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मुम्बई। यश रामकिशोर राजगढ़िया (कृष्णा) गणेश जी के बहुत बड़े भक्त हैं और वह पिछले 14 वर्षों से अपने घर मे गणपति बप्पा को विराजमान करते आ रहे हैं। उनकी विशेषता यह है कि वह गणेशजी की मूर्ति का विसर्जन नहीं करते बल्कि 14 वर्षो से मूर्ति अपने घर में ही रखते आ रहे हैं और इसके पीछे गणेश जी के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा है और वह बप्पा को अपने दिल, नज़र और अपने घर से जाने देना नहीं चाहते। वह कहते हैं कि एक बार बप्पा घर में आ जाते हैं तो दिल नहीं करता कि उन्हें विदा किया जाए। अनंत चतुर्थी के दिन विधि विधान से गणेशजी की पूजा अर्चना करके गंगाजल मिश्रित जल में डुबकी लगवाकर मूर्ति को ढक कर रखते हैं। 
मुम्बईचा महासम्राट द्वारा इस वर्ष 14वें वर्ष में गणपति बप्पा मूर्ति विराजमान की गई है। कृष्णा ने इस साल एक अनोखी थीम के साथ मूर्ति स्थापित की है। इसमें उनके पिता राम किशोर और माता अनिता राजगढ़िया का भी भरपूर सहयोग रहा है।
यश रामकिशोर राजगढ़िया (कृष्णा) ने कहा कि यह पूरे महाराष्ट्र में किसी घर मे विराजमान सबसे ऊंची गणेशजी की मूर्ति है जो 8 फुट ऊंची है। ट्रॉली पर गणपति बप्पा की मूर्ति बनाई गई है। 
इस मूर्ति को मुम्बई के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार कुणाल पाटिल ने बनाया है। 
 इस वर्ष की मूर्ति अर्ध नारीश्वर स्वरूप लिए हुए है जो अपने आप में एक अनोखा कॉन्सेप्ट है। इस मूर्ति को कृष्णा नायगांव वसई से लेकर आए हैं जो कांदिवली पश्चिम की शंकर गली में स्थित अग्रवाल रेसीडेंसी के एफ 501 में विराजमान है। 
कृष्णा ने बताया कि बप्पा आने से हर ओर रौनक छा जाती है। हर्षोल्लास का माहौल होता है, बहुत से लोग मिलने आते हैं और बप्पा का आशीर्वाद लेते हैं। मुझे खुद भी पूरे मुम्बई के बप्पा को देखने का बड़ा उत्साह रहता है, मैं तमाम जगह जाकर बप्पा का आशीर्वाद लेता हूँ। मैं बप्पा से यही कामना करता हूँ कि मेरे, परिवार मुम्बई और महाराष्ट्र सहित पूरे देशवासियों को स्वस्थ जीवन दें, स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी दौलत है। मूर्ति में अखंड भारत की झांकी और भारत का तिरंगा दर्शाया गया है।
 यश (कृष्णा) को बचपन से ही कुछ अलग और क्रिएटिव क्षेत्र में कुछ डिफ्रेंट करने की चाहत रही है। वह पिछले 14 वर्षों से अलग अलग प्रकार की गणेश जी की मूर्तियां अपने घर मे विराजमान करते आ रहे हैं। 
वह कहते हैं कि गणपति की पूजा तो हम हर वर्ष करते ही हैं, इस बार मैंने सोचा कि ऐसा क्यों न हो कि गणपति के साथ उनके माता पिता शिव पार्वती  जी की भी पूजा साथ में करें। इसी थीम के अनुसार यह मूर्ति बनाई गई है। मैंने इसी थीम पर 40 मिनट की एक फ़िल्म भी बनाई है। इस भक्तिमय भावना में यश (कृष्णा) को उनके माता पिता के अलावा सभी मूर्तिकार, रिश्तेदार, पड़ोसी, सोसाइटी सदस्य, मित्र परिवार और आसपास के सभी गणेश मंडल और गणेश भक्तों का सहयोग मिलता है।

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