संवाददाता / मुम्बई
दिवानेश्वर महादेव संस्कृत पाठशाला का परिणाम शत प्रतिशत शत घोषित हुआ। आज जहाँ लोग संस्कृत छोड़कर दूसरी भाषा अंग्रेजी और फ्रेन्च की तरफ आगे बढ़ रहे हैं वहाँ संस्कृत बहुत ही इच्छा से लोग पढ़ रहे है। मुम्बई के समीप वसई उपनगर में यह पाठशाला लोगों के लिये आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।यह पाठशाला गुरुकुल परम्परा की याद दिलाता है दिवानेश्वर महादेव मंदिर में स्थित यह पाठशाला विगत कई वर्षों से संस्कृत पचार-प्रसार के निमित्त कार्य कर रहा है। यहां के आचार्य जगदीश शास्त्री से यह पता चला कि मंदिर के माध्यम से यह गुरुकुल निःशुल्क तथा आयु सीमा नही में कार्य कर रहा है उनका यह मानना है कि यदि इसी तरह मंदिर भले ही छोटे-छोटे तौर पर गुरुकुल प्रारम्भ करते हैं तो समाज में संस्कृत शिक्षा के कारण सनातन धर्म में आस्था के साथ -साथ भारत सनातन धर्म के माध्यम से विश्व गुरु बन सकता है और पूरी दुनिया में संस्कृत के कारण संस्कारवान बन सकता है।24 अप्रैल को पाठशाला का परिणाम घोषित हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। यह पाठशाला मम्बई स्थिति भारतीय विद्या भवन से प्रमाणित है।
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