मुम्बई। आगामी 8 दिसम्बर 2022 से सारंगखेड़ा में इस वर्ष का चेतक फेस्टिवल आरम्भ होगा जो 2 जनवरी 2023 तक चलेगा। इसकी आधिकारिक घोषणा रावल जयपाल सिंह ने मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस में की। चेतक इक्वाइन डेवलपमेंट प्रा. लि. द्वारा संचालित एक पत्रकार वार्ता में इस फेस्टिवल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यह फेस्टिवल लगभग तीन सौ वर्षों से महाराष्ट्र के नंदुरबार जिलान्तर्गत सारंगखेड़ा क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगता है। महाराणा प्रताप सिंह के सबसे प्रिय घोड़े चेतक की वीरता बहादुरी और समझदारी की स्मृति में यह अश्व मेला आयोजित किया जाता है। इसके आयोजन की सारी जिम्मेदारी और व्यवस्था का जिम्मा रावल जयपाल के कंधे पर ही रहता है। पूर्व में इसकी देखरेख उनके पूर्वज ही किया करते थे। इस मेले में प्रत्येक रंग, प्रत्येक वर्ण, ब्रीड के और हर रेंज, मूल्य के अश्व आते हैं। यहाँ अश्वप्रेमियों के अस्तबल की शोभा बढ़ाने के लिए दो लाख से ग्यारह करोड़ तक के घोड़े मिलते हैं। मारवाड़ी नस्ल के घोड़े सर्वाधिक लोकप्रिय हैं, मूल्यवान होते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं कि सिर्फ रेसकोर्स में दौड़ लगाने वाले अश्व ही आते हैं, हम छोटे घोड़ों को भी बुलवाते हैं। जो घोड़े टट्टू में जोते जाते हैं उनकी भी मांग होती है। पहले जमाने में ये टट्टू के घोड़े सामान ढोने और सवारी के लिए खूब काम आते थे। लगभग साढ़े तीन हज़ार अश्वों का आना जाना होता है सारंगखेड़ा चेतक फेस्टिवल में और तीन चार सप्ताह तक यह आकर्षण बना रहता है।
सारंगखेड़ा में एक हॉर्स हब बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है। अगले वर्ष अश्व प्रेम और इस दिशा में जागरूकता उत्पन्न करने के निमित्त एक देश व्यापी मार्च भी निकाला जायेगा जो चंडीगढ़ से सारंगखेड़ा तक जायेगा। रावल जयपाल सिंह ने अपने सम्बोधन में इस बात पर चिन्ता व्यक्त की कि हम पशुओं से दूर होते जा रहे हैं। अश्वों के बारे में तो बिल्कुल ही नहीं जानती आज की पीढ़ी। यही स्थिति रही तो आगे बच्चों को बताना पड़ेगा, यह घोड़ा है। हम इस दिशा में अत्यंत गंभीर हैं और जागरूकता के साथ पूरी तरह से सक्रिय हैं। हमारी हॉर्स प्रीमियर लीग आरम्भ करने की भी योजना है। चेतक फेस्टिवल को लोकप्रिय बनाने के लिए यहाँ और भी बहुत से कार्यक्रम और क्रियाकलापों का आयोजन होता है। जैसे कि बॉडी बिल्डिंग स्पा, आर्ट गैलरी, क्लब आदि की भी व्यवस्था है। इस विलक्षण आयोजन के लिए होर्डिंग पब्लिसिटी पार्टनर ब्राईट है जिसके सर्वेसर्वा योगेश लखानी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। अकोला के प्रो. सिमरन सर नागरा भी विशेष रूप से उपस्थित थे और वह भी इस आयोजन में सहयोगी हैं।
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