मुंबई। देवीदास श्रावण नाईकरे एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिन्होंने व्यवसाय और आध्यात्मिकता को एक साथ जोड़कर सफलता का नया मार्ग दिखाया है। वे देवीदास ग्रुप ऑफ कंपनी के संस्थापक हैं और अपने अनूठे विचारों से लोगों को न केवल व्यवसाय रूप से बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
अब तक उन्होंने दो भाषाओं में 12 प्रेरणादायक पुस्तकें लिखी हैं, जो हजारों व्यवसायियों और उद्यमियों को आत्म-विकास और सफलता की राह दिखा रही हैं। उनका ज्ञान और अनुभव उनके पांच महान गुरुओं की शिक्षाओं से समृद्ध हुआ है, जिन्होंने उन्हें सही दिशा में सोचने और कार्य करने की प्रेरणा दी।
श्री नाईकरे का मानना है कि केवल धन कमाना ही असली सफलता नहीं है, बल्कि हमारे अंदर की शांति और स्पष्ट सोच भी उतनी ही जरूरी है। वे सकारात्मक सोच, माइंडफुलनेस और आध्यात्मिक तकनीकों को आधुनिक व्यवसायिक रणनीतियों के साथ जोड़ते हैं। उनकी कोचिंग विधियां उद्यमियों और व्यवसायियों को तेजी से आगे बढ़ने और संतुलित जीवन जीने में मदद करती हैं।
बचपन से ही देवीदास श्रावण नाईकरे का झुकाव व्यवसाय और आध्यात्मिकता, दोनों की ओर रहा। वे हमेशा इस सोच में रहे कि किस तरह इन दो शक्तिशाली पहलुओं को एक साथ जोड़ा जाए, ताकि न केवल आर्थिक सफलता मिले, बल्कि हमारे अंदर शांति और स्थिरता भी बनी रहे। इसी सोच ने उन्हें एक अलग रास्ता अपनाने की प्रेरणा दी, जहां वे व्यवसायिक रणनीतियों के साथ-साथ मानसिक और आध्यात्मिक विकास पर भी जोर देते हैं।
उनकी सबसे अनोखी विशेषता यह है कि वे साधारण व्यक्तियों को असाधारण व्यवसायियों में बदलने की क्षमता रखते हैं। उनकी कोचिंग और शिक्षाएं केवल तकनीकी या व्यावसायिक ज्ञान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे लोगों के सोचने और कार्य करने के तरीके को भी बदल देती हैं। वे ध्यान, माइंडफुलनेस और प्राचीन आध्यात्मिक तकनीकों को आधुनिक व्यवसायिक रणनीतियों के साथ जोड़ते हैं, जिससे उनके छात्र एक मजबूत और केंद्रित मन विकसित कर पाते हैं। यही कारण है कि उनके सेमिनार और कार्यशालाओं में हजारों व्यवसायियों, उद्यमी और छात्र भाग लेते हैं, जो न केवल अपने करियर में बल्कि पूरे जीवन में संतुलन और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
अपने करियर में अब तक वे 30 से अधिक राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं, जिनमें यंग एंटरप्रेन्योर अवार्ड (2022), महाराष्ट्र बिजनेस आइकॉन अवार्ड (2023), और श्री महात्मा गांधी राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार (2023) शामिल हैं। ये सम्मान उनकी व्यावसायिक उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान को दर्शाते हैं।
इसके अलावा, वे समाज सेवा में भी गहरी रुचि रखते हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण से जुड़े विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। उनका लक्ष्य है कि ज्ञान साझा करके, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देकर और सेवा की भावना को मजबूत करके समाज को और बेहतर बनाया जाए।
उनका जीवन और शिक्षाएं यह सिद्ध करती हैं कि सही मार्गदर्शन और सकारात्मक सोच से कोई भी व्यक्ति साधारण से असाधारण बन सकता है। वे केवल एक व्यवसायिक गुरु नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक हैं, जो लोगों को न केवल सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने की राह दिखाते हैं, बल्कि उन्हें एक संतुलित, खुशहाल और अर्थपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा भी देते हैं।
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