मुंबई। कांदिवली पूर्व क्षेत्र क्रांति नगर के राजीव गांधी चाल, जिस क्षेत्र में अति पिछड़े लोग काफी दयनीय स्थिति मे रहकर अपनी जीविका छोटे-छोटे कारोबार या फिर नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। अगल-बगल वन विभाग का क्षेत्र होने की वजह से जंगली वन्य जीव का खतरा हमेशा ही बना रहता है।
घर के अभिवावक माँ बाप सहित अन्य सदस्य काम की वजह से अक्सर घर से बाहर ही रहते हैं। ऐसे माहौल मे उन झुग्गी बस्तियों मे रहने वाले नौनिहालों को शिक्षा की आवश्यकता पर ध्यान देना बहुत ही कठिन या मुश्किल कार्य है। लेकिन एक कहावत है कि 'जहां चाह है, वहीं राह है' इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक साहसिक कदम बीस वर्षीया नवयुवती संजना कहार ने इन बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। संजना स्वयं भी पढ़ाई करती हैं, और इन झुग्गियों मे रहने वाले सभी बच्चों को एकत्रित कर उनके ही परिसर मे 'भिक्षा नहीं शिक्षा' नामक अभियान की अलख जगा रही हैं, उनके इस सेवाभावी प्रयास की सर्वत्र सराहना हो रही है। बिल्कुल निशुल्क शिक्षा के साथ साथ उन बच्चों के लिए खेलकूद व कार्यक्रमों के माध्यमों से अन्य जानकारी भी दे रही हैं। इस अभियान में सामाजिक संस्था द्वारिकामाई चैरिटी की ओर से बड़ी सहायता और बच्चों के भविष्य के प्रति अमूल्य योगदान मिल रहा है।
द्वारकामाई चैरिटी संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरीशंकर चौबे का कहना है कि हमारी संस्था द्वारा संजना कहार और इन बच्चों के शिक्षार्थ जो कुछ भी आवश्यक खर्च होगा वो रकम संस्था वहन करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इस कार्य मे संस्था पदाधिकारी अनिता पांडेय, शांति यादव, हास्य कलाकार श्रवण कुमार की टीम के संयुक्त प्रयास से इन झुग्गियों मे रहने वाले बच्चे अपने उज्जवल भविष्य की ओर निश्चित अग्रसर होंगे ऐसी उम्मीद है।
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