मुंबई : दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों में खतरनाक दर से वृद्धि होने से सोने, क्रूड और बेस मेटल की कीमतों पर असर पड़ रहा है। एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च नॉन एग्री कमोडिटी एंड करेंसी एवीपी प्रथमेश माल्या ने बताया के अतिरिक्त स्टिमुलस पैकेज से जुड़ी उम्मीदों के कारण सोना बढ़त के साथ बंद हुआ। लीबिया में तेल उत्पादन की वृद्धि के साथ-साथ मांग बढ़ने की धूमिल संभावनाओं के कारण क्रूड की कीमतों में कमी आई। इसके विपरीत चीन की औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि की वजह से बेस मेटल्स सकारात्मक हो गए।
सोना: स्पॉट गोल्ड 0.95% से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुआ और अमेरिका के अतिरिक्त प्रोत्साहन पैकेज पर उम्मीदों के बीच $1,924.5 प्रति औंस पर बंद हुआ। इस तरह कीमतें ऊंची रही। कोरोनावायरस रिलीफ बिल को लेकर हुए डेवलपमेंट ने पीली धातु की कीमतों का समर्थन किया। कम ब्याज दरों और ग्लोबल केंद्रीय बैंकों ने कोरोनावायरस के प्रकोप को कम करने के लिए तरलता बढ़ाने के प्रयास किए और इससे सोने की कीमतों में 25% से अधिक की वृद्धि हुई है। वैसे भी सोना निवेशकों के बीच मुद्रास्फीति और मौद्रिक कमजोरी से बचने का लोकप्रिय साधन है।
यूरोप में महामारी की दूसरी लहर की वजह से प्रतिबंध लगाए गए हैं और इसने भी सोने की कीमतों को समर्थन दिया। दुनियाभर में कोरोनोवायरस के मामलों ने 40.8 मिलियन को पार कर लिया है, जो सेफ हेवन असेट गोल्ड के लिए अपील को बढ़ावा देता है। हालांकि, आगामी नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले अमेरिकी में अतिरिक्त कोरोना राहत बिल को लेकर कोई संकेत नहीं मिलने के कारण सोने का वजन कम हो सकता है।
क्रूड ऑयल: डब्ल्यूटीआई क्रूड 3.45% की गिरावट के साथ $ 40.0 प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ। इसकी वजह रही महामारी के केस में लगातार बढ़ोतरी, जिसने मांग को प्रभावित किया। यूरोप और उत्तरी अमेरिका में कोविड-19 मामलों में खतरनाक स्तर से वृद्धि के कारण लॉकडाउन नियम लागू हुए, जिसने कच्चे तेल से जुड़ा आउटलुक कमजोर किया और इसने कीमतों पर असर डाला। लीबिया ने अपने सबसे बड़े तेल क्षेत्र-शरारा में क्रूड ऑयल का उत्पादन बढ़ाया। हालांकि, मांग की कमजोर संभावनाओं ने कीमतों में और गिरावट ला दी।
एनर्जी इंफर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार अमेरिकी क्रूड इन्वेंट्री का स्तर पिछले हफ्ते 1 मिलियन बैरल कम हो गया क्योंकि तूफान डेल्टा ने ऑफशोर सुविधाओं में काम नहीं होने दिया। तेल की मांग बढ़ने के कारण सऊदी अरब के कच्चे निर्यात में तेजी आई। अगस्त 2020 में निर्यात प्रति दिन 5.97 मिलियन बैरल था। लीबिया में तेल उत्पादन बढ़ने और महामारी की दूसरी लहर की चिंता के कारण क्रूड की कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है।
बेस मेटल्स: एलएमई बेस मेटल्स हरे रंग में बंद हुए क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था ने लगातार विस्तार दिखाया। इसके अलावा कमजोर अमेरिकी डॉलर ने कीमतों को बढ़ाया। इंटरनेशनल लेड एंड जिंक स्टडी ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के बाहर कमजोर मांग के कारण वैश्विक स्तर पर जिंक और लेड मार्केट में सरप्लस संभव है। चीन की जीडीपी जुलाई’20 से सितंबर’20 तक लगभग 4.9% बढ़ी, जिसने बेस मेटल्स की कीमतों का समर्थन किया। हालांकि, यह लाभ यूरोप और उत्तरी अमेरिका में कोरोनोवायरस के मामलों के बढ़ने से सीमित रहा।
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