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मुंबई: पिछले दिनों राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय समाचार पत्र गऊ भारत भारती और कर्नाला चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राज भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस अवसर पर कहा कि प्राचीन काल से भारतीयों में जल संसाधनों, नदियों, पहाड़ों और जंगलों के प्रति पवित्रता और सम्मान की भावना रही है। हालांकि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से यह भावना कम होती जा रही है और पर्यावरण का हर जगह शोषण हो रहा है। कहीं-कहीं जंगल माफिया भी सक्रिय हैं। ऐसे समय में प्रकृति प्रेमी नागरिकों को पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक योगदान देने की जरूरत है।

इस मौके पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा चंद्रकांत शाहसाने द्वारा लिखित पुस्तक 'पर्यावरण विचार' और स्वर्गीय डॉ. ब्रह्मशंकर व्यास द्वारा लिखित पुस्तक 'गंगा महात्म्यम' का विमोचन किया गया। 

वन शहीद दिवस के अवसर पर राज्यपाल के हाथों वन एवं पर्यावरण संरक्षण के तथा शिक्षा के क्षेत्र लिए कार्य कर रहे विभिन्न क्षेत्रों के 30 व्यक्तियों को पर्यावरण मित्र पुरस्कार तथा गऊ भारत भारती विशेष सम्मान प्रदान किया। राज्यपाल के हाथों मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विकास खड़गे को वन विभाग में उत्कृष्ट कार्य के लिए पर्यावरण मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं शिक्षा सेवा फाऊंडेशन के मणिकांत तिवारी को उनकी संस्था द्वारा किये जा रहे शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों के लिए 'गऊ भारत भारती' का विशेष सम्मान देकर उन्हें सम्मानित किया। ज्ञात हो कि शिक्षा सेवा फॉउंडेशन पिछले कई वर्षो से कन्या शिक्षा को लेकर महानगर मुम्बई में काम कर रही है।  

राजभवन में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक संजय अमान का स्वागत राज्यपाल महोदय ने किया और उन्हें आशीर्वाद देते हुए उनके कार्यों की प्रसंसा की। कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक गऊ भारत भारती के अध्यक्ष संजय अमान ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेम कुमार ने किया। यह कार्यक्रम गऊ भारत भारती और करनाला चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा आयोजित किया गया था।

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