सुल्तानपुर। रियल घटनाओं से प्रेरित वेब सीरीज के इस दौर में प्रतिष्ठित निर्देशक भरत सुनंदा भी मिर्जापुर जैसी हार्ड हिटिंग सीरीज़ लेकर आ रहे हैं। पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह (सोनू सिंह) और पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह (मोनू सिंह) की सच्ची कहानी को वह सीरीज़ का रूप देने जा रहे हैं जिसमें बॉलीवुड के कई नामी चेहरे भी नजर आएंगे।
फ़िल्म को लेकर फ़िल्ममेकर भरत सुनंदा ने इन दोनों भाइयों से जाकर विशेष मुलाकात की और इस सीरीज के संदर्भ में बातचीत की। उनका कहना है कि इन दोनों भाइयों की स्टोरी किसी फिल्म या सीरीज की कहानी प्रतीत होती है। अपने पिता की बेरहम हत्या के बाद दोनों भाइयों ने बदला लिया और आज वे जनता के प्रिय हैं। हर रविवार को लोगो की भीड़ इनके घर पर उमड़ती है। आम लोगों के साथ इनका व्यवहार बहुत अच्छा है, लेकिन इनकी जिंदगी आसान नहीं है। सुल्तानपुर के हर एक राज्य गांव में इनका भारी दबदाबा है, चाहे इसे डर कहो या प्यार मगर लोग इनका नाम याद रखते हैं।
गोला बारूद से बचते-बचाते इन्होंने अपनी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। कोर्ट में इन पर जानलेवा हमला भी हुआ है। घर पर एसपी पुलिस की बड़ी संख्या लेकर आते हैं तब इनके घर के चारो तरफ इनसे प्यार करने वाले गांव के लोग खड़े होते हैं। बड़े भैया जब तक उनके कंधे पर हाथ रख कर बाहर छोड़ने नहीं जाते तब तक एसपी के माथे पर पसीना रहता है। ऐसी है "मायंग के सुल्तान" की दिल दहला देने वाली स्टोरी। पुलिस थाने पर गोली बारी, राजनीति, दोस्ती, दुश्मनी, आश्रम के नाम पर कब्ज़ा करने वाले बाबा, ऐसी बहुत सी कहानी इस सीरीज में देखने को मिलेगी।
निर्देशक की कई फ़िल्म कलाकारों से बातचीत जारी है और इस सीरीज में कुछ नामी चेहरे दिखाई देंगे।
दोनों भाइयों चंद्र भद्र सिंह सोनू और यश भद्र सिंह मोनू ने अपने पिता स्व. इंद्र भद्र सिंह (पूर्व विधायक) की विरासत को आगे बढ़ाया है। इसका आरम्भ 1994 से होता है, जब मोनू और सोनू के पिता तत्कालीन विधायक इंद्रभद्र सिंह और सदानंद तिवारी उर्फ संत ज्ञानेश्वर के बीच दुश्मनी हो गई।
‘बाहुबली ब्रदर्स’ के नाम से पहचान रखने वाले सोनू मोनू की इमेज लोगों में रॉबिन हुड की तरह है। इनका क्षेत्र में भरपूर दबदबा कायम है। स्थिति यह है कि छोटे-मोटे झगड़े तो इनकी जन अदालत में निपटा लिए जाते हैं।
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