मुंबई : वाई कॉम्बिनेटर की शुरुआती दिनों की नीति की तर्ज पर बनाए गए, भारत के 9यूनिकॉर्न एसेलरेटर फंड (9यूनिकॉर्न्स) ने 100 करोड़ रुपये (14 मिलियन डॉलर) का अपना पहला फंड हासिल करने की घोषणा की है। इस फंड का निवेश 100 से अधिक शुरुआती चरण के स्टार्ट-अप्स में किया जाएगा, जिसका लक्ष्य लाभकारी स्टार्ट-अप्स की जल्दी पहचान करके उनमें पहले निवेश करना होगा। 9यूनिकॉर्न्स 300 करोड़ रुपये (42 मिलियन डॉलर) के कुल फंड को लक्षित कर रहा है।
9यूनिकॉर्न्स की स्थापना वेंचर कैटालिस्ट्स (वीकैट्स) के संस्थापकों - डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा, अनुज गोलेचा, अनिल जैन और गौरव जैन ने की है। वे भारत में 75 से अधिक घरेलू स्टार्टअप्स के पोर्टफोलियो में से 30+ मल्टी-बैगर्स के एक अनूठे ट्रैक रिकॉर्ड को पहले ही उजागर कर चुके हैं, जिसमें भारतपे, बियरडो, पीसेफ और फाइंड जैसे स्टार्ट-अप शामिल हैं, जिनमें वीकैट्स एक शुरुआती स्तर का निवेशक था।
सॉफ्टबैंक समर्थित ओयो रूम्स में भी एक एंजेल निवेशक रह चुके, डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने एक बयान में कहा कि, 'भारतीय उद्यमियों पर दांव लगाने का आज से ज़्यादा कोई बेहतर समय नहीं है। हम ऐसे स्टार्ट-अप्स में उछाल देख रहे हैं जो भारत के विभिन्न हिस्सों में पैदा हुई भारतीय और वैश्विक समस्याओं को हल करने पर केन्द्रित रहते हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत में यूनिकॉर्न की संख्या 4 गुना बढ़ जाएगी, जिनकी संख्या आज 36 है, वे आगे चलकर 140 हो जाएंगे।'
9यूनिकॉर्न्स 300 करोड़ रुपये (42 मिलियन डॉलर) के कुल फंड को लक्षित कर रहा है, जिसमें बाकी फंड को कई स्रोतों से लक्षित किया जा रहा है, जिसमें पहले दौर में शामिल होने वाले दस से ज़्यादा देशों के कार्पोरेशन, फैमिली ऑफ़िस और संस्थाएं शामिल हैं। इसका इरादा प्रति स्टार्ट-अप 5-7% इक्विटी के लिए 1 लाख डॉलर की पेशकश करना है। उन्हें अपने 3 महीने के एसेलरेशन प्रोग्राम में सफल संस्थापकों का मार्गदर्शन मिलेगा। तब अच्छा परफॉर्म करने वाले स्टार्ट-अप 5 लाख से 2मिलियन तक के फॉलो-ऑन राउंड के लिए योग्य होंगे, जिसकी फंडिंग वीकैट्स नेटवर्क और ग्लोबल वीसी फंड्स के सिंडिकेट द्वारा की जाएगी। यह फंड किसी खास सेक्टर पर केंद्रित नहीं है और भारतीय स्टार्टअप्स के लिए तैयार किया गया है।
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