सीडीएमओ जगत में मौजूद संभावना का उपयोग करके कंपनी को फ्यूचर-रेडी बनाने का लक्ष्य
मुंबई। गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (जीएवीएल) की सहायक कंपनी, एस्टेक लाइफ साइंसेस लिमिटेड ने रबाले, महाराष्ट्र में अपना नया उन्नत अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) केंद्र लॉन्च किया। इसे 'आदि गोदरेज सेंटर फॉर केमिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट' नाम दिया गया है। यह केंद्र उत्कृष्ट नवाचार और व्यक्तियों एवं पर्यावरण के लिए स्थिरतापूर्ण व सुरक्षित समाधान विकसित करने पर बल देगा। यह अनुबंध विकास और विनिर्माण क्षेत्र (सीडीएमओ) की नवप्रवर्तक कंपनियों को सेवाएं प्रदान करेगा।
उत्पाद के जीवन-चक्र प्रबंधन के साथ-साथ नए उत्पाद निर्माण, प्रक्रिया अनुकूलन और स्केल-अप पर जोर देते हुए, यह अनुसंधान एवं विकास केंद्र तेजी से बढ़ते रासायनिक उद्योग में नवप्रवर्तक कंपनियों के लिए पसंदीदा एप्लिकेशन-एग्नॉस्टिक पार्टनर बनने की गोदरेज ग्रुप की महत्वाकांक्षा को गति देगा।
यह अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र उत्पाद संश्लेषण के लिए संश्लेषण प्रयोगशाला और फसल सुरक्षा के क्षेत्र में नए फॉर्मूलेशन विकसित करने हेतु फॉर्मुलेशन लैब से सुसज्जित है। अनुसंधान और विकास को गति देने के लिए उन्नत विश्लेषणात्मक उपकरणों से युक्त, इस केंद्र में परिष्कृत प्रक्रिया सुरक्षा बुनियादी ढांचा भी है ताकि रासायनिक प्रतिक्रियाएं सुरक्षित एवं स्थिरतापूर्ण हो सकें।
अपनी क्षमताओं को देखते हुए, नया आरएंडडी केंद्र कंपनी को तेज गति से और बड़े पैमाने पर स्थिरतापूर्ण उत्पादों की नई श्रृंखला विकसित करने में सक्षम करेगा, जिससे नैतिकता, सुरक्षा और पर्यावरण की देखभाल से समझौता किए बिना अपने ग्राहकों के व्यवसायों में मूल्य वृद्धि होगी।
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, जीएवीएल के अध्यक्ष, नादिर गोदरेज ने कहा, “रबाले में अनुसंधान एवं विकास केंद्र को लॉन्च किया जाना रासायनिक उद्योग की अपार संभावनाओं का लाभ उठाने के हमारे प्रयास में एस्टेक लाइफ साइंसेज के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसे उत्कृष्ट अनुसंधान एवं विकास के केंद्र के रूप में डिजाइन किया गया है जो गोदरेज के उच्च प्रतिभासंपन्न मानव संसाधन एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। इस प्रकार, हम जिज्ञासा और नवाचार की संस्कृति को लगातार बढ़ावा देते रहे हैं। यह ग्रीन केमिस्ट्री और स्थिरता पर जोर देने के साथ उन्नत समाधान पेश करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मुझे खुशी है कि हमारी अनुसंधान एवं विकास क्षमता और हमारा विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा से हमारे हितधारकों, कर्मचारियों और ग्राहकों को महत्वपूर्ण रूप से लाभ मिलेगा।"
जीएवीएल के प्रबंध निदेशक बलराम सिंह यादव ने नया अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने में निवेश करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “भारत रसायन क्षेत्र में एक उभरता हुआ फ्रंटियर है। हालाँकि, इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए सक्षम इको-सिस्टम की आवश्यकता होगी और इस अनुसंधान एवं विकास केंद्र की भूमिका यही से शुरू होती है। इस क्षेत्र में न केवल घरेलू बल्कि विश्व स्तर पर भी अपार संभावना है, और हमें विश्वास है कि हमारी अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं और हमारे समर्थन के साथ भरोसेमंद गोदरेज ब्रांड हमें भविष्य के लिए तैयार करेगा और हमें इस क्षेत्र में अत्याधुनिक स्थिति में खड़ा करेगा।
अपने ग्राहकों और कंपनी के लिए संभावित लाभों पर प्रकाश डालते हुए, अनुराग रॉय, चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, एस्टेक लाइफ साइंसेज लिमिटेड ने कहा, “भारत में रसायनों के लिए सीडीएमओ बाजार 10% की वैश्विक दर के मुकाबले 12% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। यह इस क्षेत्र में अविश्वसनीय क्षमता को रेखांकित करता है, और यहां हमारा नया केंद्र हमें विशेष रूप से सीडीएमओ क्षेत्र में अपनी पेशकश का विस्तार करने में सक्षम बनाएगा। यह हमारे ग्राहकों के लिए अनुसंधान एवं विकास चरण से लेकर उत्पादों के व्यावसायीकरण तक समग्र समाधान उपलब्ध कराने की हमारी संवर्धित क्षमता के जरिए हमें पसंदीदा सहयोगी बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नए-नए समाधानों को कम समय में बाजार में उपलब्ध कराते हुए, हमें विश्वास है कि उत्पाद विकास में सुधार करके, उन्नत उपकरणों और सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करके, सहयोग एवं नवाचार को बढ़ावा देकर, यह नया आरएंडडी केंद्र हमें सही समय पर इस क्षेत्र में सही जगह पर मजबूती प्रदान करेगा।
कुशल तकनीकी श्रम बल, कच्चे माल और मजबूत आईपी व्यवस्था की उपलब्धता के कारण भारत रासायनिक क्षेत्र के लिए पसंदीदा केंद्र बनता जा रहा है। एस्टेक लाइफ साइंसेज लिमिटेड का लक्ष्य अपनी मजबूत शोध और बुनियादी ढांचे की क्षमता, सुचारू और तेज़ स्केल-अप क्षमता और विश्व स्तरीय एचएसईक्यू मानकों के साथ अंतर लाना है। कंपनी अपनी विशेषज्ञता के निर्माण में भारी निवेश कर रही है और वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान इसे दोगुना करने की योजना के साथ 100 से अधिक केमिस्ट और इंजीनियरों को नियुक्त किया गया है।
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