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वित्तीय अनियमितताओं पर एमबीए के छात्रों को मिला ज्ञान 

मुंबई। आईआईएम द्वारा आमंत्रित वित्तीय पत्रकारिता में महारत रखने वाले, फॉर्च्यून इंडिया पत्रिका के उप संपादक राजीव रंजन सिंह ने 'आय प्रबंधन' और वित्तीय अनियमितता में होने वाली हेराफेरी और धोखाधड़ी के मुद्दे पर एमबीए के छात्रों को आंकड़ों के आधार पर विशेष जानकारी दी। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) द्वारा हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में आयोजित इस समारोह में मौजूद छात्रों, प्रोफेसरों व अन्य गणमान्यों के होश फाख्ता हो गए। चूंकि राजीव सिंह ने कुछ ऐसे पहलुओं की जानकारी इस समारोह में साझा किया, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। 

गौरतलब है कि आईआईएम एक प्रतिष्ठित एमबीए संस्थान है। इस संस्था में आला दर्जे की आय प्रबंधन और वित्तीय अनियमितताओं से जुडी शिक्षा दी जाती है। वर्ष 2024 के वार्षिक समारोह में फॉर्च्यून इंडिया पत्रिका के उप संपादक राजीव रंजन सिंह को बतौर मुख्य व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था। समारोह में अपने व्याख्यान के दौरान राजीव सिंह ने हेरा फेरी करने वाली कंपनियों की पोल खोल कर रख दी। उन्होंने कंपनियों द्वारा आंकड़ों में हेरा फेरी कर निवेशकों को गुमराह करने के तौर तरिके पर प्रकाश डाला और एनरॉन, लेहहमन ब्रदर्स और नेटफ्लिक्स अवर्ल्ड कॉम जैसी हेरा फेरी करने वाली कंपनियों के मकड़ जाल पर प्रकाश डाला। इस तरह उन्होंने एक के बाद एक धोखाधड़ी की परतें खोल कर रख दी। उन्होंने छात्रों को सिखाया कि हेरफेर किए गए डेटा और धोखाधड़ी के तरीकों को कैसे पकड़ा जा सकता है। राजीव रंजन सिंह एक वरिष्ठ वित्तीय पत्रकार हैं, जिन्हें वित्तीय पत्रकारिता में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में, वे फॉर्च्यून इंडिया पत्रिका के भारतीय संस्करण के लिए काम कर रहे हैं जो दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित वित्तीय पत्रिका है।

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