मुम्बई। अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच ने लॉकडाऊन में
अग्निशिखा के संग, कोरोना की जंग, विविध काव्य के रंग, शुरु किया था जो सतत जारी है।
कोरोना की जंग कार्यक्रम में 51 ऑनलाइन कवि सममेलन सम्पन्न कर पिछले रविवार की शाम 52 वें दिन सभी प्रतिभागियों का सम्मान किया गया। साथ ही सभी साहित्यकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सावन के गीतों, फ़ैशन शो, नृत्य व पर्यावरण पर अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में सबको सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवासदन प्रसाद, विशिष्ठ अतिथी संतोष साहू , आशा जाकड , सुनिल दत्त मिश्रा रहे तथा
समारोह अध्यक्ष पन्ना लाल शर्मा रहे।
मंच संचालन डॉ अलका पाण्डेय और चंदेल साहिब ने किया। वहीं सरस्वति वंदना पदमा तिवारी और शोभारानी तिवारी ने की।
मंच की अध्यक्ष अलका पाण्डेय ने बताया कि इस कार्यक्रम में सबको हरे वस्त्र पहनकर हरियाली में प्रस्तुति देनी थी जिसमें पुरुषों ने भी कैटवॉक व घर के आसपास पेड़ पौधों के साथ प्रस्तुतियाँ दी। सबसे बड़ी बात ६० - ७० वर्ष की महिलाओं ने बहुत ऊर्जा के साथ नृत्य प्रस्तुत किया। क़रीब दौ सो प्रतिभागियों ने देर रात तक कार्यक्रम का आनंद लिया और सबने कार्यक्रम की बड़ी सराहना की।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मेरे सहयोगी रिशु पाण्डेय, चंदेल साहिब, प्रतिभा परासर, संजय मालवी, आनंद जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अलका पाण्डेय ने बताया कि अब अग्निशिखा मंच के माध्यम से हम सभी साहित्यकार १५ अगस्त को वतन के नाम पर बड़ा कार्यक्रम प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
52 वें ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत अलका पाण्डेय ने भोले बाबा के सबको दर्शन कराया, सबका अभिनंदन किया
और सावन पर एक गीत सुनाया।
ऑनलाइन आकर रजनी अग्रवाल, विजया बाली ने नृत्य किया तो पद्माक्षी शुक्ला, शोभारानी तिवारी, ऐश्वर्या जोशी, मधु मान्या वैष्णवी ने फ़ैशन शो किया। शकुन्तला पावनी, मीना पराशर, रश्मि शुक्ला ने नृत्य कर समा बांधा तो वहीं मंजूला वर्मा, स्मिता धीरासरिया ने हरियाली के बीच जाकर फ़ैशन शो कर सुंदर गीत प्रस्तुत किया। सुनिता चौहान ने हिमाचल की हरियाली व सौन्दर्य के दर्शन कर गीत सुनाया। रेखा पाण्डेय, आशा जाकड, ममता तिवारी, रानी अग्रवाल, साधना तोमर, दीपा परिहार, चंदाडागी चंद्रिका व्यास, अंकिता सिन्हा, रानी नारंग, सुनिता अग्रवाल, सुषमा शुक्ला, गीता पाडेंय, शुभा शुक्ला, मीना त्रिपाठी, अश्मजा प्रियदर्शनी, अनीता झा, माधवी अग्रवाल, प्रेरणा सेन्द्रे, गरिमा ने हरे भरे वृक्षों के बीच जाकर अपनी प्रस्तुतियाँ दी। इनके अलावा पुरुषों ने भी उपवन में जाकर गीत गाये और कैट वाक किया
सुरेन्द्र हेगड़े, उपेन्द्र अजनवी, शेखर तिवारी, श्री हरि वाणी भरत नायक, रविशंकर कोलते, संजय मालवी कान्हा बनकर ऑनलाइन आये तो वहीं जनार्दन शर्मा राजस्थानी सेठ बने। चंदेल एक लेखक के किरदार में पेश हुए, आनंद जैन ने व्यापारी, सुनिलदत्त मिश्रा ने मज़दूर का अभिनय किया। आश्विन पाण्डेय, राजेश बंजारा सागर तट पर जाकर गीत गाया तो बैजेन्द्र मारायण ने संत का रुप लिया। गोवर्धन लाल बघेल पेड़ के झुरमुट में, दिनेश शर्मा, छगनराव, ओम प्रकाश पाण्डेय, रामेश्वर गुप्ता, महताब आजाद, विजयकांत द्विवेदी, ज्ञानेश्वर मिश्रा, गुलाबचंद पटेल, ज्योति भास्कर ने वृक्षों के इर्द गिर्द गीत गाये। दो बाल कलाकार आहन पाण्डेय, अवीर पाण्डेय ने बी कविता सुनाई।
साथ ही कार्यक्रम में नीरजा ठाकुर, अर्चना पाण्डेय, नेहा इलाहाबादी, पदमा तिवारी, सिमा दुबे, वंदना शर्मा, प्रतिभा पराशर, निलम पाण्डेय, मधु तिवारी, रागनि मित्तल, ऊषा पाण्डेय, मुन्नी गर्ग, द्रोपदी साहू, संगीता पाल, गुरमित गिल, कल्पना भदौरिया, कांता अग्रवाल, सुमित्रा तिवारी, लीला दीवान, अंजूल कंसल, मीरा भार्गव, अर्चना पाठक, अंजली तिवारी, प्रिया उदयन आदि ने विविध रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच इस लॉकडाउन में अग्निशिखा मंच द्वारा सभी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया जिनमें सेवासदन प्रसाद , संतोष साहू , डॉ अवधेश अवस्थी , आशा जाकड , श्रीहरि वाणी , विनय शर्मा दीप , रमाकांत पाण्डेय, डॉ जनार्दन सिंह , हेमंतदास हिम , भास्कर राव पाढरे, पन्ना लाल शर्मा , संध्या रायचौधरी ,
अभिलाष अवस्थी , डॉ अरविंद श्रीवास्तव, बिजैन्द्र मेव , शिव पूजन पाण्डेय , रिशु पाण्डेय , चंदेल साहिब , संजय मालवी , जनार्दन शर्मा , सुरेन्द्र हेगड़े , डॉ प्रतिभा पराशर , शोभारानी तिवारी सहित क़रीब दो सौ का साहित्यकार व पत्रकार का नाम सम्मिलित है।
अंत में राष्ट्रगान के साथ इस ऑनलाइन कार्यक्रम का समापन किया गया। अब १५ अगस्त को संस्था द्वारा मेरे वतन नाम से ज़ोरदार कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है।
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