मुम्बई। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल मुंबई में महाराष्ट्र स्तरीय प्रबुद्ध महिला सम्मेलन '360 डिग्री इम्पैक्ट' कार्यक्रम आचार्यश्री महाश्रमण की विदूषी शिष्या शासनश्री साध्वीश्री जिनरेखा व साध्वीश्री राकेश कुमारी ठाणा 9 के सानिध्य में 11 अप्रैल 2022 को तेरापंथ भवन, ठाकुर कॉम्प्लेक्स, कांदिवली पूर्व में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का भव्य आगाज राष्ट्रीय अध्यक्ष (अभातेमम) नीलम सेठिया व अभातेमम के पदाधिकारी, मुंबई अध्यक्षा रचना हीरण, मंत्री अल्का मेहता व टीम द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों का स्वागत मुंबई महिला मंडल की कर्मठ अध्यक्षा रचना हिरण ने किया। अभातेमम की राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सेठिया, महामंत्री मधु देरासरिया, ट्रस्टी प्रकाशदेवी तातेड़, पूर्वाध्यक्ष कुमुद कच्छारा, पूर्व महामंत्री तरुणा बोहरा, परामर्शक विमला नाहटा, महाराष्ट्र प्रभारी निर्मला चण्डालिया, कार्यकारिणी सदस्य जयश्री जोगड़ और मंत्री अलका मेहता उपस्थित रहीं।
अहिंसा परमो धर्मा और ओम अर्हम की नींव से सजा है जैन धर्म। भगवान महावीर के अनुयायी सदैव लोककल्याण का कार्य करते आ रहे हैं। श्वेताम्बर जैन की तेरापंथ महिला मंडल का समूह पूरे भारत वर्ष के अनेक शहरों में समाज और लोककल्याण का कार्य कर रहे हैं। अखिल भारतीय तेरापंथ महिलामण्डल ने कांदिवली पूर्व के तेरापंथ भवन में भव्य समारोह का आयोजन किया था यह आयोजन तीन चरणों का रहा जिसमें प्रमुख था महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना। कार्यक्रम में तेरापंथ की साध्वी सरदारा के साध्वी बनने के मार्ग का विवरण दिया गया। अनेक साध्वी माताओं ने समाज और लोक कल्याण की बहुमूल्य बातें बताई। महिला मंडल ने देशव्यापी जो कदम उठाए हैं उनकी चर्चा की। मीरा भायंदर की विधायिका गीता जैन ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और बताया कि काफी लोगों के विरोध के बाद भी वे स्वयं पर विश्वास कर कैसे एक चिकित्सक से एमएलए बनने का सफर तय किया, इस प्रेरक सफर को बताया। साथ ही 360 डिग्री इम्पैक्ट का कार्यक्रम रखा गया जिसमें अखिल भारतीय तेरापंथ की राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया, मुम्बई महिला मंडल की अध्यक्षा रचना हिरण, अभिनेत्री सायंतनी घोष, साहित्यकार अलका लांबा के साथ महिला अधिवक्ता, सामाजिक सेविका और चार सौ से अधिक महिला और कन्याओं का दल शामिल था। इसमें महिला उत्थान और महिलाओं के परित्याग पर रोक के संबंध में चर्चाएं हुई जिसका सही निदान ढूंढकर आगामी समय में कार्यवाही और सहयोग हेतु कदम उठाए जाएंगे।
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तित्व विकास हो, संस्कृति और संस्कारों की सुरक्षा, रूढ़ि उन्मूलन और लोक कल्याणकारी प्रवित्तियों का संचालन।
प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया सहित मुम्बई अध्यक्षा रचना हिरण ने बताया कि तेरापंथ महिलामण्डल द्वारा विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिनमें भ्रूण हत्या की रोकथाम, कन्याओं के आर्थिक मानसिक विकास आदि के लिए कन्या सुरक्षा योजना, शिक्षा हेतु ग्रामीणों को प्रेरित करना, प्रौढ़ शिक्षा, कम्प्यूटर और ट्यूशन सेंटर का निःशुल्क संचालन, चिकित्सा की दृष्टि से अलग अलग राज्यों और क्षेत्रों में निःशुल्क होमियोपैथी सेंटरों की शुरुआत, निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, मेमोग्राफी, नेत्र और दंत चिकित्सा, टीकाकरण, निःशुल्क दवाइयां और चश्मा वितरण, ऑपरेशन और स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए लघु और कुटीर उद्योग का विकास, जरूरतमंद क्षेत्रों को प्यूरीफायर, बायोगैस, सोलर एनर्जी, पानी टंकी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना।
तेरापंथ महिलामंडल प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी के स्वच्छ भारत अभियान की ब्रांड एंबेसडर है और स्वच्छ भारत की मुहिम में आगे भी है। इसके लिए ग्रमीण और शहरी क्षेत्रों में हजारों डस्टबिन, स्वच्छता सामग्री वितरण और शौचालयों का निर्माण भी किया है और आगे कर भी रही है। लोगों को जागृत करने के लिये विभिन्न जनजागरण अभियान संस्था द्वारा चलाया जा रहा है। लोक कल्याण का कोई भी ऐसा हिस्सा नहीं जहाँ ये सहायता के लिए तत्पर ना हो। आये दिन नित नवीन समस्याओं का ध्यान रखकर उसके उपाय और निराकरण के कार्यक्रम किये जा रहे हैं। केवल महिलाओं के हितार्थ नहीं अपितु सर्वजन हिताय के लिए कार्य हो रहे हैं। वैसे तो यह एक विशेष धर्म को इंगित करता है लेकिन इनके द्वारा किया गया कार्य धर्म विशेष से ऊंचा है, केवल और केवल लोगों की मदद, समाज और देश की सहायता। नेत्रहीन, मूकबधिर, विकलांग दिव्यांगों के लिए आश्रम और चिकित्सीय सुविधा, अनाथालय, वृद्धाश्रम आदि का सहयोग और संचालन भी इस महिला मंडल द्वारा गतिमान है। इसके अलावा कैंसर पीड़ितों के लिए अस्पतालों में मशीन और अन्य सुविधाओं द्वारा सहायता भी किया जाता है। प्राकृतिक आपदा में भी सहायता प्रदान करना जैसे नेपाल में भूकंप, उड़ीसा में चक्रवात आदि से हुए नुकसान से पीड़ितों को राहत देने के लिए खाद्य सामग्री, दवाई, वस्त्र और कमरों के वितरण किया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिलामण्डल ने सामाजिक कार्यों और लोक कल्याण को ही अपना जीवन बना रखा है। साथ ही यह उन महिलाओं का भी सम्मान करती हैं जो कला, ज्ञान विज्ञान, सामाजिक, संस्कृतिक या देशहित के क्षेत्र में कोई सराहनीय कार्य किया हो ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिले और वे आगे लोकसेवा करती रहे।
- गायत्री साहू
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