मीरा रोड वोक्हार्ट अस्पताल में हुआ इलाज
मीरा रोड। कोरोनरी धमनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित 56 वर्षीय मरीज पर कॉम्प्लेक्स बायपास सर्जरी कर उन्हें नई जिंदगी देने में मीरा रोड स्थित वोक्हार्ट अस्पताल के डॉक्टरों को सफलता हासिल हुई है।
वॉक्हार्ट अस्पताल के कंसल्टेंट कार्डियो थोरैसिक एंड वैस्कुलर सर्जन डॉ. मयुरेश प्रधान के नेतृत्व में एक डॉक्टर के टीम ने यह सर्जरी की है।
वसई में रहने वाले इस मरीज को पिछले कुछ दिनो से सीने में दर्द, रक्तस्त्राव, एनीमिया, कैरोटिड धमनी रोग से परेशान था। उनका कोरोनरी एंजियोग्राम हुआ, जिसमें उन्हें क्रिटिकल कैल्सीफिक टीवीडी (ट्रिपल वेसल डिजीज) का निदान हुआ। डॉ. मयूरेश प्रधान (सीवीटीएस सर्जन), डॉ मृदुल धरोड (गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट), डॉ दीपेश पिंपले (न्यूरोलॉजिस्ट) और डॉ अनूप तकसांडे (कार्डियोलॉजिस्ट) सहित डॉ की एक टीम ने उस व्यक्ति का इलाज किया। उसने आगे डॉ. मयूरेश प्रधान द्वारा ऑफ पंप सीएबीजी सर्जरी करवाई।
वॉक्हार्ट अस्पताल के कंसल्टेंट कार्डियो थोरैसिक एंड वैस्कुलर सर्जन डॉ. मयुरेश प्रधान ने कहा कि हर महीने हम दिल की शिकायतों वाले बहुत से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। जीवनशैली विकार, तनाव भोजन की आदतें, नींद की कमी और कई कारक लोगों की हृदय की समस्या होने लगी है। बाईपास सर्जरी को एक ऐसे केंद्र में करने की आवश्यकता है जो सभी जटिल मामलों का प्रबंधन करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हो और जिसमें एक समर्पित कार्डिएक ओटी, कैथलैब, आईसीयू और बहु-अनुशासनात्मक टीम जैसी सभी आवश्यक आंतरिक सुविधाएं हों।
डॉ. प्रधान ने आगे कहा कि ऑन-पंप कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) सर्जरी मूल तकनीक है, लेकिन ऑफ-पंप या बीटिंग हार्ट सर्जरी सबसे हालिया तकनीक है। इस सर्जरी के कारण मरीज के सेहत में अच्छा सुधार हुआ है। अब मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया है और पहले की तरह अपने काम करने लगा है।
मामले की जटिलता के बारे में पूछे जाने पर, डॉ प्रधान ने कहा कि बाईपास सर्जरी हृदय को रोककर और हृदय-फेफड़े की मशीन का उपयोग करके की जाती है। इस तकनीक के माध्यम से दिल को धड़कने शुरू रखकर बाईपास सर्जरी की जाती है। हृदय मरीजों में मधुमेह और गुर्दे की बीमारियों के बढ़ते मामलों के साथ, ऑफ-पंप सीएबीजी सुरक्षित है और इसमें ऑन-पंप या पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम जटिलताएं होती हैं।
डॉ. प्रधान ने पिछले 15 वर्षों में 2500 से अधिक बाईपास सर्जरी की है, और अब वॉक्हार्ट अस्पताल में वह काम कर रहे हैं।
मरीज ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि सीने में दर्द के कारण में अपनी दैनिक गतिविधियां नहीं कर सकता था। वैद्यकीय जांच में मुझे हृदय की बिमारी का पता चला। में काफी डर गया था। लेकिन वॉक्हार्ट अस्पताल के डॉक्टरों के कारण मुझे नई जिंदगी मिली है। मैं उनका आभारी हूँ क्योंकि उनके कारण अब मैं अपनी दैनिक गतिविधियॉं कर सकता हूं।
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