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मुम्बई। काऊ हग डे के रूप में 14 फरवरी के दिन गाय को गले लगाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की जा रही है। भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए AWBI (एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया) की पहल का स्वागत करते हुए 'गऊ भारत भारती' समाचार पत्र के संपादक संजय अमान का कहना है कि बोर्ड का यह एक शानदार कदम है सभी गौ से सम्बंधित संस्थाओं को इसका स्वागत करते हुए बड़े पैमाने पर गौशालाओं और सार्वजानिक स्थानों पर 14 फ़रवरी को काऊ हग डे COW HUG DAY कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को जोड़ना चाहिए खासकर युवा समाज को।  

 ज्ञात हो कि इस पाश्चत्य संस्कृति को 7 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक के दिन को वेलेंटाइन वीक के रूप में मनाया जाता है। जिसका भारत में बड़ा विरोध होता है। यह भारत की संस्कृति नहीं है हिन्दू संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर इसके विरोध में कार्यवाई की जाती है।  

 संजय अमान का आगे कहना है कि  बोर्ड ने COW HUG DAY: 14 फ़रवरी को मनाने के संकल्प से हमारा युवा समाज जो वेलेंटाइन जैसे इस बेहूदा प्रचलन को बढ़ावा दे रहा है उसे हम रोकने में सफल होंगे और हमारे भारतीय संस्कृति सनातन धर्म की मुख्य धुरी गौ माता से भटके युवाओं को राह दिखा सकते हैं। 

इसी सन्दर्भ में 'गऊ भारत भारती' के द्वारा 14 फ़रवरी को COW HUG DAY का एक कार्यक्रम विलेपार्ले पश्चिम स्थित सन्यास आश्रम में एक भव्य कार्यक्रम शाम को 4 बजे से करने जा रहा है। 

वैसे भी गौ माता के गले लगने मात्र से ही मनुष्य की जीवन में परिवर्तन आने लगता है। विदेशो में गौ को गले लगाने के लिए लोग 100 डॉलर तक दे देते हैं तो क्यों न हम सभी 14 फरवरी को काऊ हग डे COW HUG DAY मनाकर एक नई परंपरा की शुरुआत करे।

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