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जोगेश्वरी के मातोश्री क्लब में उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने की पत्थरबाजी

संवाददाता / मुंबई: 

आगामी विधानसभा चुनावों में जोगेश्वरी से इकलौती महिला प्रत्याशी, श्रीमती मनीषा रविंद्र वायकर को हराने के लिए तमाम पार्टियों के नेताओं का एकजुट होकर मैदान में उतरना जनता के लिए विचारणीय विषय बना हुआ है। आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लेकर मंगलवार को उद्धव गुट के कार्यकर्ता सांसद श्री रवींद्र वायकर के कार्यालय मातोश्री में पहुँचकर जमकर हंगामा करने लगे। यह घटनाक्रम केवल एक राजनैतिक विरोध ही नहीं, बल्कि चुनावी राजनीति में गहराई से जड़ें जमा चुके डर को भी उजागर करता है।

जोगेश्वरी विधानसभा क्षेत्र में इस बार कुल 22 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से यहां के लगभग सभी विरोधी दलों का एकमात्र उद्देश्य मनीषा वायकर को हराना दिख रहा है। सवाल उठता है कि आखिर मनीषा वायकर का विरोध क्यों हो रहा है, जबकि वे एक अकेली महिला उम्मीदवार हैं? क्या यह उनकी बढ़ती लोकप्रियता का परिणाम है या फिर उनके पावरफुल व्यक्तित्व का संकेत? मतदाताओं का ध्यान इस ओर जाता है कि जब विरोधी एकजुट होकर एक उम्मीदवार को हराने का प्रयास करें, तो यह मान लेना चाहिए कि वो उम्मीदवार वाकई में ‘पावरफुल’ है और क्षेत्र की भलाई के लिए सक्षम है।

विश्लेषकों का कहना है कि कई पार्टियां खुद के जीतने के लिए नहीं, बल्कि मनीषा वायकर को हराने के लिए ही मैदान में उतर आई हैं। जब जनता यह देखती है कि सभी विपक्षी नेता किसी एक खास उम्मीदवार को रोकने में लगे हुए हैं, तो आम जनता के लिए यह संकेत है कि जिस उम्मीदवार को रोकने के लिए इतनी कोशिशें हो रही हैं, वही असल में जनता का सच्चा प्रतिनिधि है।

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