भारत में स्टार्टअप्स ने महामारी को एक अवसर में बदल दिया। जब लॉकडाउन की वजह से व्यापार पूरी तरह से बंद हो गए, तब भारतीय उद्यमी और निवेशकों ने व्यवसाय को चलाए रखने के लिए टेक्नोलॉजी को तैनात कर दिया। सरकारी योजनाओं ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर के उद्यमों की मदद की, वहीं, आत्मनिर्भर भारत के बैनर तले स्वदेशी उत्पादों को भी फायदा मिला।
मेडिसी (MEDICI) की इंडिया फिनटेक रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत 2020 दिसंबर तक 2000 से अधिक फिनटेक स्टार्ट-अप के साथ एक अग्रणी हब के रूप में उभरा। इसके अलावा, डेलॉयट इंडिया की 'टेक्नोलॉजी फास्ट 50' इंडिया 2020 रिपोर्ट ने बताया कि भारत में टॉप 6 सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में से चार फिनटेक क्षेत्र की हैं।
महामारी ने किस तरह वास्तव में स्टार्टअप्स और फिनटेक में रोमांचक इनोवेशन का मार्ग प्रशस्त किया इस बारे में विस्तार से बता रहें हैं एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के चीफ ग्रोथ ऑफिसर श्री प्रभाकर तिवारी। उन्होंने यहां कुछ उदाहरण दिए हैं जहां स्टार्ट-अप ने दिखाया कि कैसे महामारी के बीच भी अविष्कार उन्हें नहीं रोक सकते हैं:
• जल्दी कोविड-19 ट्रांसमिशन को ट्रैक करने के लिए कंपनियां स्मार्ट सर्विलांस टूल लेकर आईं। भारतीय स्टार्ट-अप ने स्मार्ट कैमरा, ड्रोन और गॉगल्स जैसे निगरानी उपकरणों को लॉन्च किया, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों और अन्य दिशानिर्देशों का पालन किया जा सके। भीड़ प्रबंधन सॉल्युशन, मूवमेंट्स का पता लगाने और अन्य लोगों के बीच जियो-फेंसिंग सॉल्युशन भी निकलकर आया है।
• सैनिटाइज़र कोरोनावायरस ट्रांसमिशन के खिलाफ एक आवश्यक हथियार बन गया, कई स्टार्ट-अप ने वायरस और कीटाणुओं को दूर रखने के लिए डिसइन्फेक्शन और स्वच्छता के साधन पेश किए। इन समाधानों को अभी भी बड़े पैमाने पर तैनात किया जा रहा है क्योंकि वायरस का प्रसार जारी है।
• ऑनलाइन ऋण समाधान के साथ फिनटेक स्टार्टअप्स ऋण को देखने के तरीके को फिर से परिभाषित कर रहे हैं। विकसित होने के अवसरों को महसूस करते हुए लोगों और व्यवसायों को महामारी के बीच ऋण लेने को लेकर हिचकिचाहट कम हुई है और ऑनलाइन सॉल्युशन ने इसे संभव बनाया।
• डिजिटल हेल्थकेयर इस हेल्थ इमरजेंसी का एक और सुखद परिणाम रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाते हुए कई व्यवसाय हेल्थकेयर सॉल्युशन लेकर हैं। पहले से कहीं अधिक, घरेलू स्वास्थ्य सेवा, ऑनलाइन फ़ार्मेसी, पहनने योग्य तकनीक और भी बहुत कुछ, रोकथाम, पहचान, व्यवधान प्रबंधन और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करने के लिए इन साधनों की अधिक लोकप्रियता देखी गई।
फिनटेक स्टार्टअप्स ने दिखाई भविष्य की राह:
इस बीच, फिनटेक स्टार्टअप्स ने ऑनलाइन पेमेंट कलेक्शन और बड़े पैमाने पर रियलटाइम के अंतर को कम कर दिया है। वे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की पेशकश कर रहे हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके त्वरित, लचीले और परेशानी मुक्त छोटे क्रेडिट की पेशकश कर रहे हैं और किफायदी डिजिटल बंधक प्रदान कर रहे हैं। उनके पास को-ब्रांडेड प्रीपेड क्रेडिट कार्ड भी हैं, जो बैंकों के साथ साझेदारी में डेबिट कार्ड के साथ सेविंग खातों से जुड़े होते हैं।
कुछ स्टार्टअप पूरी प्रक्रिया को ऑटोमेट कर रहे हैं, जिससे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, बीमा प्रदाताओं और बैंकों को वित्तीय सुरक्षा मिल रही है, जिसमें आम तौर पर लेनदेन की मात्रा अधिक होती है। कुछ कंपनियां अपने ब्रांडेड बैंकिंग या भुगतान उत्पादों को शुरू करने में ब्रांडों को सक्षम कर रही हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं है, महामारी ने देश के फिनटेक क्षेत्र में तेजी ला दी है, जिसके लिए यह बहुत जरूरी बूस्टर शॉट साबित हुआ है। भारी चुनौतियों के बीच भी यह क्षेत्र देश में सबसे तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र बन गया है। इसने बड़ी संख्या में निवेश देखा है। शुरुआती संकेत मिल रहे थे कि महामारी की वजह से बदले आर्थिक माहौल में इन फिनटेक्स के लिए फंडिंग जुटाना एक बड़ी चुनौती होगा।
डिजिटल वित्तीय सेवाओं और ई-कॉमर्स ने और अधिक कर्षण प्राप्त किया क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग और कैशलेस लेनदेन महामारी-प्रेरित न्यू नॉर्मल का हिस्सा बन गए। एक आशावादी दृष्टिकोण की पेशकश करते हुए इंक42 प्लस की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में फिनटेक में फंडिंग $2.7 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
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