मुंबई: लॉकडाऊन के कारण अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा ऑनलाइन कवि सम्मेलन कराया जा रहा है।
अलका पाण्डेय ने बताया कि कवि सम्मेलन करने का उद्देश्य, स्वस्थ वातावरण प्रतिदिन नया सृजन की प्रेरणा व निरन्तर प्रस्तुति देते रहने से गायन में सुधार, प्रोत्साहन व कोरोना को भूलकर घर में सार्थक सृजन करना, लोगों से रुबरु होना व नये नये विषयों पर लिखना आदि है। यह कार्यक्रम अभी भी सफलता पूर्वक चल रहा है।
लाकडाऊन के समय इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में क़रीब 256 लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ अलका पाण्डेय (मुंबई), बिजेन्द्र मेव (राजस्थान), डॉ प्रतिभा पारायण (बिहार), रितेश पाण्डेय (नासिक), जनार्दन शर्मा (मध्यप्रदेश) ने किया।
निर्णायक मंडल में डॉ अरविंद श्रीवास्तव असीम (दतिया), डॉ अंजना बाजपेई (रायपुर) शामिल रहे। अश्विन पाण्डेय (मुम्बई) ने सभी का आभार व्यक्त किया। यह कार्यक्रम मधु वैष्णव (राजस्थान) के सहयोग से 42 दिन तक निरंतर चलता रहा और अभी भी जारी है, लेकिन अब रविवार से रविवार किया गया है।
कवि सम्मेलन में यू के से प्रतिभा पाण्डेय, आबूधाबी से शेखर तिवारी, मलेशिया की गुरिंदर गिल, हिमाचल से हिरा सिंह, चंदेल साहब, आसाम से राधावल्लभ, इंदौर से जनार्दन शर्मा, आशा जाकड, संजय मालवी, कटनी से आंनद जैन, रागिनी मित्तल, राजस्थान से सुरेन्द्र शर्मा, दीपा परिहार, मधुवैष्णवी, यूपी से साधना तोमर, डॉ मीना परिहार, डॉ पुष्पा गुप्ता, डॉ अर्चना पाठक (अम्बिकापुर), पदमा तिवारी, दमोह से अंजली तिवारी, इंद्राणी साहू, अनिता झा, द्रोपदी, छतीसगढ से पद्माक्षी, पुणे से शकुंतला, चंडीगढ़ से अंकिता सिन्हा, झारखंड से सुनिल श्रीवास्तव, निहाल चन्द शिवहरे (झाँसी), रामेश्वर प्रसाद गुप्ता (मुम्बई), उपेन्द्र अजनवी, विष्णु अलावा, भावना सावलिया (गुजरात), सीमा दुबे, गीता पाण्डेय, रानी नांरग, प्रिया उदयन (केरल) जैसे नामी गिरामी दौ सो पचास कवियों ने काव्य पाठ किया।
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