संवाददाता /मुंबई
पहले से अपने खिलाफ दर्ज कई एफआईआर का सामना कर रहे विवादित पुलिस इंस्पेक्टर सूर्यकांत कांबले के खिलाफ आज आजाद नगर पुलिस थाने में फिर से एक महिला के साथ लैंगिक हिंसाचार किए जाने की शिकायत दर्ज की गई है। कांबले पर आरोप है कि मानव अधिकार आयोग परिसर में उसने सीनियर महिला एडवोकेट के अंतर्वस्त्र में हाथ डाल कर छाती दबाई। जिससे महिला जमीन पर गिर गई और पूरे कोर्ट परिसर में जमकर हंगामा हो गया।
पुख्ता जानकारी के मुताबिक एक वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ फर्जी एफआईआर दायर कर उसे निर्वस्त्र कर मारपीट करने के आरोप में की गई शिकायत पर सुनवाई हेतु आरोपी इंस्पेक्टर सूर्यकांत कांबले की आज शुक्रवार को मानव अधिकार आयोग के न्यायालय में पेशी थी। इस दौरान सिनियर महिला एडवोकेट के साथ हुए कथित विवाद के दौरान आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर सूर्यकांत कांबले ने उक्त महिला के कमर में हाथ डाल गंदे तरीके से छेड़छाड़ की। इस लैंगिक हिंसाचार का बचाव करते हुए उक्त महिला के छाती पर आरोपी के नाखून लग जाने से कई जगह खरोच की चोटे आई है । इस झडप में महिला जमीन पर गिर गई । जिसके कोर्ट बाद परिसर में यह तमाशा देख रहे लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इस घटना के बाद महिला एडवोकेट ने तुरंत ही मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन केके तातेड को इस बात की सूचना दी। जिससे बात आजाद नगर पुलिस ने तत्काल इस पर महिला का बयान दर्ज कर लिया। परंतु अभी तक उक्त अधिकारी के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
इस मामले की तफ्तीश कर रही आजाद नगर पुलिस थाने की महिला पुलिस निरीक्षक सारिका निकम ने बताया की अपराधी एक ड्यूटी पर तैनात वर्दीधारी लोकसेवक होने के कारण उनके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। अतः तहकीकात के 24 घंटे बाद ही इस पर एफआईआर दर्ज किए जाने पर वरिष्ठ अधिकारी विचार करेंगे। परंतू 24 घंटे बीत जाने के बावजूद उक्त अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि बार एसोसिएशन तथा पत्रकार संगठनों ने भी उक्त अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज ना होने की स्थिति में राज्य सरकार को ज्ञापन देकर आंदोलन करने को चेतावनी जारी की है।
गौरतलब है मुंबई पुलिस के सबसे विवादित पुलिस इंस्पेक्टर सूर्यकांत कांबले के खिलाफ कई पुलिस थानों में कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं । जबकि कई सामाजिक संगठनों व संस्थाओं ने भी कांबले के खिलाफ विभिन्न सरकारी विभाग को लिखित शिकायते दी है। कांबले पर आरोप है कि जोगेश्वरी पुलिस थाना में तैनात रहते हुए उसने अपने अधिकार का दुरुपयोग कर अपने थाना क्षेत्र के बाहर ठाणे स्थित राबौडी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाली अपनी प्रेमिका के लिए उसके पड़ोसी का अपहरण कर उसके साथ मारपीट की और इस काम के लिए अपने अधीन सरकारी कर्मचारियों एवं सरकारी पुलिस वाहन का इस्तेमाल कर अपने अधिकार का दुरुपयोग किया। जिस पर स्थानीय लोगों की मदद से इस इंस्पेक्टर के खिलाफ राबौडी पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया गया और उसे थाने सत्र न्यायालय में पेश किया गया। करीब 20 सिंह जेल में रहने के बाद फिलहाल कांबले जमानत पर रिहा है। इतना सब होने के बावजूद प्रशासन पर यह सवालिया निशान उठता है कि इस आदतन भ्रष्ट व अपराधी पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ इतने एफआईआर और कई संस्थाओं के शिकायतें होने के बावजूद भी इसे सस्पेंड नहीं क्यों नहीं किया गया है। जबकि वर्दी धारी यह इंस्पेक्टर अपनी ड्यूटी पुलिस थानों में कम देता है और उसके खिलाफ दर्ज मामलों में अदालतों के चक्कर ज्यादा काट रहा है। ऐसे में उसे मुंबई पुलिस कमिश्नर द्वारा पुरस्कृत किया जाना और बिना सस्पेंड किए इसका ड्यूटी पर बने रहना प्रशासन को और भी ज्यादा सवालों के घेरे में डाल रहा है।
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