Tuesday, 27 February 2024

आदिवासियों की होली अगर अंधेरे में गई तो होगी सरकार जिम्मेदार- एड.यशोमती ठाकुर

एड.यशोमती ठाकुर ने विधानसभा में कसा तंज

महेंद्र चिंतामनसिंग पवार / अमरावती

पूर्व मंत्री एवं अमरावती से कांग्रेस विधायक एडवोकेट यशोमति ठाकुर ने आज विधानसभा में पूरक मांगों पर चर्चा के दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आगामी होगी अगर आदिवासियों की अंधेरी में हुई तो इसकी जिम्मेदार सरासर सरकार होगी। 

   अनुपूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए विधायक एडवोकेट यशोमति ठाकुर ने कहा कि राज्य की नई बालू नीति जो राजस्व विभाग ने लागू की है, वह सरासर गलत है। अब इस रेत की तस्करी के लिए रैकेट और गिरोह काम कर रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि पिछले चार वर्षों में राज्य में भारी बारिश और तूफान के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है परंतु सरकार ने इन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया है। ठाकुर ने आरोप लगाया कि अब तक 450 करोड़ रुपये की निधि की मांग के बावजूद सरकार ने अमरावती जिले के किसानों की उपेक्षा की है। मेलघाट क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों को अभी तक भुगतान नहीं मिला है। वहीं नेरपिंगलाई गांव के मजदूरों का पैसा रोक दिया गया है। अगर इन मजदूरों को पैसा नहीं मिलता है तो बैंक उनकी केवाईसी भी मंजूर नहीं करते हैं और इस वजह से अगर उनकी होली खराब हो जाती है तो इसके लिए पूरी सरकार जिम्मेदार होगी। 

    हालाँकि जलजीवन मिशन योजना के तहत कार्यों को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन ये कार्य अभी तक नहीं किए गए हैं, इसलिए भटकुली और मेलघाट तालुका में पानी की भारी कमी है, लगातार अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद सरकार कुछ नहीं कर रही है। तिवसा नगर पंचायत जल आपूर्ति की फाइल पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास पड़ी है। उन्होंने सदन में आग्रह किया कि मुख्यमंत्री इस संबंध में जल्द से जल्द कार्रवाई करें और जनता के इस बेहद महत्वपूर्ण मामले पर ध्यान दें। कृषि फसल बीमा को लेकर करीब 1 लाख 35 हजार 676 किसान इससे वंचित हैं। करीब 382 करोड़ की फसल बीमा की मांग की गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों का मजाक उड़ा रही है। 

    उन्होंने सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि नंदगांव पेठ एमआईडीसी में रतन इंडिया पावर प्लांट के माध्यम से राख के कारण किसानों की खेती को नुकसान हो रहा है। लगातार सरकार के ध्यान में लाने के बावजूद जमीन नहीं मिल रही है। इस संबंध में 2022 से अधिग्रहण किया गया है और किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया है। वन विभाग के माध्यम से चिखलदरा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्काई वॉक परियोजना लागू की जा रही थी, लेकिन यह पूरी नहीं हुई है। सावरखेड़, दर्यापुर, मेलघाट, तिवसा, नंदगांव पेठ में कई परियोजनाएं अधूरी हैं। पोहरा में वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। उन्होंने सदन में इस बात को लेकर भी सरकार को घेरा कि भगवान के नाम पर साजिश कर राजनीति की जा रही है।

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