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◼️दिंडोशी विधानसभा चुनाव में सबसे योग्य प्रत्याशी गणेश शिंदे 
◼️विधायक सुनील प्रभु को मात देने की गणेश शिंदे रखते हैं क्षमता 

मुंबई। कहते हैं कि लोहे को लोहा ही काट सकता है। उसी प्रकार वर्तमान विधायक सुनील प्रभु की काट शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रभावी नेता गणेश शिंदे हो सकते हैं। वे वर्तमान में दिंडोशी विधानसभा विभाग प्रमुख के तौर पर अपने पार्टी का नेतृत्व व मार्गदर्शन कर रहे हैं। जैसे शिवसेना के ही निकटवर्ती रहे रविन्द्र वायकर ने संसदीय चुनाव के कड़े मुकाबले में अमोल कीर्तिकर को हराया, उसी प्रकार गणेश शिंदे भी विधायक सुनील प्रभु को हराने का माद्दा रखते हैं। 

◼️3 दशकों का राजनीतिक सफर 
11 सितंबर 1974 में जन्मे गणेश विष्णु शिंदे ने मात्र 16 वर्ष की युवा अवस्था में राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1992 में भारतीय विद्यार्थी सेना के महाविद्यालयीन चुनाव में सहभागी होकर राजनीतिक पारी शुरू करने वाले गणेश शिंदे का राजनीतिक सफर तब से लेकर आज तक लगातार जारी है। वर्ष 1993 में मुंबई के लगभग 70 प्रतिशत महाविद्यालयों में उन्होंने शिवसेना की युवा इकाई भारतीय विद्यार्थी सेना की विजयी भगवा ध्वज फहराने का कीर्तिमान बनाया था। वर्ष 1996 में अपने विश्वसनीय 150 युवाओं की टोली बनाकर गोरेगांव पूर्व स्थित प्रभाग क्रमांक 46 शाखा में संगठनात्मक कार्य की शुरुआत की और संगठन का विस्तार किया। वर्तमान समय में वे हिंदुत्व के प्रबल व प्रखर समर्थक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना में शामिल होकर पार्टी के कार्य को आगे बढ़ा रहे है। दिंडोशी विधानसभा के विभाग प्रमुख के पद पर रहते हुए उन्होंने प्रत्येक वार्ड में मजबूत समिति गठित की है और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जिससे विधायक सुनील प्रभु भी है। उनकी पार्टी में खलबली मची हुई है। 

◼️सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्य

राजनीति के साथ ही हर वर्ष विविध प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक उत्सवों का कार्यक्रम व उपक्रमों का आयोजन भी गणेश शिंदे करते रहते हैं। इसी श्रृंखला में नवरात्रोत्सव, गणेशोत्सव, दहीहंडी पथक, मुफ्त कम्प्यूटर शिविर, मुफ्त इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, स्वास्थ्य शिविर (मेडिकल केम्प), चश्मा वितरण, विद्यालयों में चित्रकला व रंगोली प्रतियोगिता, दसवीं व बारहवीं के छात्रों के लिए मार्गदर्शन शिविर और मेधावी छात्रों का सम्मान समारोह, रक्तदान शिविर, जरूरतमंद छात्रों को बुक-बैग वितरण, शिलाई मशीन वितरण, हल्दी कुमकुम, महिला सशक्तिकरण, समेत अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन किया जाता रहा है। अपने उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी देनेवाला वर्ष 2022-2024 रिपोर्ट कार्ड भी उन्होंने प्रकाशित करवाया। 

◼️दिंडोशी विधानसभा को झोपड़पट्टी मुक्त बनाना और विकसित दिंडोशी बनाना गणेश शिंदे का लक्ष्य  

गणेश शिंदे ने दिंडोशी विधानसभा को लेकर अपना विजन स्पष्ट करते हुए कहा कि झोपड़पट्टी मुक्त और विकसित दिंडोशी बनाना मेरा प्रमुख लक्ष्य है। बालासाहेब ठाकरे के हर सपने को पूरा करने का प्रयास करूंगा। नशामुक्त दिंडोशी के लिए विशेष जन जागरण अभियान चलाऊंगा। दिंडोशी के सर्वांगीण विकास पर फोकस रखते हुए हर युवा के हाथ में काम हो और कोई भी रोजगार के अभाव में बेरोजगार न रहें, इस दृष्टि से हर महीने विराट रोजगार मेला आयोजित करने की उन्होंने योजना बनाई है। विधायक सुनील प्रभु पर कटाक्ष करते हुए आगे उन्होंने कहा कि 10 वर्षों से दिंडोशी की समस्याओं को लेकर सुनील प्रभु ने कुछ खास काम नहीं किया। क्षेत्र की समस्याएं जस की तस बनी हुई है। दिंडोशी विधानसभा के वन विभाग अंतर्गत रहने वाले रहिवासियों का जीवनस्तर धारावी से भी कमतर है। वहां कोई बीमार हो तो उन्हें तत्काल एम्बुलेंस सुविधा नहीं मिल पाती और कभी आगजनी जैसी दुर्घटना होने पर फायर ब्रिगेड का पहुंचना मुश्किल है क्योंकि आनेजाने के लिए सड़क की सुविधा तक नहीं है। सुनील प्रभु ने जनता की आंखों में धूल झोंककर केवल गुमराह किया है और दिंडोशी के बजाय केवल अपना विकास किया है। इस बार जनता उन्हें अवश्य सबक सिखाएगी और मुझे पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्य को देखकर हमें ही जनता बहुमत से विजयी बनाएगी। 

◼️बालासाहेब ठाकरे के विचारों से मिली गणेश को राजनीति में आने की प्रेरणा 

32 वर्षों से एक ही पार्टी में बिना किसी स्वार्थ के एकनिष्ठ होकर कार्य करना कोई आम बात नहीं है। गणेश शिंदे ने बताया कि पहले मैं दादर में रहता था और बालासाहेब ठाकरे के प्रखर विचारों से प्रेरणा लेकर मैं शिवसेना से जुड़ा। तत्कालीन विधायक शिवसेना नेता सुधीर जोशी और नगरसेवक अजित पंडित मेरे मार्गदर्शक रहे हैं। भारतीय विद्यार्थी सेना, युवा सेना, कामगार सेना का पद संभालने के बाद अब मुझे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी ने दिंडोशी विधानसभा विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसका मैं पूरी निष्ठा से निर्वहन कर रहा हूँ। 

◼️लाडकी बहन योजना को घर-घर पहुंचाने के लिए रथयात्रा का आयोजन 

अभी हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की महत्वाकांक्षी लाडकी योजना को घर-घर जागरूकता पहुंचाने के लिए गणेश शिंदे ने दिंडोशी विधानसभा में रथयात्रा का आयोजन किया था। जिसे जनता का बहुत प्रतिसाद मिला। इस योजना के लोकप्रिय होने से विरोधी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है। 

◼️पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का मिला सहयोग 

कोई भी व्यक्ति तभी नेता कहलाने के योग्य होता है जब उसे अपनी पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त होता है। मेरे राजनीतिक करियर में मेरे राजनीतिक साथी एवं सहयोगियों की अहम भूमिका एवं योगदान है। शिवसेना के सचिव संजय मोरे, प्रवक्ता किरण पाउसकर जी का मुझे बहुत सहयोग मिलता है। इसके साथ ही दिंडोशी के महिला विभाग संगठक पूनम वैद्य, विभाग समन्वयक विष्णु सावंत, विधानसभा संगठक सीताराम जाधव, विधानसभा समन्वयक कृष्णा देसाई, महिला विधानसभा संघटक सुषमा निवडे,
महिला विधानसभा समन्वयक दिव्या खड़ताले तथा उप विभाग प्रमुख प्रकाश मजानलकर, नितिन स्वामी, सुदाम आव्हाड और शाखा प्रमुख सुधाकर गावडे, भानुदास वारंग, प्रदीप सांवत, मिलिंद पाताड़े, विलास ह्यूमने, संदीप मसूलकर, सतोश लाड़, उपविभाग संघटक सुरेखा भोर, महिला शाखा संगठक साक्षी रहाटे, चित्रा परशुराम, वैशाली जाधव, संध्या पाटील, सिद्धि मोरे, अक्षता कदम, किर्वे ताई, सुषमा कीर्वे सहित अनेक पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का मुझे सदैव सहयोग व समर्थन मिलता है। इसलिए मैं इनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ और इनका सदैव आभारी रहूंगा।

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