मिश्रा ने कहा कि निलंबन लोकतंत्र अपमान करता है और बोलने की आजादी पर सवाल उठाता है। अगर किसी राजनीतिक दल के एक प्रमुख व्यक्ति के खिलाफ ट्वीट किया जाता है तो यह कैसे गलत है? यदि राजनीतिक बल पर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, तो लोकतंत्र की दुनिया कैसे चलेगी?
मिश्रा ने हाल ही में कांग्रेस पक्ष की प्रियंका गांधी-वाड्रा के खिलाफ ट्वीट किया था। भारत के संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 19 (1) (ए) ने हमें वह अधिकार दिया है जो वैचारिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक देता है। हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, फिर भी हमने जो दृष्टिकोण हासिल किया है वह अत्याचार के काफी करीब है।
हाल ही में, ट्विटर ने 2019 में रिलीज हुई फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी बायोपिक के सह निर्माता अमित बी वाधवानी पर भी अपने विचार व्यक्त करने पर निर्बंध लगाए।
मिश्रा ने हाल की स्थिती की तुलना 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए तत्कालीन आपातकाल स्थिती से की है। "इस बार भी सिर्फ उनके खिलाफ उठाने वाली आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है। गांधी के परिवार के खिलाफ आवाज उठाने पर इस तरह के कदम उठाए जाते हैं। मिश्रा ने कहा, "विशेषकर जब कोई उनसे सही सवाल करता है। उन्हें वास्तव में लोकतंत्र की परिभाषाएं सीखने की जरूरत है।"
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