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मुंबई। कालबादेवी और जवेरी बाजार का ऐतिहासिक और व्यावसायिक क्षेत्र जल्द ही एक नए युग में प्रवेश करने वाला है। वित्त विशेषज्ञ भरतकुमार सोलंकी की बीएमसी के डीपी प्लान विभाग के अभियंता के साथ हुई हालिया बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मुंबई का यह व्यावसायिक दिल अब एक वैश्विक मानक के ‘ड्रीम कॉरिडोर’ में बदलने जा रहा है। इस पुनर्विकास योजना के तहत कालबादेवी रोड, विट्ठलवाड़ी कॉर्नर से लेकर कॉटन एक्सचेंज होते हुए शेखमेमन स्ट्रीट की महाजन गली, एलके मार्केट, सट्टागली, तेलगली और विठोबा लेन तक का सारा क्षेत्र एक नए और आधुनिक अवतार में सामने आएगा।

ड्रीम कॉरिडोर, एक विदेशी शहर का नमूना: 
यह योजना एक विदेशी शहर की परिकल्पना को साकार करती नजर आ रही है। जब इस क्षेत्र का पुनर्विकास होगा, तो जर्जर और पुरानी इमारतों की जगह गगनचुंबी इमारतें, अत्याधुनिक शॉपिंग मॉल्स और हरे-भरे सार्वजनिक स्थान बनेंगे। इन इमारतों में एयरकंडीशन दुकानों के साथ हाई-टेक सुविधाएं जैसे वाई-फाई और एम्फीथिएटर सिस्टम भी उपलब्ध होंगे, जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक केंद्र बनाएंगे।
इसके अलावा, इस कॉरिडोर में बनने वाले व्यापारिक केंद्र किसी यूरोपीय शहर के मॉल्स और स्ट्रीट शॉपिंग अनुभव से कम नहीं होंगे। व्यापारी और ग्राहक दोनों के लिए यह एक आधुनिक और सुविधाजनक वातावरण तैयार करेगा, जहां आरामदायक खरीदारी और व्यवसाय करना संभव होगा।

व्यवसायिक और आवासीय क्रांति: 
इस क्षेत्र के पुनर्विकास के बाद, न केवल व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि रिहायशी जीवन भी पूरी तरह से बदल जाएगा। अब, आधुनिक आवासीय टावरों में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जैसे हरे-भरे उद्यान, जिम, कम्युनिटी हॉल और उच्च सुरक्षा वाली इमारतें। ये टावर किसी विदेशी मेट्रोपॉलिटन शहर के रिहायशी क्षेत्रों की तरह होंगे, जहां हर सुविधा मौजूद होगी।

आधुनिक यातायात और इंफ्रास्ट्रक्चर: 
ड्रीम कॉरिडोर का एक प्रमुख हिस्सा यातायात व्यवस्था में सुधार करना है। इसके तहत नई और चौड़ी सड़कों का निर्माण होगा, जो स्थानीय और बाहरी ट्रैफिक के लिए सुगम मार्ग प्रदान करेगी। पार्किंग की समस्या को भी ध्यान में रखते हुए, विशाल भूमिगत और मल्टी-लेवल पार्किंग स्पेस तैयार किए जाएंगे, ताकि यहां आने वाले व्यापारियों और ग्राहकों को कोई कठिनाई न हो।

आर्थिक और सांस्कृतिक उन्नति: 
यह कॉरिडोर केवल व्यापारिक और आवासीय उन्नति तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्रों का निर्माण भी किया जाएगा, जो इस क्षेत्र को एक सांस्कृतिक हब के रूप में भी स्थापित करेगा। स्थानीय समुदाय के लोगों को यहां आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिससे समाज में एकजुटता और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा।

मुंबई का भविष्य, वैश्विक स्तर पर: 
यह ‘ड्रीम कॉरिडोर’ न केवल मुंबई के नागरिकों के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। शहर की पुरानी गलियों और बाजारों का यह रूपांतरण मुंबई को भविष्य के लिए तैयार करेगा और इसे वैश्विक व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। इस योजना को साकार करने के लिए, बीएमसी और संबंधित विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और बहुत जल्द इस योजना का ब्लूप्रिंट तैयार होगा। एक बार लागू होने के बाद, यह क्षेत्र मुंबई का एक ऐसा नया चेहरा बनेगा, जो शहर की पहचान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

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