अभ्यर्थियों का मूल्यांकन कौशल और क्षमता के आधार पर होगा
मुंबई। न्यूटन स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी ने कोडिंग और फंडामेंटल प्रोग्रामिंग स्किल्स कौशल पर केंद्रित भारत की पहली यूजी प्रवेश परीक्षा- कोडिंग ऐनसैट की घोषणा की है। पारंपरिक परीक्षाओं के विपरीत -जिनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है- कोडिंग ऐनसैट व्यावहारिक कोडिंग क्षमताओं का मूल्यांकन करता है, जो न्यूटन स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश के लिए एक अनूठा वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है। रियल-वर्ल्ड प्रॉबलम को हल करने और प्रोग्रामिंग दक्षता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह कोडिंग ऐंट्रेंस पारंपरिक शैक्षणिक अंकों के बजाय कौशल और क्षमता के आधार पर मूल्यांकन करेगा जिससे विद्यार्थियों को अपने कौशल को और बढ़ाने का अवसर हासिल होगा।
इच्छुक टेक्नोलॉजिस्ट और विद्यार्थी सोनीपत, पुणे व बैंगलोर के कैम्पस में न्यूटन स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। यूजी प्रवेश के लिए अपनी तरह की यह पहली प्रवेश परीक्षा व्यावहारिक प्रोग्रामिंग के उत्साही विद्यार्थियों के लिए एक इनोवेटिव राह प्रदान करती है, जो कॉन्सेप्ट्स को रटने की बजाय व्यावहारिक कौशल पर जोर देती है। इसे उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिन्होंने पारंपरिक विषयों की तुलना में कोडिंग के लिए ज्यादा वक्त दिया है, यह पारंपरिक जेईई का एक विकल्प प्रदान करता है, जो छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और ज्यादा समावेशी तथा स्किल-ओरिऐंटेड तरीके से अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के काबिल बनाता है।
न्यूटन स्कूल के सह-संस्थापक सिद्धार्थ माहेश्वरी ने कहा, ’’एनएसटी में, हम कोडिंग के प्रति उत्साही लोगों की पहचान करते हैं, उन्हें इंडस्ट्री के मुताबिक कोडिंग पाठ्यक्रम के साथ पेशेवर शिक्षा और करियर के लिए एक तय रास्ता प्रदान करते हैं जो रियल-वर्ल्ड ऐप्लीकेशंस के अनुसार होता है। कोडिंग ऐनसैट नतीजों से चलने वाली शिक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। इसमें टैक इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण कौशल की परख की जाती है जैसे एल्गोरिद्म बनाना और कोड को डीबग करना। न्यूटन स्कूल का मानना है- शिक्षा को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को प्रतिबिंबित करना चाहिए, न कि पुराने अकादमिक फार्मुलों को और कोडिंग ऐनसैट न्यूटन स्कूल के इसी कॉन्सेप्ट का प्रमाण है।’’
परीक्षा के पाठ्यक्रम में अंकगणित, इनपुट और आउटपुट, लैंग्वेज बेसिक्स, कोडिंग सिंटैक्स, बेसिक फंक्शन, इफ-ऐल्स स्टेटमेंट्स, लूप्स, अरे और स्ट्रिंग जैसे विषय शामिल होंगे। कुल 26 प्रश्नों को 2 खंडों में विभाजित किया गया है, यानी कोडिंग और MCQ, सवालों की टोटल वेटेज 150 अंक होंगे, जिसमें सीखने की क्षमता, स्यूडोकोडिंग और कोडिंग सेक्शन शामिल हैं। MCQ प्रश्न कुल 80 अंक के होंगे, जिसमें निगेटिव मार्किंग भी शामिल है और कोडिंग फॉरमेट में कुल 70 अंक होंगे। टेक्नोलॉजी और संबंधित क्षेत्रों में सभी कैरियर पथों के लिए समान अवसर प्रदान करने हेतु इसे तैयार किया गया है। यह कोडिंग ऐनसैट की तकनीकी प्रतिभा को बढ़ावा देने के न्यूटन के ध्येय के मुताबिक है।
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