मुंबई। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बीआईटीएस), पिलानी के वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स (डब्ल्यूआईएलपी) डिवीजन ने नए पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम शुरू किए हैं। भारत में तेज़ी से विकसित हो रहे ऑटोमोटिव क्षेत्र की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इन्हें डिज़ाइन किया गया है। यह पहली बार है कि, विश्व स्तर पर प्रशंसित भारतीय संस्थान ने इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्ट मोबिलिटी और ऑटोमोटिव साइबर सुरक्षा सिस्टम - ऑटोमोटिव डोमेन के इन तीन विशिष्ट क्षेत्रों में इंजीनियरों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, तीन नए पीजी डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किए हैं। यह प्रोग्राम बिट्स पिलानी डब्ल्यूआईएलपी ने प्रमुख ऑटोमोटिव कंपनियों के सहयोग से डिज़ाइन और विकसित किए गए हैं। काम करते हुए मिलने वाले अनुभव इन पाठ्यक्रमों का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, साथ ही थियरी और प्रैक्टिस का मिलाप भी इसमें किया गया है, जो ऑटोमोटिव उद्योग में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इन प्रोग्राम में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 18 मार्च, 2024 है।
परमेस्व चिदमपरम, प्रमुख प्रोफेसर, कोर इंजीनियर, बिट्स पिलानी-डब्ल्यूआईएलपी डिवीज़न ने बताया,"स्मार्ट मोबिलिटी एक परिवर्तनकारी शक्ति है, इसके कई दूरगामी लाभ हैं और इसमें कई उन्नत प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। अपस्किलिंग दृष्टिकोण से, ऑटोमोटिव उद्योग को ऑटोमोटिव साइबर सुरक्षा और इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इंजीनियरों को संबंधित क्षेत्रों में वैचारिक ज्ञान से लैस करने के अलावा, तीन नए पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम रिमोट और वर्च्युअल लैब्स के ज़रिए वास्तविक दुनिया का अनुभव करने के अवसर प्रदान करेंगे। इनका मुख्य उद्देश्य इंजीनियरों को स्मार्ट गतिशीलता समाधानों को डिजाइन करने, मूल्यांकन करने और कार्यान्वित करने में सक्षम बनाना है।"
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन स्मार्ट मोबिलिटी-इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को स्मार्ट मोबिलिटी अवधारणाओं, प्रौद्योगिकियों और नीतियों की व्यापक समझ से लैस करना और शहरी परिवहन के क्षेत्र में भविष्य के नेताओं के लिए नवाचार, टिकाऊ प्रथाओं और डेटा संचालित निर्णय लेने को बढ़ावा देना है। गतिशील क्षेत्रों को समझने, संभावित खतरों को पहचानने और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए सूचित निर्णय लेने के लिए छात्र LiDAR, कैमरा, अल्ट्रासोनिक सेंसर और RADAR सहित व्यापक सेंसर डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता हासिल कर सकते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन इलेक्ट्रिक वेहिकल्स-दो सेमेस्टरों का यह प्रोग्राम उन इंजीनियरों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के उच्च-विकास वाले क्षेत्रों, जैसे डिज़ाइन, वाहनों के लिए ऊर्जा प्रबंधन तकनीक और ईवी नियमों में कैरियर में आगे बढ़ने के इच्छुक हैं। यह प्रोग्राम शिक्षार्थियों को न केवल पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा स्टोरेज प्रणालियों में सहायक प्रौद्योगिकियों का विश्लेषण और कार्यान्वयन करने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें उद्योग मानकों के अनुसार भविष्य के इलेक्ट्रिक वाहनों को विकसित करने में भी सहायता करेगा, इसमें वे मोटर नियंत्रण, बैटरी प्रबंधन प्रणाली और इलेक्ट्रिक वाहनों के हार्डवेयर-इन-द-लूप कार्यान्वयन के बारे में अधिक सीखेंगे।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन ऑटोमोटिव साइबरसिक्योरिटी - लंबे जीवनकाल की वजह से ऑटोमोबाइल का हैकरों के संपर्क में आने की संभावना, साइबर सुरक्षा उल्लंघन के परिणाम, साइबर-फिज़िकल प्रणालियों की जटिलता और रियल-टाइम रिस्पॉन्स आवश्यकताएं आदि की वजह से ऑटोमोटिव उद्योग में पारंपरिक तरीकों को अपनाने की कई सीमाएं हैं। ऑटोमोटिव साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान करने के लिए विशेष ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है, उन्हें सिखाना इस प्रोग्राम का उद्देश्य है। इस प्रोग्राम को थ्रेट मॉडलिंग, जोखिम मूल्यांकन, सुरक्षा नियंत्रण, फोरेंसिक, अनुपालन, ऑडिट और वाहन और सिस्टम सुरक्षा को कवर करने वाले साइबर सुरक्षा प्रणालियों के पहलुओं की समग्र समझ विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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