मुंबई : कोविड-19 संकट के चलते छूट गये जीविकोपार्जन के साधनों को पुनर्जीवित करने के प्रयास में, संहिता-कलेक्टिव गुड फाउंडेशन (सीजीएफ), यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड), माइकेल एंड सुसैन डेल फाउंडेशन (एमएसडीएफ) और ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया ने मिलकर 6.85 मिलियन डॉलर की मिश्रित वित्तपोषण सुविधा - 'रिवाइव' शुरू किया है।
अरविंद लिमिटेड और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड जैसी कंपनियों और क्लैरिस संचालित बृहति फाउंडेशन जैसी संस्थाओं ने भी इस वित्तपोषण सुविधा को शुरू करने में सहयोग दिया है। इस सुविधा के जरिए पहले से रोजगारशुदा या स्वरोजगारी वर्कर्स एवं संकटग्रस्त नैनो और माइक्रो एंटरप्राइजेज को अनुदानों, लौटाउ अनुदानों* व ऋण के रूप में सुगम और सामर्थ्यानुरूप पूंजी उपलब्ध कराई जायेगी जिससे कि वो अपना काम दोबारा शुरू कर सकें और उसे चलाते रह सकें या कारोबार के लिए वैकल्पिक अवसर तलाश सकें। यह सुविधा 60,000-100,000 वर्कर्स एवं उद्यमों तक पहुंचने का अनुमान है और इसमें युवाओं व महिलाओं को वरीयता दी जायेगी। रिवाइव, काम से हटा दिये गये युवाओं और असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के कौशलोन्नयन हेतु भी गतिविधियां आयोजित करेगा।
संहिता के संस्थापक, प्रिया नाईक ने कहा, ''आजीविका संकट को दूर करने और आर्थिक रिकवरी प्रक्रिया को शुरू करने हेतु, रिवाइव, कंपनियों और संगठनों के सहयोग से उन उद्यमियों एवं सूक्ष्म उद्यमों को समयानुसार, सामर्थ्यानुकूल एवं सुगम्य पूंजी उपलब्ध करायेगा, जो व्यवसायों एवं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार हैं। आर्थिक गतिविधि, स्वरोजगार और घरेलू उपभोग पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे परिवार और छोटे कारोबारियों को एक ऐसी एजेंसी मिल जायेगी जिसकी मदद से वो अपने बकाये का भुगतान कर सकेंगे, व्यवसाय को चलाने के लिए दैनिक आपूर्तियां खरीद सकेंगे और सुरक्षात्मक साधन व अन्य परिचालनों में निवेश कर सकेंगे, जिससे वो टिके रहते हुए आगे बढ़ सकें।
यूएसएआईडी/इंडिया एक्टिंग मिशन डाइरेक्टर, रामोना एल हमाजोइ ने बताया, ''संयुक्त राज्य और भारत के बीच स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्रों में सहयोग का लंबा इतिहास है, और कोविड-19 के लिए हमारा सहयोग इसी मजबूत साझेदारी पर टिका है। कोविड-19 महामारी ने भारत और इसके नागरिकों सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। महिलाओं और युवाओं पर इसका प्रभाव अधिक रहा है। यूएसएड, को आर्थिक सुधार प्रक्रिया के साथ इन संकटग्रस्त समूहों को सहायता देने के नेक कार्य में रिवाइव को सहयोग देने और उनके परिवारों व उनके राष्ट्र के विकास एवं प्रगति में योगदान देने पर गर्व है।
माइकेल एंड सुसैन डेल फाउंडेशन के निदेशक, राहिल रंगवाला ने बताया, ''कोविड ने असंगठित क्षेत्र के अनगिनत कामगारों को विस्थापित कर दिया है और हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका भीषण प्रभाव पड़ा है। रिवाइव एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य ऐसे प्रोग्राम्स को समर्थन देना है जिनसे लोगों की जिंदगी को वापस पटरी पर लाया जा सके और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकी जा सके।
ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया के पार्टनर, सिद्धार्थ नौटियाल ने कहा, ''कोविड-19 महामारी ने भारत के कमजोर वर्गों और भारत के ''नेक्स्ट हाफ बिलियन'' के एक बड़े हिस्से - वेंडर्स, गिग-इकॉनमी वर्कर्स, छोटे व्यवसायों एवं दिहाड़ी मजदूरों व निम्न-मध्यम आय वाले भारतीयों को सबसे अधिक प्रभावित किया है और हम इन प्रभावितों को हमारे निवेश के जरिए सेवा प्रदान करना चाहते हैं। जनसंख्या के इस खंड को तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता है जिससे वो फिर से कुशलता हासिल कर सकें, अपने स्टॉक्स खरीद सकें और लोच का पुनर्निर्माण कर सकें। हमारा उद्देश्य रिवाइव के जरिए सुगम्य एवं सामर्थ्यानुकूल पूंजी के जरिए जीविकोपार्जन के साधनों को पुनर्स्थापित करना है, ताकि छोटे व्यवसायों को अत्यावश्यक सहयोग मिल सके और आर्थिक पुनरुत्थान में सहयोग दिया जा सके।
रिवाइव एलायंस द्वारा विभिन्न अंशभागियों जैसे कंपनियों एवं फाउंडेशंस के साथ फंडरेजिंग पार्टनर्स एवं बिजनेस चैंबर्स, नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सामाजिक संगठनों एवं प्रमुख क्षेत्र के इनफ्लुएंसर्स के साथ साझेदारियां की जायेगी, जो विशाल दक्षता एवं क्रियान्वयन सहायता प्रदान करेंगे।
सहयोगी कंपनियों एवं संगठनों में से, अरविंद लिमिटेड द्वारा टेक्सटाइल इंडस्ट्री के उन कामगारों को सहायता प्रदान की जायेगी जिनकी नौकरी चली गई है; गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, ब्यूटीप्रिन्योर्स को सहयोग देगा; और क्लैरिस द्वारा संचालित बृहति फाउंडेशन, किसानों और स्ट्रीट वेंडर्स को सहयोग देगा।
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