नवी मुंबई। 'सुधा साहित्य सामाजिक संस्था' की ओर से दिनांक 5/5/20 दिन शुक्रवार को कारोना वैश्विक महामारी के कारण वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए संस्था के 'सुधा साहित्य मीमांसा' के पटल पर ऑनलाइन रचनाकारों का सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अध्यक्षा रजनी साहू की माता 'साहित्य साधिका स्व. सुधा साहू के महाप्रयाण दिवस' (वट सावित्री की पूर्णिमा) पर उनकी समृति में आयोजित किया गया था।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम में पटल पर अनेक साहित्यकारों, श्रोता और समिति के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। संस्था की अध्यक्षा रजनी साहू द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। कवयित्री राजेश राज द्वारा सम्मान समारोह विषय पर विस्तृत और रोचक जानकारी सभी को प्रदान की गई। रजनी साहू, पं. सागर त्रिपाठी, राजेश राज और डॉ. नीलिमा पांडेय की दिवंगत माता की स्मृति में शांतिपूर्वक सभी सदस्यों द्वारा निजी रूप से मौन धारण किया गया।
साहित्यकार पं. सागर त्रिपाठी के मार्गदर्शन से संस्था के पटल पर प्रशस्ति पत्रक वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें सभी सम्मानित साहित्यकारों को मुख्य अतिथि पं. सागर त्रिपाठी द्वारा आशीर्वचन दिया गया। साथ ही विशिष्ट अतिथि डॉ. दयानंद तिवारी द्वारा शुभकामना संदेशों के साथ सुधा साहित्य सामाजिक संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्रक प्रदान किया गया।
देश के अलग-अलग क्षेत्रों के साहित्यकारों ने इस ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया और उनमें से चुने हुए साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित रचनाकारों के नाम इस प्रकार हैं- पंडित सागर त्रिपाठी को गज़ल की कार्यशाला के लिए, डॉ. दयानंद तिवारी को आधुनिक हिंदी कविता की भाषा पर मार्गदर्शन के लिए, राजेश कुमारी 'राज' को नवगीत पर मार्गदर्शन के लिए डॉ. नीलिमा पाण्डेय को उपनिषद पर विचार विमर्श और छंद की कार्यशाला के लिए, गिरीश अश्क को आधुनिक हिंदी कविता की भाषा पर विचार विमर्श के लिए, डॉ. शैलैश गुप्त 'वीर' को क्षणिका की कार्यशाला, पं.शिवप्रकाश जौनपुरी को सक्रिय रूप से काव्य पटल पर गतिशील रहने के लिए, सविता चडढा को आत्मकथा और जीवनी पर विचार विमर्श के लिए, प्रकाशचंद्र झा को सक्रिय रूप से काव्य पटल पर गतिशील रहने के लिए, हीरालाल को ग़जल की कार्यशाला में सहभागिता के लिए, कन्हैया लाल साहू 'अमित' छंद कार्यशाला में सहभागिता के लिए, सनत कुमार जैन को उनके आलेख 'अर्ध रात्रि के ज्ञान' की सतत श्रृंखला के लिए और अंत में दिवाकर विश्वनाथ वैश्पायन को 'साहित्य दधीचि' सम्मान से अंलकृत किया गया।
देशभर के साहित्यकारों के काव्यों, गज़लों, कहानियों , लेखों और साहित्य की विभिन्न विधाओं पर सक्रिय रूप से लेखन के कारण ही 'सुधा साहित्य मीमांसा' का पटल काव्य, धर्म, आध्यात्म, पर्यावरण, संस्कृति, वैश्विक महामारी से जुड़े विभिन्न विषयों की जानकारियों और साहित्य की विविध विधाओं की जानकारियों इत्यादि से सुशोभित होता रहता है।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम में छत्रसाल साहू (संरक्षक), संतोष साहू (उपाध्यक्ष), गायत्री साहू (सचिव), पुजा सिंह (कोषाध्यक्ष), सीमा ठाकुर (सदस्य), रेखा साहू (जबलपुर), सौम्या साहू (सदस्य), अदिति साहू (सदस्य), आदित्य साहू (सदस्य), रीना साहू (रायबरेली), किशन तिवारी (भोपाल), डॉ सीमा सूरी (दिल्ली), महेश राजा (छत्तीसगढ़), ओशो अभिषेक स्वामी (इंदौर) आदि भी सम्मिलित हुए। अदिति साहू ने पोस्टर निर्माण और संस्था की बाह्य रूपरेखा का निर्माण किया।
सुधा साहित्य सामाजिक संस्था की अध्यक्षा रजनी साहू ने वट सावित्री उत्सव और विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर इस ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। उनका कहना है कि यह संस्था साहित्य, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति की द्योतक है। जीव-जंतु, पेड़-पौधे और सम्पूर्ण प्रकृति का संरक्षण करना मानव का धर्म है। यदि हम इनका संरक्षण करेंगे तो प्रकृति हमारा संरक्षण करेगी, इनके ह्रास में हमारा भी विनाश है जिसका जीवंत उदाहरण वर्तमान परिस्थितियाँ है। अतः सम्पूर्ण मानव समाज को प्रकृति और संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लेकर इनका उत्थान करना चाहिए। इसी प्रकार हमारी संस्था द्वारा आगामी सृजनात्मक गतिविधियाँ ईश्वर की कृपा से सुचारू रूप से सम्पन्न होती रहेगी।
ऑनलाइन कार्यक्रम के मध्य में साहित्यकारों और कवियों द्वारा पटल पर कविताएँ प्रेषित की गई। साथ ही वॉइस कविता और ऑनलाइन कविता पाठ का वीडियो भी पटल पर दिखाया गया। जिससे 'सुधा साहित्य मीमांसा' का पटल जीवंत हो गया। जिसमें मुख्य रूप से कवयित्री गणों में राजेश राज, सविता चड्डा (दिल्ली), डॉ.नीलिमा पांडेय, अरूणा साहू (छत्तीसगढ़), रजनी साहू और कविगणों में दिवाकर वैश्पायन, कन्हैयालाल साहू (छत्तीसगढ़), प्रकाशचंद झा (मुंबई), विजयकांत द्विवेदी (चंपारण), गिरीश अश्क (आगरा) पं.शिवप्रकाश जौनपुरी (मुंबई), हीरालाल, सनत कुमार जैन (बस्तर), ने अपना कविता पाठ किया। सभी ने ईश्वर और मातृ वंदन में समर्पित कविता का पाठ किया। विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर होने के कारण प्रकृति पर भी कविता पाठ किया गया और पर्यावरण संरक्षण पर भी चिंतन किया गया। मुख्य अतिथि पंडित सागर त्रिपाठी और विशिष्ट अतिथि डॉ. दयानंद तिवारी ने वॉइस संदेश के द्वारा सभी साहित्यकारों का उत्साहवर्धन किया और प्रशस्ति पत्र प्राप्त करने वाले साहित्यकारों को शुभकामना संदेश दिया। अंत में संस्था सचिव गायत्री साहू द्वारा सभी अतिथियों, सदस्यों, साहित्यकारों, श्रोताओं का शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से कार्यक्रम पूर्ण करने हेतु आभार ज्ञापित किया गया।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम में पटल पर अनेक साहित्यकारों, श्रोता और समिति के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। संस्था की अध्यक्षा रजनी साहू द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। कवयित्री राजेश राज द्वारा सम्मान समारोह विषय पर विस्तृत और रोचक जानकारी सभी को प्रदान की गई। रजनी साहू, पं. सागर त्रिपाठी, राजेश राज और डॉ. नीलिमा पांडेय की दिवंगत माता की स्मृति में शांतिपूर्वक सभी सदस्यों द्वारा निजी रूप से मौन धारण किया गया।
साहित्यकार पं. सागर त्रिपाठी के मार्गदर्शन से संस्था के पटल पर प्रशस्ति पत्रक वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें सभी सम्मानित साहित्यकारों को मुख्य अतिथि पं. सागर त्रिपाठी द्वारा आशीर्वचन दिया गया। साथ ही विशिष्ट अतिथि डॉ. दयानंद तिवारी द्वारा शुभकामना संदेशों के साथ सुधा साहित्य सामाजिक संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्रक प्रदान किया गया।
देश के अलग-अलग क्षेत्रों के साहित्यकारों ने इस ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया और उनमें से चुने हुए साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित रचनाकारों के नाम इस प्रकार हैं- पंडित सागर त्रिपाठी को गज़ल की कार्यशाला के लिए, डॉ. दयानंद तिवारी को आधुनिक हिंदी कविता की भाषा पर मार्गदर्शन के लिए, राजेश कुमारी 'राज' को नवगीत पर मार्गदर्शन के लिए डॉ. नीलिमा पाण्डेय को उपनिषद पर विचार विमर्श और छंद की कार्यशाला के लिए, गिरीश अश्क को आधुनिक हिंदी कविता की भाषा पर विचार विमर्श के लिए, डॉ. शैलैश गुप्त 'वीर' को क्षणिका की कार्यशाला, पं.शिवप्रकाश जौनपुरी को सक्रिय रूप से काव्य पटल पर गतिशील रहने के लिए, सविता चडढा को आत्मकथा और जीवनी पर विचार विमर्श के लिए, प्रकाशचंद्र झा को सक्रिय रूप से काव्य पटल पर गतिशील रहने के लिए, हीरालाल को ग़जल की कार्यशाला में सहभागिता के लिए, कन्हैया लाल साहू 'अमित' छंद कार्यशाला में सहभागिता के लिए, सनत कुमार जैन को उनके आलेख 'अर्ध रात्रि के ज्ञान' की सतत श्रृंखला के लिए और अंत में दिवाकर विश्वनाथ वैश्पायन को 'साहित्य दधीचि' सम्मान से अंलकृत किया गया।
देशभर के साहित्यकारों के काव्यों, गज़लों, कहानियों , लेखों और साहित्य की विभिन्न विधाओं पर सक्रिय रूप से लेखन के कारण ही 'सुधा साहित्य मीमांसा' का पटल काव्य, धर्म, आध्यात्म, पर्यावरण, संस्कृति, वैश्विक महामारी से जुड़े विभिन्न विषयों की जानकारियों और साहित्य की विविध विधाओं की जानकारियों इत्यादि से सुशोभित होता रहता है।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम में छत्रसाल साहू (संरक्षक), संतोष साहू (उपाध्यक्ष), गायत्री साहू (सचिव), पुजा सिंह (कोषाध्यक्ष), सीमा ठाकुर (सदस्य), रेखा साहू (जबलपुर), सौम्या साहू (सदस्य), अदिति साहू (सदस्य), आदित्य साहू (सदस्य), रीना साहू (रायबरेली), किशन तिवारी (भोपाल), डॉ सीमा सूरी (दिल्ली), महेश राजा (छत्तीसगढ़), ओशो अभिषेक स्वामी (इंदौर) आदि भी सम्मिलित हुए। अदिति साहू ने पोस्टर निर्माण और संस्था की बाह्य रूपरेखा का निर्माण किया।
सुधा साहित्य सामाजिक संस्था की अध्यक्षा रजनी साहू ने वट सावित्री उत्सव और विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर इस ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। उनका कहना है कि यह संस्था साहित्य, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति की द्योतक है। जीव-जंतु, पेड़-पौधे और सम्पूर्ण प्रकृति का संरक्षण करना मानव का धर्म है। यदि हम इनका संरक्षण करेंगे तो प्रकृति हमारा संरक्षण करेगी, इनके ह्रास में हमारा भी विनाश है जिसका जीवंत उदाहरण वर्तमान परिस्थितियाँ है। अतः सम्पूर्ण मानव समाज को प्रकृति और संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लेकर इनका उत्थान करना चाहिए। इसी प्रकार हमारी संस्था द्वारा आगामी सृजनात्मक गतिविधियाँ ईश्वर की कृपा से सुचारू रूप से सम्पन्न होती रहेगी।
ऑनलाइन कार्यक्रम के मध्य में साहित्यकारों और कवियों द्वारा पटल पर कविताएँ प्रेषित की गई। साथ ही वॉइस कविता और ऑनलाइन कविता पाठ का वीडियो भी पटल पर दिखाया गया। जिससे 'सुधा साहित्य मीमांसा' का पटल जीवंत हो गया। जिसमें मुख्य रूप से कवयित्री गणों में राजेश राज, सविता चड्डा (दिल्ली), डॉ.नीलिमा पांडेय, अरूणा साहू (छत्तीसगढ़), रजनी साहू और कविगणों में दिवाकर वैश्पायन, कन्हैयालाल साहू (छत्तीसगढ़), प्रकाशचंद झा (मुंबई), विजयकांत द्विवेदी (चंपारण), गिरीश अश्क (आगरा) पं.शिवप्रकाश जौनपुरी (मुंबई), हीरालाल, सनत कुमार जैन (बस्तर), ने अपना कविता पाठ किया। सभी ने ईश्वर और मातृ वंदन में समर्पित कविता का पाठ किया। विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर होने के कारण प्रकृति पर भी कविता पाठ किया गया और पर्यावरण संरक्षण पर भी चिंतन किया गया। मुख्य अतिथि पंडित सागर त्रिपाठी और विशिष्ट अतिथि डॉ. दयानंद तिवारी ने वॉइस संदेश के द्वारा सभी साहित्यकारों का उत्साहवर्धन किया और प्रशस्ति पत्र प्राप्त करने वाले साहित्यकारों को शुभकामना संदेश दिया। अंत में संस्था सचिव गायत्री साहू द्वारा सभी अतिथियों, सदस्यों, साहित्यकारों, श्रोताओं का शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से कार्यक्रम पूर्ण करने हेतु आभार ज्ञापित किया गया।
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