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हिंदुस्तान टाइम्स के शताब्दी वर्ष को चिह्नित करने के लिए विशेष डाक टिकट जारी 

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स के शताब्दी वर्ष को चिह्नित करने के लिए एक विशेष डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "100 साल का सफर पूरा करना एक ऐतिहासिक घटना है। मैं इस संगठन से जुड़े उन सभी लोगों को बधाई देता हूं जिन्होंने विभिन्न चुनौतियों का सामना किया और मिशन के प्रति वफादार रहे।''

प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए और डाक टिकट जारी करने का जिक्र करते हुए एचटी मीडिया लिमिटेड की अध्यक्ष और हिंदुस्तान टाइम्स की संपादकीय निदेशक शोभना भरतीया ने कहा, "शताब्दी स्मारक डाक टिकट जारी करने के लिए मैं प्रधानमंत्री को हृदय से धन्यवाद देती हूं। यह हमारी लंबी यात्रा का एक महत्वपूर्ण कदम है। हम जानते हैं कि हमारा मिशन अभी भी पूरा होना बाकी है।" 

हिंदुस्तान टाइम्स की शुरुआत 15 सितंबर 1924 को महात्मा गांधी ने की थी। इस दैनिक ने स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज के रूप में कार्य किया। प्रारंभ में अकालियों ने संयुक्त रूप से धन जुटाया और इसे चलाया। बाद में लाला लाजपतराय और मदन मोहन मालवीय ने इसका संचालन किया। गांधीजी के अनुरोध पर आगे जी. डी. बिड़ला ने दैनिक का कार्यभार संभाला।   

एक शताब्दी से भी अधिक समय से 'हिन्दुस्तान टाइम्स' देश की ऐतिहासिक घटनाओं का ईमानदार गवाह रहा है। देश ने लोकतंत्र की स्थापना के लिए सभी बाधाओं को पार किया, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला और विश्व मंच पर अपनी उपस्थिति स्थापित की। ये सभी घटनाक्रम दैनिक समाचार पत्रों के पन्नों के माध्यम से दुनिया के सामने आए हैं। एक समाचार पत्र के रूप में शुरू हुई यात्रा समय के साथ एक वैश्विक मीडिया समूह में विस्तारित हुई। देश भर में विभिन्न संस्करण लॉन्च किए गए। डिजिटल मीडिया के माध्यम से यह कई लोगों के घरों तक पहुंचा।

विशेष डाक टिकट जारी करने से पहले प्रधानमंत्री ने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष प्रदर्शनी 'एचटी@100' का दौरा किया। इस प्रदर्शनी में देश की अब तक की प्रगति के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया गया। मोदी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि इस अवसर पर मैंने एक अद्भुत एवं अभूतपूर्व प्रदर्शनी देखी। यह सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं थी, बल्कि एक अनोखा अनुभव था। इस प्रदर्शनी को देखकर मेरी आंखों के सामने हिंदुस्तान टाइम्स की सौ साल की यात्रा जैसे जीवंत हो उठी। मैंने भारत के स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का अंक भी देखा। इनमें मार्टिन लूथर किंग (जूनियर), सुभाष चंद्र बोस, श्याम प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी और एम. एस. स्वामीनाथन द्वारा लिखित प्रविष्टियाँ मिलीं। इन दिग्गजों की बातों ने आपके अखबार को रोशन कर दिया है।

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