भारत में रेइट्स ने पिछले 5 साल में ₹15,500 करोड़ से अधिक का वितरण किया है, जो पूरे निफ्टी रियल्टी इंडेक्स को पार कर गया
मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और वित्त मंत्रालय के मार्गदर्शन में गठित इंडियन रेइट्स एसोसिएशन ('आईआरए') ने जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर बीकेसी, मुंबई में अपना पहला सीईओ राउंडटेबल आयोजित किया। इस कार्यक्रम की मेज़बानी आईआरए के संस्थापक सदस्यों ने की, जिनमें ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट के एमडी एवं सीईओ आलोक अग्रवाल, एम्बेसी रेइट के सीईओ अरविंद मैया, माइंडस्पेस बिज़नेस पार्क रेइट के सीईओ रमेश नायर और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट के सीईओ दलीप सहगल शामिल रहे।
यह बैठक आईआरए के मिशन और उद्देश्यों को समझने से लेकर विकास के अवसरों और चुनौतियों का विश्लेषण करने तक, भारत में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रेइट) क्षेत्र की उन्नति से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का मंच बनी। सितंबर 2023 में लॉन्च किये गए आईआरए का गठन भारतीय आरईआईटी बाज़ार के लिए परिचालन और नियामक वातावरण को मजबूत करने, पूंजी बाज़ार का प्रसार और निवेशक शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ाने जैसे प्रमुख उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया था। आईआरए का उद्देश्य है, अग्रणी वैश्विक रेइट मानकों के अनुरूप उद्योग की सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना, निष्ठा और उत्कृष्टता वाला निकाय बनना।
सरकार के हालिया सेज़ सुधारों की सराहना करते हुए, आईआरए देश में रेइट के विकास को आगे बढ़ाने वाली नीतियां बनाने के लिए सेबी, प्राथमिक आरईआईटी नियामक और अन्य प्राधिकरणों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।
रेइट के 2019 में सूचीबद्ध होने के बाद से भारतीय आरईआईटी बाजार ने उल्लेखनीय वृद्धि का प्रदर्शन किया है, जिसकी सकल प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) ₹1,30,000+ करोड़ है, बाज़ार पूंजीकरण ₹85,000 करोड़ से अधिक का है और साथ ही इसके पोर्टफोलियो में देश भर में फैले 115 मिलियन वर्ग फुट ग्रेड ए कार्यालय और खुदरा स्थान शामिल हैं।
सिर्फ पांच साल में ही रेइट्स ने ₹15,500 करोड़ से अधिक का वितरण किया है, जो पूरे निफ्टी रियल्टी इंडेक्स को पार कर गया है। 29 फरवरी, 2024 तक, चार रेइट में यूनिटधारकों की संख्या 200,000 से अधिक हो गई है, जो भारतीय आरईआईटी द्वारा प्रदान की जाने वाली तरल (लिक्विड), विनियमित (रेग्युलेटेड) और पेशेवर रूप से प्रबंधित संरचना में वाणिज्यिक अचल संपत्ति के मालिक होने के इच्छुक खुदरा निवेशकों के उत्साह को उजागर करता है।
भारत में फिलहाल 400 एमएसएफ रेइट-सक्षम कार्यालय और 70 एमएसएफ रेइट-सक्षम खुदरा स्थान है, जिनमें से क्रमशः केवल 100 एमएसएफ और 10 एमएसएफ, भारतीय रेइट का हिस्सा हैं। यह भारत में रेइट परिसंपत्ति वर्ग में ज़बरदस्त विकास के अवसर को दर्शाता है।
ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट (बाइरेट), एम्बेसी रेइट, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क रेइट और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट आईआरए के संस्थापक सदस्य हैं। इस एसोसिएशन में संचालन एवं रणनीति समिति, कार्यकारी समिति, जुड़ाव एवं संवर्द्धन समिति और नियामक समिति शामिल हैं, जिनमें से हरेक का लक्ष्य है, समग्र क्षेत्र के लिए विकास, संचालन और हितधारकों से जुड़ाव को बढ़ावा देना।
वैश्विक रेइट बाज़ार का परिदृश्य के बारे में बता दें कि रेइट एक वैश्विक परिसंपत्ति वर्ग है, जिसे पहली बार 1960 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पेश किया गया था ताकि खुदरा निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध लिक्विड व्हीकल में वाणिज्यिक अचल संपत्ति में निवेश करने में मदद मिल सके। वैश्विक स्तर पर, लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर (दिसंबर 2023 तक) के सामूहिक इक्विटी बाज़ार पूंजीकरण के साथ 1000+ सूचीबद्ध रेइट हैं।
भारत में रेइट की शुरूआत 2014 में नियामक दिशानिर्देशों के साथ शुरू हुई और 2019 में एम्बेसी रेइट की लिस्टिंग के साथ रेइट का सार्वजनिक लॉन्च हुआ। इसके बाद, दो और रेइट को भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किया गया जिनमें 2020 में सूचीबद्ध माइंडस्पेस बिजनेस पार्क रेइट और 2021 में सूचीबद्ध ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट शामिल हैं।
भारतीय रेइट विनियमन, अंतरराष्ट्रीय आरईआईटी मानकों के अनुरूप हैं और इसने भारतीय वाणिज्यिक अचल संपत्ति बाज़ार को संस्थागत स्वरूप देने को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय रेइट को अपने पोर्टफोलियो का 80% आय-उत्पादक संपत्तियों में निवेश करना होता है, निवेशकों को अर्ध-वार्षिक रूप से शुद्ध वितरण योग्य नकदी प्रवाह का कम से कम 90% भुगतान करना होता है, और ये 49% के पारंपरिक ऋण के मुकाबले पूंजीकरण अनुपात तक सीमित होते हैं।
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