मुंबई। क्लासप्लस, भारत का अग्रणी एडटेक स्टार्टअप, जो कंटेंट क्रिएटर्स को अपने ऑनलाइन कोचिंग व्यवसायों को लॉन्च करने और स्केल करने में मदद करता है, ने इन्वेस्ट आज फॉर कल के संस्थापक अनंत लाढा के साथ हाथ मिलाया, ताकि वित्तीय साक्षरता में भारत के सबसे बड़े 'फिनफ्लुएंसर' को फिनक्लेव 2022 में एक साथ लाया जा सके।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट फिनफ्लुएंसर, बॉडी बिल्डर और कमर्शियल पायलट गौरव तनेजा उर्फ फ्लाइंग बीस्ट, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में सीए रचना रानाडे, राज शामानी, अभि और नियू, प्रांजल कामरा, विवेक बजाज, पीआर सुंदरम सहित कई प्रसिद्ध कंटेंट क्रिएटर, शिक्षक, फिनफ्लुएंसर और वित्त की दुनिया के प्रतिष्ठित व्यक्ति भी शामिल हुए। जाने-माने स्टैंडअप कॉमिक बिस्वा कल्याण रथ ने भी अपने फाइनेंस थीम वाले स्टैंडअप सेट के साथ कॉन्क्लेव में बहुत से लोगों को आकर्षित किया।
महामारी के दौरान, भारत ने पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों में बड़ी वृद्धि देखी। यह एक ऐसा दौर भी था जब कंटेंट क्रिएटर्स ने अपने कंटेंट को वितरित करने और उससे कमाई करने के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों का उपयोग करना शुरू कर दिया था। रचनाकारों के इस पूल में कुशल "फिनफ्लुएंसर" भी शामिल थे, जिन्होंने इन नए पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के बीच ज्ञान के अंतर को पहचाना। इन कुशल फिनफ्लुएंसर ने वित्तीय साक्षरता प्रदान करके और लोगों को व्यक्तिगत वित्तीय निर्णय लेने की अनुमति देकर व्यापक आर्थिक प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। फिनक्लेव 2022 का आयोजन, समाज में इन कुशल "फिनफ्लुएंसर" के द्वारा दिए गए योगदान का जश्न मनाने के लिए किया गया था। इसका उद्देश्य नेटवर्क को बढ़ाना तथा एक दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करना था।
इन्वेस्ट आज फॉर कल के संस्थापक अनंत लाढा ने कहा “मैं सामुदायिक निर्माण के इरादे से कुछ फाइनेंस कंटेंट क्रिएटर्स को एक साथ लाना चाहता था और क्लासप्लस की टीम के साथ इस विचार को साझा किया। अत्यंत उत्साह के साथ इस विचार को क्रियान्वित करने के लिए उन्हें नमन! मैं फिनक्लेव 2022 को एक शानदार एवं सफल आयोजन बनाने के लिए फिनफ्लुएंसर और क्लासप्लस के उत्साह से बेहद रोमांचित हूं।
क्लासप्लस के सीईओ और सह-संस्थापक मुकुल रुस्तगी ने बताया, "फिनक्लेव 2022 में फाइनेंस स्पेस के कुछ सबसे बड़े फिनफ्लुएंसर लोगों की मेजबानी करना, क्लासप्लस के लिए एक सम्मान और खुशी की बात थी। यह उनके द्वारा हमारे समाज में दिए गए उनके योगदान का जश्न मनाने का हमारा विनम्र प्रयास था। इस आयोजन से हमारी साझा सीख भारत को आर्थिक रूप से साक्षर और समावेशी बनाने में एक लंबा सफर तय करेगी।
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