अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच एक समाजिक साहित्यिक संस्था है जो पिछले २५ वर्षों से समाजिक व साहित्यिक कार्य कर रही है। मंच ने लॉकडाऊन में इससे उभरने के लिये ऑनलाइन कवि सम्मेलन शुरु किया जिसमें हर विशेष मौक़े पर दिये गये विषय पर कविगण कविता पाठ करते हैं। इसी कड़ी में रविवार को नवदुर्गा मां के गीतों का स्वरचित भक्ति गीतों का आयोजन था। इस आयोजन के मुख्य अतिथि शायर किसन तिवारी थे समारोह अध्यक्ष श्रीहरि वाणी थे विशिष्ट अतिथि में कुंवर वीर सिंह मातर्ण्य, आशा जाकड, अभिलाष अवस्थी, अरुण कुमार मिश्र शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में सरस्वती वंदना अलका पाण्डेय ने की करीब 95 कवियों ने भक्ति गीत गाये कार्यक्रम दो सत्रों में हुआ पहले सत्र का संचालन डॉ अलका पाण्डेय ने किया दूसरे सत्र का संचालन शोभा रानी तिवारी, बिजैन्द्र मेव, सुरेन्द्र हरड़ें ने किया। इस प्रकार पाँच घंटे सभी माता रानी की भक्ती में डूबे रहे।
कुछ भक्त कवियों की झलकी प्रस्तुत है :-
माँ शैल पुत्री आओ स्वागत है
सबके लिये रोज़गार लेकर आना
आशिर्वाद अपना बरसाते आना
विपदा की घड़ी ये दूर भगाना
किसानों का उजाला बन कर आना ।
रोगियों को अमृत का प्याला पिलाना ।
सिंह पर सवार होकर आना दुष्टो का संहार करते आना माता
- डॉ अलका पाण्डेय, मुम्बई
तू ही है माँ स्कंदमाता।
जगत शरण सारा आता।।
तू ही है माँ कात्यायनी।
सब चिंता पल में हरनी।।
- चंदेल साहेब, हिमाचल प्रदेश
माता रानी के दर्शन कर आऊँ।
फूल श्रद्धा भक्ती के जलाऊँ।।
- गोवर्धन लाल बघेल, छत्तीसगढ़
हो शेरों वाली माँ
नौ दिन ये सजेगी,
तुम्हारी जोत जलेगी
बेटियों को बचा लो मैया
पार लगा दो नैया
- चन्दा डांगी चित्तौड़गढ़ राजस्थान
माता के दिन है
जयकारे लगाते रहो
हो कोई भी मुश्किल
भक्ति से बढ़ते रहो।
मिलेगी तुमको मंजिल
माता के दरबार में
बस विश्वास खुद पर हो
भीड़ या मझधार में।
- प्रेरणा सेन्द्रे
मां जगदंबे वीर जवानों को ऐसा
भवतारिणी दुखहारिणी सुखकारिणी। शेरोंवाली जग जननी जग कल्याणी।।
- द्रोपती साहू "सरसिज" महासमुन्द, छत्तीसगढ़।
वरदान दो कश्मीर के साथ साथ में पूरा पाकिस्तान दो जय जय अंबे मां, जय जगदंबे मां
- सुषमा शुक्ला इंदौर
देवि दयाल भई मोरे अंगना।
माता के अंगे चुनरी सोभे, ओ पियरी छोड़ गई, गई मोरे अंगना।देवि दयाल भई..।।।
- बृजकिशोरी त्रिपाठी गोरखपुर यू,पी।
सज गया मां का दरबार पधारो अम्बे मां
दर्शन के अभिलाषी हैं दर्शन दे दो मां
- शोभा रानी तिवारी
हुआ सघन तम का संताप,
अस्मत पर असुरों का साया।
- मधु वैष्णव "मान्या"
मैं नमन करूँ माँ अंम्बे
जय माता बोलूँ,
दर पे जो आया,
माँ तू ही दुखहारिणी हो
मैं नमन करु माँ अम्बे
- सुरेन्द्र हरड़ें
सुमिरिन में तेरे बहुत है शक्ति,
तु भी आजमा ले आके भक्ति।
मन मन्दिर में है तेरा बसेरा।
तेरे सिवा अब कौन है मेरा
तु जगतारिणी, तु भयहारिणी.....
- सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश
अर्चनम् वंदनम मात अभिनंदनं
करते हैं तुम्हारा हम स्वागतम्
कौन कहता है मैयाजी आती नहीं सच्चे मन से तुम उनको बुलाते नहीं
- आशा जाकड
नवरूपा हो मां तुम
हमारी
दुर्गा अंबे हो काली,
शक्तिरूपा हो हमारी
कोई चमत्कार कर दो
मैया
- ममता तिवारी, इंदौर
हे मातु भवानी आज, डोले तेरे अंगना।
रहें सदा खनकते हाथन में, तोरे कंगना
- कवि आनंद जैन अकेला, कटनी मध्यप्रदेश
देवी भजन
मैया तेरे आँचल की
अम्बे तेरे आँचल की, छैयाँ जो मिल जाए,
सच कहती हूं मैया, जीवन ही बदल जाए।
जानती हूँ तेरी दया दिन रात बरसती है
इक बूंद जो मिल जाए, नैया ही पार लग जाए,अम्बे तेरे
- डा अँजुल कंसल "कनुप्रिया"
नौ दिन नवरात्रे आए धूम मची है जग में मैया
तेरे नौ रूप सुहाने दर्शन हमको देदे मैया
- शुभा शुक्ला निशा, रायपुर छत्तीसगढ़
कार्यक्रम में स्वरचित रचना पाठ करने वाले कवि कवयित्री मधु वैष्णव "मान्या", रजनी अग्रवाल जोधपुर, ओजेंद्र तिवारी दमोह, मंजुला वर्मा हिमाचल प्रदेश, सीमा दुबे, रेखा पांडेय पुणे, जनार्दन शर्मा, शेखर, राम कृष्ण तिवारी, ज्ञानेश कुमार मिश्रा , वीना अडवाणी नागपुर, विजय बाली, प्रेरणा सेन्द्रे , रानी नारंग , दिनेश शर्मा, शोभा रानी तिवारी, ममता तिवारी , वैष्णो खत्री वेदिका, लीला कृपलानी जोधपुर, सुनीता चौहान हिमाचल, स्मिता धिरासरिया बरपेटा रोड, द्रोपती साहू "सरसिज", शकुन्तला पावनी, मुन्नी गर्ग, अंकिता सिन्हा, अनिता झा, ओमप्रकाश पाण्डेय खारघर नवी मुम्बई, रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, मुंबई, सुनीता अग्रवाल इंदौर इन्द्राणी साहू"साँची", राजेश कुमार बंजारे भाटापारा मोहभट्ठा, चंदेल साहिब, सुरेंद्र हरड़े नागपुर, विजेन्द्र मेव राजस्थान, प्रतिभा कुमारी पराशर, संजय कुमार मालवी इंदौर, चन्दा डांगी आदित्य सीमेंट, कवि आनन्द जैन अकेला कटनी , रानी अग्रवाल, दविंदर कौर होरा, डॉ नेहा इलाहाबादी , सुषमा शुक्ला इंदौर, पद्माक्षी शुक्ल, प्रो शरद नारायण खरे, डॉ नीलम खरे, नीलम पाण्डेय गोरखपुर उत्तरप्रदेश, बृजकिशोरी त्रिपाठी गोरखपुर, हीरा सिंह कौशल सुंदरनगर मंडी हिमाचल प्रदेश, गोवर्धन लाल बघेल जिला महासमुंद छत्तीसगढ़, शुभा शुक्ला निशा, रायपुर छत्तीसगढ़, कुवंर वीर सिंह मार्तण्ड , आशा जाकड, मीरा भार्गव, चंद्रिका व्यास, डा. साधना तोमर, बागपत, यू.पी., डा.महताब अहमद आज़ाद उत्तर प्रदेश, डॉ मीना कुमारी 'परिहार', प्रा रविशंकर कोलते, डाॅ उषा पाण्डेय, कोलकाता, गीता पांडेय "बेबी "जबलपुर, सुषमा मोहन पांडेय, वंदना शर्मा , डॉ अंजूल कंस, कांता अग्रवाल, डॉ ब्रजैन्द्र नारायण द्विवेदी, गरिमा लखनऊ, डॉ महेश तिवारी चन्देरी जिला अशोक नगर, डाॅ पुष्पा गुप्ता मुजफ्फरपुर बिहार, बरनवाल मनोज अंजान, धनबाद, झारखंड, मीना गोपाल त्रिपाठी, गुरिंदर गिल मलेशिया, उपेंद्र अजनबी गाजीपुर उत्तर प्रदेश, माधवी अग्रवाल "मुग्धा" आगरा, अलका पाण्डेय मुंबई, डॉ रश्मि शुक्ला प्रयागराज, अरुण कुमार मिश्र, डॉ संगीता श्रीवास्तव सागर, डॉ ज्योत्सना सिंह, हेमा जैन इंदौर , रागिनी मित्तल कटनी मध्यप्रदेश, मालविका “मेधा", सावित्री तिवारी दमोह, रंजन शर्मा इंदौर, श्रीमती निहारिका झा खैरागढ़ राज.(छ. ग.), कवि देवी प्रसाद पाण्डेय प्रयागराज, रंजना शर्मा "सुमन" इंदौर, उमा पांडेय जमशेदपुर, सुरेंद्र कुमार जोशी देवास मध्यप्रदेश, रेखा चतुर्वेदी मसूरी, कल्पना भदौरिया "स्वप्निल आदि ने स्वरचित भक्ति गीत सुनाकर माँ को प्रसन्न कर कोरोना महामारी से विश्व की रक्षा करने की प्रथना की।
सबका आभार अलका पाण्डेय ने किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।
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