संवाददाता / मुंबई। रामानंद सागर की बहुचर्चित धारावाहिक रामायण मे “मंगल भवन” यह शीर्षक गीत को अपनी आवाज देने वाले स्व. आनंद कुमार सी को कौन नहीं जानता। उनके ही पुत्र शैलेंद्र भारती, जो अपने पिता की संगीत परंपरा को बडी सुंदरता से आगे बढा रहे हैं। वहीं उनके करोडों सोशल मीडिया फॉलोवर इस बात से नाराज है कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जहां कई बडें गायकों ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी, परंतु शैलेंद्र भारती को समारोह में ना बुलाकर उन्हें नजरअंदाज किया गया।
बता दें कि भजन गायन में अपना अनूठा प्रकाश बिखेरने वाले शैलेंद्र भारती नाम अच्छी तरह से जाना जाता है। वे भक्तिभाव से भरे गानों के माध्यम से हमें दिव्यता की अनुभूति दिलाते हैं। शैलेंद्र भारती का नाम विशेष रूप से उनके भजन गायन के क्षेत्र में उच्चतम गुणवत्ता और संवेदनशीलता के साथ जुड़ा हुआ है।
शैलेंद्र भारती का योगदान सिर्फ भक्ति संगीत में ही सीमित नहीं है, वे गजल गायकी में, उप शास्त्रीय गायकी और सुगम संगीत में भी वे अपनी महारत हासिल कर चुके है। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता, महर्षी वाल्मिकी रामायण, तुलसीदासजी रचित रामचरितमानस, शंकराचार्यजी रचित दुर्गा सप्तशति, गरूडपुराण, श्री साई सच्चरित्र ग्रंथ इत्यादि विषयों पर भजन एवं इनका सरल भाषांतर जनता तक पहुँचाने का संकल्प लिया है। उनके भजनों में समाहित धार्मिक सन्देश और अद्वितीय संगीतीय शैली का मिलन हमें आत्मिक शांति और स्पष्टता का अनुभव कराता है।
सोशल मीडिया पर, शैलेंद्र भारती के फॉलोवर्स की संख्या उनके अद्वितीय गायन की प्रतिष्ठा को प्रमाणित करती है। उनके भजनों की श्रृंगारिक और आध्यात्मिक महत्ता ने उन्हें दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया है।
शैलेंद्र भारती ने देशी और विदेशी भाषाओं में रचे हुए एलबम में अपनी आवाज दी है। वे देश विदेश के विविध धार्मिक संस्थानों, उत्सवों इत्यादि में लाईव परफॉमेंस करते नजर आते हैं। वहीं उनके सदाबहार भजन, गजले, गीत आदि आज भी टीवी, रेडियों और फिल्मों में भी सुनाई देते हैं। ज्ञात हो कि देश के विद्वान कलाकार जैसे भारतरत्न पं.भीमसेन जोशी, स्व. लता मंगेशकर, पद्मविभूषण आशा भोसले, संगीत मार्तण्ड पं. जसराज आदि के साथ उन्हें काम करने का मौका मिला है।
देश के कई केंद्रीय मंत्री और संत समाज भरे मंच पर शैलेंद्र भारती की सराहना करते हुए पाए जाते है और वहीं उनके गानों को अपने जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा भी मानते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि शैलेंद्र भारती की कला कैसे जनमानस के जीवन में एक आध्यात्मिक सार्थकता लाती है। यह एक ऐसे दुर्लभ कलाकार हैं जो कई वर्षों में मिलते हैं।
शैलेंद्र भारती का नाम भारतीय संगीत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पहलू बन चुका है, और उनका योगदान आज भी हमारे दिलों में गूंजता है। उनके फॉलोवर्स आज भी प्रतिक्षा में है कि कब शैलेंद्र भारती को देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित कर उनकी गायकी और योगदान को भी मान दिया जाए।
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