कार्यालय संवाददाता /मुंबई
उत्तर प्रदेश सरकार मैं विधि आयोग के पूर्व चेयरमैन तथा इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस श्री रविंद्र यादव जी ने मौजूदा कानून व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आज समाज में बदले की भावना के चलते कानून का काफी दुरुपयोग हो रहा है. ऐसे में किसी पर आरोप लगाने के बाद जब आरोपी व्यक्ति यदि निर्दोष मुक्त हो जाता है तो आरोप लगाने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई या बड़ी पेनाल्टी का प्रावधान होना जरूरी है और इस पर सरकार को कड़ा कदम उठाना अत्यंत आवश्यक हो गया है ताकि इसके बाद कोई किसी पर गलत आरोप न लगा सके. मिशन पत्रकारिता के लीगल हेल्प विंग द्वारा आयोजित साप्ताहिक कानूनी सलाह कार्यक्रम में वह बोल रहे थे.
जस्टिस रविंद्र सिंह यादव ने मुंबई के नागरिकों एवं पत्रकारों को मार्गदर्शन करते हुए बातों ही बातों में केंद्र सरकार से यह मांग कर डाली की कानून का दुरुपयोग करने वाले सामाज के अराजक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने हेतु पार्लियामेंट में कोई नया अमेंडमेंट लाने की कार्रवाई करें. जिससे निर्दोष लोगों को जेल में बेवजह कारावास ना भुगतना पड़े.
पत्रकारों का मार्गदर्शन करते हुए जस्टिस यादव ने संविधान के आर्टिकल 21 और 48 से लोगों को अवगत कराया. साथ ही राइट टू लाइफ के विषय में लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का उन्होंने विस्तार से जवाब दिया. इसके अलावा प्रेस काउंसिल के नियम तथा पत्रकारों के अधिकार के विषय में उन्होंने संपूर्ण जानकारी दी और सिटीजन जर्नलिज्म के माध्यम से आम नागरिक कैसे समाज सेवा कर देश में क्रांति ला सकते हैं इस विषय पर उन्होंने प्रकाश डाला.
लीगल हेल्प विंग की ओर से एडवोकेट एम एम चौधरी इन्होंने कार्यक्रम में जस्टिस यादव का परिचय देकर कार्यक्रम का शुभारंभ एवं समापन किया. वही मिशन पत्रकारिता के अध्यक्ष शैलेश जयसवाल ने कहा कि देश के विकास में लोकतंत्र के चारों आधार स्तंभ जब इकट्ठे होकर सकारात्मक कार्य करें तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता.
ज्ञात हो कि प्रत्येक रविवार को मिशन पत्रकारिता के लीगल हेल्प विंग द्वारा समूचे देश भर के लोगों के लिए नि शुल्क ऑनलाइन कानूनी सलाह दी जाती है इतना ही नहीं बल्कि बेसहारा आशा है निर्दोष लोगों को न्यायिक मदद भी इस संस्था द्वारा दी जाती है अतः संस्था के पदाधिकारियों ने सभी नागरिकों से सप्ताहिक सामूहिक कार्यक्रम में ऑनलाइन उपस्थित रह कर ज्ञान अर्जित करने का आवाहन किया है.
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