मुम्बई। दिव्यांग समाजसेवी और परोपकारी नीलोत्पल मृणाल ने स्वतंत्रता दिवस के जश्न के अवसर पर दिव्यांग, भारतीय सेना, एयरफोर्स, पुलिस और एनएसजी कमांडो के साथ "तिरंगा वॉकथन रैली" का आयोजन मुम्बई के कलीना मिलिट्री कैम्प में किया। इस अवसर पर दिव्यांगों को राशन किट दिये गए। साथ ही भारतीय सेना, एयरफोर्स और एनएसजी कमांडो के आदर के लिए फूल भी बरसाए गए और उन्हें उपहार दिया गया।
यह तिरंगा यात्रा दो किलोमीटर तक की रही। इस दौरान ढोल ताशे भी बजे, देशभक्ति गीत भी बजते रहे साथ ही महिलाओं ने भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाया। नीलोत्पल मृणाल इस तिरंगा यात्रा में साथ साथ रहे।
बता दें कि नीलोत्पल मृणाल स्वयं एक दिव्यांग हैं लेकिन उन का मानना है कि वो जब दूसरे को दौड़ते और चलते देखते हैं तो उन्हें लगता है कि वह दौड़ रहे हैं इसलिए उन्होंने पिछले एक दशक में 100 से भी ज़्यादा मैराथन रैली का आयोजन पूरे देश भर में किया है।
नन्ही गूंज फाउंडेशन के ट्रस्टी नीलोत्पल मृणाल के द्वारा आयोजित यह वॉकथन एक ऐतिहासिक यात्रा बन गई। इसमे सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए, यह रैली अपने आप में एक अनोखा वॉकथन था। इस तिरंगा यात्रा की शुरुआत से पहले देश के लिए बलिदान देने वाले तमाम फौजियों और सभी शहीद हिंदुस्तानियों की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन धारण किया गया, उसके बाद राष्ट्र गान को एक साथ सैकड़ों लोगों ने गाया।
यह तिरंगा यात्रा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सिडबी, भारत इलेक्ट्रॉनिकस और Gorgio प्रोफेशनल्स के सहयोग से आयोजित की गई थी।
नीलोत्पल मृणाल ने ऐसे कार्यक्रम से युवाओं और समाज को फौजियों का आदर करने का सन्देश दिया, साथ ही तमाम दिव्यांग की हौसला अफजाई भी की। उनके जज़्बे को सलाम किया।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग देश का सबसे कमजोर वर्ग है, जो देश के सबसे मजबूत वर्ग भारतीय सेना के साथ इस स्वतंत्रता दिवस पर वीर शहीदों को शतशत नमन करता है। आइए हम सब मिलकर इस स्वतंत्रता दिवस पर दिव्यांगता से आजादी लें।
उन्होंने कहा कि यह आज़ादी हमें ऐसे नहीं मिली है। वीर शहीदों की कुर्बानियां इस स्वतंत्रता में शामिल रही हैं। देश और मुम्बई पर कई बार मुसीबत आई है मगर हमारी सेना ने हमारे फौजियों ने हमेशा उन मुश्किलों का सामना डटकर किया है। हम सब को तमाम वीर शहीदों, उनके परिवार को याद रखना चाहिए, उनका सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि समाज का सबसे कमजोर वर्ग दिव्यांग और देश का सबसे मजबूत वर्ग भारतीय सेना, पुलिस सब एक साथ स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए इस तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। दिव्यांग भी अपने जीवन मे काफी मुश्किलों का सामना करते हैं। हमारे फौजी माइनस 45 डिग्री सेल्सियस में देश की रक्षा में लगे रहते हैं। इस तिरंगा यात्रा में शामिल सेना के सभी अधिकारियों, जवानों, दिव्यांगों का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ। यह तिरंगा यात्रा दरअसल भारत के उन 140 करोड़ लोगों की ओर से हमारी बहादुर सेना को ट्रिब्यूट देने का एक प्रयास था। भारतीय सेना का मनोबल हमेशा ऊंचा रहना चाहिए, उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए उन्हें आदर सम्मान देने के लिए इस तिरंगा यात्रा का सफल आयोजन हुआ।
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