टेक्नोलॉजी आधारित जनहितलक्षी सेवाकार्यों को लेकर मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की प्रतिबद्धता होगी साकार
अहमदाबाद : मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने राज्य के दूरदराज़ के गाँवों में रहनेवाले गरीब और पिछड़े लोगों को अधिक सुविधायुक्त जीवन देने और‘जहाँ मानव वहाँ सुविधा’ का मंत्र साकार करने के लिए ग्रामीण विस्तारों में क्रांतिकारी डिजिटल युग की शुरुआत करने का फैसला किया है।
राज्य के दूरदराज़ के गाँवों में सरकार के विभिन्न विभागों की जनहितलक्षी सेवाएं ग्रामपंचायतों में ही उपलब्ध हो सके इस उद्देश्य सेमुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी ने आधुनिक टेक्नोलोजी के उपयोग से डिजिटल सेवासेतु का अभिनव प्रयोग राज्य में शुरू करने का निर्णय किया है।
डिजिटल सेवासेतु के मुख्य बिंदु
- सेवा सेतु के माध्यम से करोड़ो लोगों के घर के द्वार पर जाकर प्रशासन से संबंधित समस्याओं का समाधान देने के बाद अब डिजिटल सेवा सेतु के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर की सेवाएं भी आसानी से घर बैठे ही प्राप्त होंगी।
-प्रथम चरण में दो हजार ग्राम पंचायतों में 20 सेवाओं के साथ मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी के द्वारा8 अक्टूबर को डिजिटल सेवासेतु का होगा शुभारंभ
-दिसम्बर 2020 तक 8000 ग्राम पंचायतों को डिजिटल सेवासेतु के तहत कवर किया जायेगा
-सेवासेतु कार्यक्रम के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से ग्रामपंचायत स्तर पर उपलब्ध कराने का मुख्यमंत्री का लक्ष्य
-विभिन्न सेवाओं के लिए एफिडेविट करने का अधिकार अब नोटरी, तालुका मजिस्ट्रेट के अलावा ग्राम पंचायत के तलाटी मंत्री को भी दिया जाएगा
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से ग्रामीण लोगों को घर बैठे ही एफिडेविट करने की सुविधा मिलेगी
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इन्डिया मिशन का नेतृत्व गुजरात करेगा
- भारत नेट फेज़-2 में गुजरात देश का अग्रणी राज्य
ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को रोज़मर्रा की सेवाएं जैसे कि सर्टिफिकेट और दस्तावेज़ वगैरह के लिए तालुका या ज़िला कार्यालयों पर जाना न पड़े, उनका समय बचे और आने-जाने का किराया भी बचे, इसके लिए 8 अक्टूबर से दो हजार ग्राम पंचायतों में 20 सेवाओं के साथ डिजिटल सेवा सेतु पहल को शुरू किया जाएगा। दिसम्बर 2020 तक 8 हजार ग्राम पंचायतों को डिजिटल सेवा सेतु के तहत कवर करने का लक्ष्य तय किया गया है।
विजय रुपाणी ने जबसे मुख्यमंत्री के तौर पर गुजरात को संभाला है तबसे वे राज्य के सामान्य नागरिकों को सरकारी सेवाएं कैसे सरलतासे, सहजता से और बिना किसी विलंब के मिले, उस पर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रजालक्षी अभिगम और सामान्य नागरिकों को केन्द्र में रखकर वर्ष 2016 में सेवा सेतु कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसके माध्यम से सरकार लोगों के घरों के द्वार तक जाकर उन्हें उनके बुनियादी दस्तावेज़ उपलब्ध कराती थी।
इस सेवा सेतु कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 8 से 10 गांवों का क्लस्टर बनाकर दिशा-निर्देश दिए थे कि निर्धारित दिनों में अधिकारियों की टीम वहां जाएगी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं का समाधान देगी। इतना ही नहीं, तालुका और ज़िला स्तर के जन सेवा केंद्रों की सेवाओं को भी सेवा सेतु कार्यक्रम स्थल पर ही देने का निर्णय इस कार्यक्रम में दर्शाया गया है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश में अब तक पूरे राज्य में ऐसे 12,800 से अधिक सेवासेतु कार्यक्रमों के माध्यम से 2 करोड़ नागरिकों को घरबैठे सेवाएं प्रदान की गई हैं।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने तय किया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इन्डिया के सपने को साकार करने को लेकर वेगुजरात को एक लीडर स्टेर बनाएंगे।
उन्होंने राज्य के सायन्स और टेक्नोलोजी विभाग के द्वारा डिजिटल ट्रान्सफॉर्मेशन की नई पहल करते हुए ग्राम पंचायतों को फायबर नेटवर्क से जोड़कर भारत नेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत डिजिटल सेवासेतु का नवीन अभिगम शुरू किया है। उसके माध्यम से तालुका और ज़िला स्तर के सेवाकेन्द्रों मे मिलनेवाली सेवाएं अब ग्रामीण स्तर पर ही मिल सकेगी। गुजरात पूरे देश में ऐसी व्यवस्था बनाकर भारत नेट फेज़-2 में अग्रणी रहा है।
डिजिटल सेवासेतु में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, राज्य के गाँवों में 100 MBPS का हाईस्पीड इन्टरनेट आसानी से मिल सके उसके लिए ऑप्टिकल फायबर नेटवर्क से कनेक्शन्स दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गाँवों को ही मिनि सचिवालय बनाने का नवीन कॉन्सेप्ट इस डिजिटल सेवासेतु में अपनाया है। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायतों के कार्यालयों से ही अब राशनकार्ड में नाम दाखिल करना, नाम निकालना या उसमें सुधार करना या डुप्लिकेट राशनकार्ड प्राप्त करने जैसी सेवाएं, आय प्रमाण पत्र, वरिष्ठ नागरिक का प्रमाण पत्र, क्रीमिलेयर सर्टिफिकेट और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं डिजिटल सेवासेतु के माध्यम से केवल 20 रुपये की फीस चुकाने पर ग्राम पंचायतों में ही मिल सकेंगी।
डिजिटल सेवा सेतु कॉन्सेप्ट को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए ग्राम पंचायत के तलाटी को एफिडेविट बनाने का भी अधिकार दिया है ताकि गांव के लोगों को अपने प्रमाण पत्रों को बनवाने या उसमें किसी भी सुधार हेतु आवश्यक एफिडेविट के लिए तहसील या ज़िला स्तर के नोटरी के पास न जाना पड़े।
Oaths Act 1969 की धारा-3 के प्रावधानों के अनुसार एफिडेविट करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रोंमें ग्राम पंचायत तलाटी को एफिडेविट बनाने का अधिकार दिया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को गाँव में ही ग्राम पंचायत से एफिडेविट उपलब्ध हो सके।
गाँव के नागरिक ज़रूरी सेवाओं के सर्टिफिकेट को अपने मोबाइल फोन में किसी भी समय किसी भी जगह प्राप्त कर सके या अपने डॉक्युमेन्ट्स को प्रूफ के तौर पर कहीं भी प्रस्तुत कर सकेंइसके लिए विजय रुपाणी ने फिज़िकल साइन के बदले ई-साईन (E-sign) द्वारा सेवाओं को स्वीकृति देने के महत्वपूर्ण पहल को शुरू करने का फैसला किया है। इसके परिणाम स्वरूप, सेवाएं मंज़ूर होने के साथ ही संबंधित व्यक्ति के डिजि लॉकर में सीधे उपलब्ध हो जायेंगी।
भविष्य में, इन सभी सेवाओं को अन्य विभागों के साथ इन्टीग्रेट करके डिजिटल सेवासेतु के अंतर्गत डिजि लॉकर को अधिक सक्षम प्लेटफॉर्म बनाया जा सकेगा। आनेवाले दिनों में डिजिटल टेक्नोलॉजी को एक सक्षम प्लेटफॉर्म बनाकर डिजिटल सेवासेतु के तहत राज्य के सभी गाँवों को कवर किया जायेगा।
इस क्रांतिकारी फैसले से न केवल गुजरात सरकार के ‘मिनिमम गवर्मेन्ट-मैक्सिमम गवर्नन्स’ के मंत्र को और अधिक बल मिलेगा बल्कि सरकारी कार्यालयों में ह्युमन इन्टरफेस भी काफी कम हो जायेगा। कार्यालयों पर गये बिना ही घरबैठे सुविधा मिलने से 100 प्रतिशत फेसलेस और पेपरलेस वर्किंग सिस्टम को गुजरात प्रभावी तरीके से लागू करेगा।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के टेक्नोलोजी आधारित इस जनहितकारी प्रोजेक्ट डिजिटल सेवासेतु से राज्य के 18 हजार से अधिक गाँवों को मॉडर्न विलेज के साथ ही ग्लोबल विलेज बनाने का नया मार्ग प्रशस्त होगा और सुशासन की दिशा मेंयह डिजिटल सेवासेतु गुजरात का एक नया स्वरूप पूरे देश के सामने प्रस्तुत करेगा।
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