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इस महामारी के दौरान, निवारक उपायों के कारण मनोरंजन उद्योग को एक लंबे ठहराव का सामना करना पड़ा है। जबकि लंबे समय से जारी लॉकडाउन के बाद देश को अनलॉक करना शुरू कर दिया गया है और इसी के साथ व्यावसायिक क्षेत्र फिर से खुलने लगे है। और जल्द ही यह सवाल पूछा गया कि यदि अन्य व्यवसाय फिर से शुरू हो सकते हैं, तो फिल्म और संबद्ध उद्योगों में काम क्यों नहीं किया जा रहा है? काम नहीं कर पाने की भावना ने मनोरंजन उद्योग से जुड़े लोगों को बहस करने पर मजबूर कर दिया और फिल्म निर्माण गतिविधियों को फिर से शुरू करने के मामले में सरकार के निर्णय को शिथिल करने की कोशिश की जा रही थी।
अंततः महाराष्ट्र सरकार ने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की अनुमति दी, जिससे शूटिंग गतिविधियों को फिर से शुरू किया गया। शूटिंग के दौरान कई स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जाना था। 65 साल और उससे अधिक उम्र के अभिनेताओं और यूनिट के सदस्यों को नए एसओपी के तहत शूटिंग के लिए अनुमति नहीं दी गई थी। लेकिन मनोरंजन उद्योग में कोरोनोवायरस के हालिया मामले, इस पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकते हैं।
हालांकि किसी को यह नहीं पता कि अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन लॉकडाउन के दौरान अपने काम के शेड्यूल के कारण कोरोनोवायरस के साथ कैसे संपर्क में आये, लेकिन इनके द्वारा फिर से काम शुरू करने ने, मुंबई में कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों पर एक सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
पार्थ समथान नवोदित अभिनेता हैं जो कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए है। अभिनेता ने हाल ही में टीवी धारावाहिक 'कसौटी ज़िंदगी की' की शूटिंग शुरू की थी। इससे अभिनेता और तकनीशियन शूटिंग, डबिंग आदि को फिर से शुरू करने के लिए अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर सकते हैं। किसी को भी नहीं पता है कि अभिनेता कैसे वायरस के संपर्क में आये, लेकिन अब हर कोई कोविड-19 से जुड़े डर के साथ हर संभावना पर विचार कर सकते है। अब रिस्क फैक्टर अधिक है।
इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि फिल्म या धारावाहिक या वेब श्रृंखला की शूटिंग के लिए लोगों को निकटता से काम करने की आवश्यकता होती है, कुछ ऐसा जिससे कार्यालय में काम करने वाले लोग काफी हद तक बच सकते हैं। स्वच्छता और सेनीटाइज़ेशन प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि ये सब कितना पर्याप्त है? इन सब को पर्याप्त और सुरक्षित क्या बनाता है?
फ़िल्म विश्लेषक कोमल नाहटा कहते हैं,"यदि अन्य व्यवसाय फिर से शुरू हो सकते हैं, तो फिल्म और संबद्ध उद्योगों में काम क्यों नहीं किया जा रहा है, यह तर्क दिया जा रहा था। काम शुरू नहीं कर पाने की भावना मनोरंजन उद्योग से जुड़े लोगों को फिल्म निर्माण गतिविधियों को फिर से शुरू करने के मामले में सरकार के फैसले पर नाराजगी जता रही थी? आखिरकार, महाराष्ट्र सरकार द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के तहत, शूटिंग गतिविधियों को फिर से शुरू करना संभव हो सका।
इंडस्ट्री के फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट कोमल नाहटा ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री द्वारा कमिटमेंट का पालन करने या नहीं करने के बारे में बात करते हुए कहा, "एक डर यह है कि उपरोक्त तीन मामलों के बाद, सरकार खुद ही फिल्म, टीवी और वेब यूनिट्स को शूट करने के लिए दी गई अनुमति वापस ले सकती है। एक और संभावना यह है कि अभिनेता, तकनीशियन, और चालक दल के सदस्य स्वयं शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन गतिविधियों में भाग लेने में असहमति जता सकते हैं। एक तरफ, स्वास्थ्य और कल्याण के मामले में महामारी से बचने का सवाल है। दूसरी ओर, उस आर्थिक अवसाद से बचना है जो इस महामारी के साथ आ गयी है। वित्तीय तकलीफ़ और स्वास्थ्य दो अलग-अलग छोर पर रहते हैं, लेकिन अब ज़िन्दगी और काम के सामान्य पाठ्यक्रम को फिर से शुरू करने के बीच सही संतुलन कैसे बनाये- यह एक सवाल अहम है।

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