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मुंबई। सुप्रसिद्ध गायक सुरेश वाडकर ने अपने जन्मदिन के अवसर पर स्टूडियो रीफ्यूल द्वारा प्रोड्यूस किए जा रहे नए रेडियो प्रोग्राम "ऐ ज़िंदगी गले लगा ले" के लॉन्च की घोषणा की।
उनके जन्मदिन पर एक पार्टी का आयोजन कर प्रीतिभोज भी रखा गया था। जन्मदिवस समारोह में सुरेश अपनी पत्नी पद्मा वाडकर के साथ उपस्थित रहे और अतिथियों तथा मीडिया के बीच अपने कुछ गीतों को गाकर समा बांधा। कार्यक्रम में शो के एंकर कुमार, स्टूडियो रीफ्यूल के सीईओ इंडिया चैप्टर सचिन तैलंग और सीईओ दुबई चैप्टर रमन छिब्बर भी उपस्थित थे।
सुरेश वाडकर ने फिल्म "सदमा" के सदाबहार गीत "ऐ ज़िंदगी गले लगा ले" के बारे में बात की। उन्होंने इस गीत की रिकॉर्डिंग और इसकी स्थायी लोकप्रियता के बारे में चर्चा की।
इस प्रसिद्ध गीत से प्रेरित होकर सुरेश वाडकर पहली बार रेडियो में कदम रख रहे हैं और इस नई यात्रा को लेकर वे बेहद उत्साहित हैं। यह रेडियो शो, जो दीवाली तक आएगा, एक संगीतमय यात्रा होगी जिसमें सुरेश वाडकर अपनी यादों से कुछ अनसुनी कहानियां साझा करेंगे।
एंकर कुमार ने बताया कि इस शो में सुरेश वाडकर अपने जीवन, गायन कैरियर, गीतों की रिकॉर्डिंग और म्यूजिकल शो से जुड़े खट्टे-मीठे अनुभवों को सुनाएंगे। वे संगीत उद्योग से जुड़े दिलचस्प किस्से भी साझा करेंगे।
लॉन्च इवेंट में सुरेश वाडकर ने अपने हिट गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सुरेश वाडकर आजीवासन संगीत विद्यालय चलाते हैं, जहां वे छात्रों को गायन का प्रशिक्षण देते हैं।
7 अगस्त 1955 को जन्मे सुरेश ईश्वर वाडकर ने अनेक ब्लॉकबस्टर गीत जैसे कि "मेघा रे मेघा रे, भंवरे ने खिलाया फूल, मैं हूं प्रेम रोगी, तुमसे मिलकर ऐसा लगा, सपने में मिलती है" को अपने सुमधुर स्वर में गाया है। रेडियो शो "ऐ ज़िंदगी गले लगा ले" के लिए उनके प्रशंसक, संगीत प्रेमी और सिनेप्रेमी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
कुमार और सुरेश वाडकर ने अपने नए शो "ऐ ज़िंदगी गले लगा ले" के साथ भारतीय संगीत के मधुर और सांस्कृतिक रूप को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है।

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