर, 2019 को भारत की नामचीन हस्तियों और एंटरटेनर्स ने एक साथ आकर मेगा कॉमेडी शो 'कॉमिक्स फॉर चेंज' का आयोजन मुंबई में किया जिसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के 17 लक्ष्यों को लेकर प्रेरित करना था और बेहतर भविष्य के निर्माण को लेकर युवाओं में साझा जिम्मेदारी का जागरण करना था। इस कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ़ हॉनर नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी थे।
'कॉमिक्स फॉर चेंज' के संचालक साइरस बोराचा और कुणाल विजयकर थे जबकि शो की परिकल्पना बिज़नेस ऑफ़ आइडियाज और विनीत जे. मेहरा-संस्थापक डीओटी (ग्रीन सलूशन प्रोवाइडर), यूएन स्पीकर और ग्लोबल सस्टेंबिलिटी नेटवर्क (जीएसएन) के संस्थापक सदस्य थे। इस पहल को समर्थन देने वालों में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन, यूएन विमेन, दी ग्लोबल सस्टैनिबिलिटी नेटवर्क, एसवीकेएएमस के एनएमआईएमएस बी-स्कूल, ओनली मच लॉउडर (ओएमएल) टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसी और राइट चॉइस एंड ट्रेवल्स थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भविष्य की पीढ़ी के भीतर जागरूकता पैदा करना है और उन्हें संवेदनशील बनाना है जिससे वह 'सस्टेंबिलिटी ' को अपने सामाजिक, राजनितिक और व्यावसायिक निर्णयों में लागू करे सकें।
 'हास्य' की भाषा सार्वभौम है और इसकी पहचान एक ऐसे सशक्त उपकरण के रूप में की गयी है जो समाज की जटिल से जटिल मुद्दों को एक शक्तिशाली सन्देश दे सकती है जिसका प्रभाव लम्बे समय तक रहता है।
 इस अवसर पर जॉनी लीवर, बोमन ईरानी, कुणाल विजयकर, सलीम मर्चेंट, उर्वशी रौतेला, सौम्या टंडन, आरजे प्रीतम, सुप्रिया पिलगावंकर, जेडी मजीठिया, तन्मय भट्ट, अबीश मैथ्यू , सौरभ पंत, सुमुखी सुरेश, प्रशस्ति सिंह ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये साथ ही सभी ने 600 से अधिक एमबीए के विद्यार्थियों को और 100 से भी अधिक वीआईपी ने जिनमें बॉलीवुड पर्सनालिटी, ग्लोबल अम्बेसडरों ने उस भाषा में संबोधित किया जिसे सब जानते समझते हैं, और वह थी कॉमेडी की भाषा।
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए नोबल शांति पुरुस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि हमें सस्टेंबिलिटी को प्राप्त करने के लिए चार पी का सम्मान करना चाहिए, पीपुल (मनुष्य), प्लेनेट (ग्रह), प्रोस्पेरिटी फॉर आल (सबके लिए समृद्धि) और पीस (शांति)।
 इस अवसर पर बच्चों के लिए मिले नोबल पीस सम्मान के 5 वर्ष पूर्ण होने का भी उत्सव मनाया गया जो भारत के पहले भारतीय कैलाश सत्यार्थी को प्रदान किया गया था। नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी बच्चों के अधिकारों और प्रतिष्ठा की लड़ाई वर्ष 1980 से लड़ रहे हैं।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महिला की ओर से # कौन सी बड़ी बात है' का गीत रिलीज़ किया गया जिसमे महिलाओं और लड़कियों पर होने वाले अत्याचार को तुरंत समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस गीत में लिंग से संबंधित भेदभाव और अत्याचार को समाप्त करने और किस प्रकार यह महिलाओं और लड़कियों को लम्बे समय तक प्रभावित करता है प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव क्या है, यह सारी बातें समाहित हैं।
इस रंगारंग शो ने जहाँ दर्शकों और श्रोताओं को हंसा-हंसाकर लोटपोट किया वहीँ इसमें सस्टैनिबिल्टी को लेकर गंभीर बातें भी उठायी गयी। शो का शुभारम्भ रागेश्वरी लूम्बा के प्रसिद्ध गीत 'वी आर दी वर्ल्ड, वी आर दी चिल्ड्रन' से हुयी जिसमें उनका साथ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के बच्चों ने दिया।
 प्रख्यात कलाकार जॉनी लिवर ने 'जिम्मेदार उपभोग', बोमन ईरानी ने गरीबी, उर्वशी रौतेला और सुप्रिया पिलगावंकर ने फिटनेस और वेलबिंग, आरजे प्रीतम ने 'जीरो हंगर' सौरभ पंत और जेडी मजीठिया ने पर्यावरण परिवर्तन, अबीश मैथ्यू ने इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्टर, तन्मय भट्ट ने गुणकारी शिक्षा, सौम्या टंडन ने लाइफ ऑन लैंड के माध्यम से अपने सन्देश दिए। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर बोमन ईरानी ने दर्शकों के साथ 3 इडियट्स का प्रसिद्ध गीत 'गिव मी सम सनशाइन' गाया।

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