Saturday, 16 July 2022

किरदार को शिद्दत से निभाने के लिए समझना पड़ता है, समाना पड़ता है : पूजा दीक्षित






मुम्बई। कुछ लोग जन्म से ही प्रतिभावान होते हैं और समय के साथ अपनी प्रतिभा में निखार भी लाते हैं। ऐसी ही महाराष्ट्र की मिट्टी में जन्मी पूजा दीक्षित जमीन से जुड़ी हुई शख्सियत है। जिन्हें बचपन से ही एंकरिंग, पेंटिंग, फैशन, लेखन और कविताएं लिखने का शौक था और यही लेखन कला उन्हें इंडस्ट्री में लेकर आ गयी। पार्ला कॉलेज से एमएससी में बायोटेक्नोलॉजी की उपाधि प्राप्त करने के बाद वह अपने लेखन के शौक को आगे बढ़ाने के लिए धारावाहिकों में बतौर असिस्टेंट डायलॉग राइटर का कार्य करने लगी। बतौर राइटर वो अपना काम बड़ी निष्ठा से कर रही थी तभी किस्मत ने उनका दरवाजा खटखटाया। धारावाहिक 'सपनों के भंवर' में वह डायलॉग राइटिंग कर रही थी तभी उसमें एक भूमिका निभाने वाली एक पात्र शूटिंग के दिन सेट पर नहीं आयी। तब इन्हें वह भूमिका करने का ऑफर मिला। उनसे कहा गया कि आपने यह संवाद लिखा है तो आप इस पात्र को बेहतर प्रदर्शित कर सकती है और सच में यह बात सच साबित हुई। पूजा ने वह भूमिका बड़े आत्मविश्वास के साथ निभाया। उनकी अभिनय कला देखकर उन्हें यह काम मिल गया फिर पूजा ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक के बाद एक वह काम करती रही। हाल ही में ज़ी टीवी पर प्रसारित नए शो 'मिठाई' में वह एक नकारात्मक भूमिका निभा रही है। पूजा कहती है कि उनकी यह भूमिका उनके वास्तविक चरित्र से बिल्कुल अलग है इसलिए इस किरदार को शिद्दत से निभाने के लिए इस चरित्र में उन्हें स्वयं को समाना पड़ता है, समझना पड़ता है। इस नकारात्मक छवि में वह आभा चौबे की भूमिका निभा रही है जो मुख्य पात्र के जीवन में नए नए षडयंत्र रचती है। 

इससे पहले कई धारावाहिकों में भी वह अभिनय कर चुकी हैं जिनमें येशु में मारिया का किरदार, मेरे साईं में रेहाना, मेरे अँगने में मनोरमा का किरदार कर चुकी है। साथ में फिल्म चक्रव्यूह, अजीब मौसम, हेट स्टोरी वन, पंख, लापरवाह आदि फिल्मों में भी काम कर चुकी है। 

इसके अलावा पूजा दीक्षित कई विज्ञापन फिल्म जैसे स्वच्छ भारत अभियान, जेसीबी क्रेन, भारतीय रिजर्व बैंक आदि के लिए काम कर चुकी है। डीडी इंडिया पर चल रहे शो 'विरासत बेमिसाल' में लगातार 2 वर्षों तक एंकरिंग किया है।

 इनकी लघु फिल्म 'किताब' ने दुनिया भर में लगभग 22 पुरस्कार जीते हैं जिसमें टॉम अल्टर के साथ मुख्य भूमिका निभाई है। डीडी नेशनल पर हर शनिवार दोपहर 12:30 बजे प्रसारित होने वाले शो 'उलटन पलटन अस्पताल' में भी इनका अहम किरदार है।

 पूजा फिल्म और विज्ञापन फिल्मों के अलावा वेब सीरीज में भी अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने जा रही है। 

 वेब सीरीज 'लॉन्ग ड्राइव' एक महिला प्रधान कहानी पर आधारित है जिसमें पूजा मुख्य भूमिका में है।

 पूजा दीक्षित कहती है कि आज वह जो भी है उसके पीछे उनकी माँ का बहुत बड़ा हाथ है। वह अपनी माँ को अपना आइडल मानती है। उनकी माँ ने उन्हें जीवन की हर बारीकी सिखाई है जिससे किसी भी परिस्थिति में कैसे खुश रहा जाए। कभी असंतुष्टि या भय का मौहाल मन में नहीं आनी चाहिए। उन्हीं से पूजा ने एडजस्ट होना, स्टेबिलिटी और हर कंडिशन में कैसे सर्वाइव किया जाए, यह सब सीखा है जो आज उनके विकास में काम आ रही है। 

सदा मुस्कुराते रहो और पूरी उम्मीद और जुनून से काम करते रहना। अपने काम को दृढ़ता के साथ करते रहना और उस पर टिके रहने पर ही सफलता मिलती है। कभी एक झटके में सफलता नहीं मिलती उसके लिए धर्य के साथ टिके रहना पड़ता है उतार चढ़ाव से अगर घबरा गए तो आगे मंजिल तक कैसे पहुंचोगे, यही पूजा के सफलता का मूल मंत्र है। 

पूजा अपना काम पूरी धर्य और तन्मयता से करती जा रही है।अभिनय के साथ वह अपने हर स्किल (कौशल) में ध्यान दे रही है और अपने आगामी प्रोजेक्ट करते जा रही है।

 पूजा का कहना है कि आज के युवा डिजिटल दुनिया में खो कर अपनापन और इंसानियत से दूर हो रहे हैं। आप आधुनिकता के साथ अवश्य चलें लेकिन अपने अपनों और परिवार को भी वक़्त देना जरूरी है। अपने दोस्तों और परिवार से प्रत्यक्ष समय निकाल कर मिलना वक़्त बिताना और बधाई देने से अपनापन और आपसी प्यार बढ़ता है। आपकी भावना उन तक पहुंचती है। केवल आधुनिकता में राह पकड़ कर अपनी जड़ें नहीं भूलनी चाहिए। डिजिटल दुनिया के अलावा अपनी दुनिया भी है जिसमें आपको अकेलेपन के शिकार मत बनो। क्योंकि अकेलापन कई रोगों का जनक है। 

पूजा बेहद खुशमिजाज बिंदास और संस्कारी इंसान है।

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