सुप्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती की पहली पुण्य तिथि पर मुम्बई के उपनगर मीरा रोड के विरुंगला केंद्र सभागार में अखिल भारतीय अनुबन्ध फाउंडेशन, मुम्बई द्वारा हाल ही में एक ख़ूबसूरत काव्य संध्या और पुस्तक लोकार्पण का कार्यक्रम रखा गया जिसमें मुम्बई और उपनगरों से पधारे नामचीन कवियों और शायरों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ नन्द लाल पाठक के हाथों अतिथि साहित्यकार सुधाकर मिश्रा, डॉ शीतला प्रसाद दुबे (अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी), डॉ रतन पांडे, इब्राहिम अश्क, लक्ष्मण दुबे, हृदयेश मयंक, प्रमोद कुमार कुश 'तनहा' की उपस्थिति में डॉ सरिता चौबे की पुस्तक 'स्त्री-विमर्श की अवधारणा' का लोकार्पण हुआ। सभी मंचस्थ वरिष्ठ साहित्यकारों को शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया। लोकार्पण सत्र का संचालन हृदयेश मयंक ने किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अखिल भारतीय अनुबन्ध फाउंडेशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद कुमार कुश 'तन्हा' के संचालन में एक ख़ूबसूरत काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमें 25 से ज़्यादा कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं पेश की। सत्र की अध्यक्षता लक्ष्मण दुबे ने की और मुख्य अतिथि लखनऊ से पधारे मनोज श्रीवास्तव थे।
इस महफ़िल में वनमाली चतुर्वेदी, विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ', इब्राहिम अश्क, लक्ष्मण दुबे, अनिल गौड़, श्री देवदत्त देव, शशि मेहरा', हेमा अंजुली, संजय अमान, ज़ाकिर हुसैन रहबर, राकेश शर्मा, गुलशन मदान, एन बी सिंह 'नादान', केतन कमाल, अमर अमान, रमेश श्रीवास्तव, इन्दु मिश्रा, सुमन तिवारी, डॉ पूजा अलापुरिया, डॉ निशा मिश्रा, समृद्धि चौबे, डॉ सरिता चौबे एवं प्रमोद कुमार कुश 'तन्हा' आदि कवियों ने अपनी ख़ूबसूरत रचनाएं प्रस्तुत की।
इस अवसर पर शिवप्रकाश जौनपुरी, अंजनी द्विवेदी, अमर त्रिपाठी, डॉ महेन्द्र प्रताप (भूतपूर्व कार्यकारी निदेशक, ओएनजीसी), डॉ मीनाक्षी त्यागी, सुमन उपाध्याय, श्रीराम शर्मा, गीता चिश्ती (गायिका), डॉ निशा तिवारी, डॉ सुशीला तिवारी, मुस्तहसन अज़्म, राजेश त्रिपाठी (एबीपी न्यूज़), नीलम यादव, जीतेन्द्र यादव एवं अन्य गणमान्य श्रोताओं ने कार्यक्रम को सफलता के शिखर तक पहुंचाया। चार घंटों तक चले इस कार्यक्रम को श्रोताओं का भरपूर प्यार मिला।
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