मुंबई : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के साथ आवश्यक ट्रेड डील को रद्द कर दिया और हांगकांग में चीन द्वारा लगाए गए सख्त सुरक्षा कानूनों पर ठोस कार्रवाई करने की धमकी दी। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव ने जियोपॉलिटिकल परिदृश्य का तनाव बढ़ाया और इससे पीली धातु की लागत में वृद्धि हुई। एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च एवीपी श्री प्रथमेश माल्या ने बताया के बुधवार को स्पॉट गोल्ड की कीमतें 0.21 प्रतिशत बढ़ कर 1811.3 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुईं क्योंकि कोरोना वायरस के मामलों में स्थिर उछाल के कारण अर्थव्यवस्था पर तनाव बढ़ गया। आर्थिक सुधार की अवधि लंबी और उम्मीद से ज्यादा होने के डर से निवेशकों ने सेफ-हैवन असेट यानी सोने की शरण ली।
डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 2.26 प्रतिशत बढ़कर 41.2 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुईं क्योंकि यू.एस. क्रूड ऑयल इन्वेंट्री में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज हुई। एनर्जी इंफर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, अमेरिकी क्रूड इन्वेंट्री में पिछले सप्ताह 7.5 मिलियन बैरल की गिरावट आई है। सभी प्रमुख तेल निर्यातक देशों में उत्पादन में आक्रामक कटौती से तेल की कीमतों में लगातार सुधार हुआ है। हालांकि, ओपेक और उसके सहयोगियों ने क्रूड की मांग में सुधार के बाद ओपेक और सहयोगियों द्वारा उत्पादन में कटौती को 2 मिलियन घटाते हुए से 7.7 मिलियन बीपीडी करने की योजना बनाई है।
बुधवार को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल की लागत कम हो गई। जिंक को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। इसकी एक वजह थी कोरोनावायरस के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि और यू.एस.-चीन संबंधों को लेकर बढ़ते तनाव ने औद्योगिक धातुओं के आउटलुक को कम किया। हालांकि, दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने व्यावहारिक प्रोत्साहन और इनफ्लूजन प्लान लागू किए हैं, जिनमें पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने धातु की कीमतों को कुछ सपोर्ट दिया। अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर बढ़ने से रोकने के लिए नए लोन घोषित किए गए।
एलएमई कॉपर 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6386.0 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ। इसकी वजह थी प्रमुख निर्यात देशों से गंभीर आपूर्ति संकट और यू.एस. -चीन की प्रतिद्वंद्विता ने भी बाजार की लागतों पर दबाव डाला।
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