वैश्विक ब्राह्मण मंच का प्रथम ऑनलाइन कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। वैश्विक ब्राह्मण मंच के तत्वधान में महाराष्ट्र ईकाई अध्यक्ष अलका पाण्डेय ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते कार्यक्रम हो नहीं पा रहे हैं तो ऑनलाइन द्वारा ही वैश्विक ब्राह्मण मंच का कवि सम्मेलन किया गया जिसमें तीस रचनाकारो ने काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमरेन्द्र कुमार मिश्र (राष्ट्रीय सहारा रिपोर्टर भोजपुर आरा, बिहार) थे।
विशिष्ठ अतिथी पुरुषोत्तम दुबे, सतीश शुक्ल (वरिष्ठ साहित्यकार), किसन तिवारी (ग़ज़लकार) भोपाल, शिव पूजन पाण्डेय ( पत्रकार व अध्यापक, मुम्बई), क्षमा पाण्डेय- गीतकार थे। समारोह अध्यक्ष का दायित्व अभिलाष शुक्ल (संपादक एच बी टी वी न्यूज़, इंदौर) ने निभाया। निर्णायक थे श्रीराम राय (अध्यापक, साहित्यकार)।
स्वागत गीत श्रीमती शोभा रानी तिवारी ने बहुत सुदंर प्रस्तुत किया और सरस्वति वंदना कर डॉ अलका पाण्डेय ने कार्यक्रम शुरु किया। मंच संचालन भी डॉ. अलका पाण्डेय ने किया।
सभी अतिथियो ने संक्षिप्त भाषण दिये व काव्य पाठ का आनंद लिया।
कवि और कवयित्री थे सुधीर अवस्थी परदेशी, सुश्री हेमलता शर्मा 'भोली बैन' इंदौर मध्य प्रदेश, राजेंद्र शर्मा 'निष्पक्ष', ज्ञानेश कुमार मिश्रा गीतकार, सुरेन्द्र कुमार शर्मा जयपुर, ममता तिवारी इन्दौर, शोभा रानी तिवारी इन्दौर, पदमा तिवारी दमोह, डॉ अरुण मिश्र "अनुरागी" थाणे, शेखर तिवारी - आबूधाबी, अंजली तिवारी, अमरेन्द्र कुमार मिश्र, शिवपूजन पाण्डेय, अभिलाष शुक्ल, सतीश शुक्ल, पुरुषोत्तम दुबे, ओमप्रकाश पाण्डेय खारघर, शुभा शुक्ला निशा छत्तीसगढ़, क्षमा पाण्डेय, श्री राम राय, ऐश्वर्या प्रद्युम्न जोशी- पुणे, आरती सनद दिल्ली, रेखा पांडे, डाँ गीता पांडेय "बेबी" जबलपुर, किशन तिवारी भोपाल, डॉ संगीता, डाॅ उषा पाण्डेय, कोलकाता, जनार्दन शर्मा, डॉ अलका पाण्डेय (मुम्बई)।
प्रस्तुत है सबकी रचनाओ की दो लाइन
उठा ले हौले से ये घुंघटा गोरी
हुस्न के तेरे नगमें गुनगुनाता रहूँ
जितनी बार देखूँ तेरा चेहरा
हर बार पहले से लगता प्यारा ।
- डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
अब मै सुनता हूँ
निज खिड़की से
पंछियो के बोल परस्पर
लगता उनके मुँह में है ईश्वर
एक अबोध अनजानी भाषा
केवलअपने नवजातों को
उड़ने लायक बनाने की आशा
वतर्मान में जीते ये सब
- डॉ सतीश शुक्ला
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ..
बेटी आंख का तारा है..
बेटी अभिमान हमारा है..
बेटी से जन्म होता हर रिश्तों का..
बेटी बिन सब जग सूना ...
बेटी है तो सृष्टि सृजन ....!!!
- आरती तिवारी सनत
आज फिर से बहुत काम है
कल नई सुबह होगी
एक चाय की प्याली के साथ
गपशप तुमसे मीठी होगी
- रेखा पांडे रीत पुणे
कोरोना तुम कया डराओगे, हमारा ग्रुप एक होकर बुलंदियों को छू जाएगा, आज के सफल सुंदर आयोजन की बधाइयां
- ममता तिवारी
मिल के गोवर्धन उठाया इन्द्र से डरते नहीं
अब तलक धारे हुए हैं आप भी हम लोग भी
- किशन तिवारी भोपाल
आत्मविश्वास है संग
जरा संभल के दुर्घटना से बचके
बच्चों उड़ाओ संग
वो देखो आसमां पर कटी पतंग
- डॉ गीता पांडेय "बेबी"
एक परिवार हो गये टूटेगे नही कभी भी आपस मे
हक से हम रहेगे प्यार और मोहब्बत से
आई है अब नवरात्रि नौ दिन नौ बहार के
पूजा करेगे माता की हम सब मिलके
क्योकि हम है वैश्विक बाहम्ण समाज के।
- अंजली तिवारी मिश्रा जगदलपुर छत्तीसगढ़
जन्म से लेकर मृत्यु तक
जीवन एक संग्राम हैं
कभी खुशी की भोर हुई तो
कभी गमों की शाम है।
- शोभा तिवारी
हो हो मन में है विश्वास पूरा है विश्वास
हो हो मन में है विश्वास पूरा है विश्वास
हो हो मन में है विश्वास पूरा है विश्वास हम मिलेंगे साथ साथ हर संडे
हो हो अग्नि शिक्षा मंच हमारा है ये मंच हम होंगे साथ-साथ हर संडे
- रेखा चतुर्वेदी- मंसूरी
कृपा कर दो, अब दुख हर लो
महामारी को दूर करो
भक्तों पर तेरे संकट आई
सबका तुम उद्धार करो
- डाॅ उषा पाण्डेय
तब बन अनुगामी उनका ही ले, खेंच तुरीण कर ध्वस्त निमेष।
देख क्षमा करने वाले भुजंग अब, तुझमे है कितना गरल शेष।।
- पांडेय चिदानंद चिद्रूप”
आहो
ऐके दिवशी अचानक
डोक्यात सुचली एक ओळ
विचार केला आणि वाटले
लिहांव का पानावर
पण विचार केला आणि वाटले की
ह्यालाच म्हणावं का कविता?
- ऐश्वर्या जोशी
पर दया और अध्यात्म
जीवन के ऐसे दो पहलू हैं,
जो कभी ना रिटायर हुए
और ना कभी होने चाहिए।।
- रचनाकार- शेखर रामकृष्ण तिवारी
आबू धाबी/ मुंबई
रघुपित राघव गा जाओ।
धोती पहने, लाठी टेकते
बापू फिर से आ जाओ।।
- श्रीराम रॉय, शिक्षक
अभी तो आती तेरे द्वार
तरसते नयन तेरे दरस को बार-बार
नहीं पड़ती है चैन तुझ बिन
हो जाऊं जब मैं लाचार
- पदमा तिवारी दमोह
डर न आता आत्मा में,
यदि करें सत्कर्म कोई।
साहसिक परिणाम आते,
वीरता की वजह यह है।।
- डाॅ क्षमा पाण्डेय (गीतकार) भोपाल
इश्क़ के दरिया में जो चाहत की लहर आये,
फिर तो समा कर पानी मे रेत भी ठहर जाये।
-विजय पाण्डेय "जीत"
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